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ब्लॉग राइटर
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गुजरात निकाय चुनाव: कांग्रेस के लिए जश्न मनाने के हैं कई कारण
गुजरात में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों के नतीजों से कांग्रेस उत्साहित है। कहने को तो ये निगमों, ब्लॉकों का चुनाव है मगर क्या इसके कोई और मायने हो सकते हैं। यह इसलिए भी जरूरी है कि इसी तरह बीजेपी ने भी बंगलौर कॉरपोरेशन में जीत और केरल में एक जगह जीतने का भी जश्न मनाया था।
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बाबा की कलम सेः डीएनए विरुद्ध डीएनए, नीतीश बनाम मोदी
डीएनए यानि डीआॅक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड, इसकी खोज वाॅटसन और क्रिक ने 1953 में की थी। तब उन्होने ने सोचा भी नहीं होगा कि 62 साल बाद उसी डीएनए पर बिहार में राजनैतिक बहस होगी। उस प्रदेश के लोग इस पर बहस कर रहे हैं, जहां से कहा जाता है कि सबसे अधिक अफसर चुने जाते हैं।
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बाबा की कलम से : राजीव महर्षि की नियुक्ति - सत्ता के इस खेल का विजेता कौन...?
सत्ता के गलियारे में पर्दे के पीछे अधिकारियों को लेकर जो खेल खेला जा रहा है, वह किसी भी राजनैतिक दांव-पेंच को मात दे रहा है। राजनीति में उठा-पटक का यह खेल तो खूब देखा जाता है, मगर अधिकारियों को लेकर ऐसा खेल कम ही होता है।
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बाबा की कलम से : इस रात की सुबह नहीं...
याकूब मेमन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रात के तीन बजे अदालत लगाई। ये अपने आप में ऐतिहासिक घटना है, खास कर भारत की न्यायपालिका के इतिहास में। इसकी शुरूआत हुई सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद जिसमें याकूब की याचिका को खारिज कर दिया गया और उसकी फांसी बहाल रखी गई।
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बाबा की कलम से : मीडिया में लड़ी जा रही है संसद की लड़ाई
संसद में बने गतिरोध पर सरकार और कांग्रेस के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। सरकार को पता है कि कांग्रेस मॉनसून सत्र पर काले बादल की तरह मंडरा रही है तो संसद के शुरू होने के पहले ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर दिया कि एक कांग्रेसी नेता ने उन पर डिप्लोमेटिक पासपोर्ट लेने के लिए दबाव बनाया।
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बाबा की कलम से : विपक्ष की एकता
दिल्ली की राजनीति में आज दो महत्वपूर्ण घटना हुई हैं। टूटा-फूटा, बिखरा कभी एक दूसरे की बात पर सहमत न होने वाला जनता परिवार एक-एक तिनका फिर इकट्ठा कर अपना एक घोसला बनाना चाहता है। दूसरा, राज्यसभा में कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी, आरएसपी और तृणमूल नजर आए।
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बाबा की कलम से : अब क्या होगा बीसीसीआई का...
सबसे बड़ा सवाल है कि कौन होगा बीसीसीआई का अगला अध्यक्ष...? चलिए, एक संकेत देकर छोड़ देता हूं... अगला अध्यक्ष या ईस्ट जोन से हो सकता है, या सेंट्रल जोन से - वैसे ईस्ट का दावा अधिक मजबूत है...
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बाबा की कलम से : जब कोई खास आदमी फंस जाए दिल्ली के ट्रैफिक जाम में
जब राज्यसभा से गडकरी जी निकले तो लोगों ने जाम के अनुभव के बारे में पूछा। मंत्री जी ने फौरन दिल्ली में जाम कम करने के लिए 4,700 करोड़ देकर एक और रिंग रोड बनाने का ऐलान किया और यह भी कहा कि अगर दिल्ली सरकार यह नहीं कर सकती तो उनका मंत्रालय इसके लिए पहल करेगा।
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सेंट्रल हाल से : संसद के मैन्यू का नया मेहमान
संसद के सेंट्रल हॉल में आजकल हैदराबादी बिरयानी की खासी चर्चा में है। वजह है कि यह संसद के मेन्यू में अभी-अभी शामिल किया गया है। इस बार संसद की फूड समिति में तेलंगाना के सांसद भी हैं जिन्होंने मैन्यू में हैदराबादी बिरयानी के अलावा मीठे में खूबानी का मीठा और शाही टुकड़ा भी शामिल करवाया है।
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'न' नाम का पीएम...!
संसद में आजकल कोई कामकाज तो हो नहीं रहा इसलिए राजनीतिक गपशप जोरों पर है। चर्चा का विषय है एक अंग्रेजी दैनिक में छपा लेख जिसमें एक ज्योतिषी के हवाले से कहा गया है कि अगले प्रधानमंत्री का नाम न या N अक्षर से शुरू होगा।
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सेंट्रल हॉल : कांग्रेस को एक साहसी सेनापति की तलाश
कांग्रेस के साथ यह दिक्कत है कि जब सांसदों के मनोबल को उठाने की जरूरत है और जब पार्टी गांधी परिवार की तरफ देख रही है, राहुल कुछ और सोच रहे हैं। लोगों के मन में यह भी सवाल है कि क्या कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार के अलावा कोई और नहीं हो सकता? क्या गांधी परिवार यह जोखिम लेने के लिए तैयार होगा?
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सेंट्रल हाल से : उत्साहित हैं नए सांसद
16 लोकसभा में इस बार 314 नए सांसद पहली बार चुन कर आए हैं, यानि 58 फीसदी चेहरे नए हैं। ऐसे में सेंट्रल हाल का नजारा भी बदला बदला है, जो भी पत्रकार जिनकी पहुंच सेंट्रल हॉल तक है वो भी जाने पुराने चेहरे को ढूंढ़ रहे थे। असम के एक पत्रकार ने मुझसे कहा कि यार असम से इतने नए सांसद आ गए हैं कि पहचान नहीं पा रहा हूं।