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ब्लॉग राइटर
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अर्थव्यवस्था बढ़ रही है तो फिर नौकरियों में इजाफा क्यों नहीं?
आखिर ऐसा क्यों है कि दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के तमगे का ढोल पीटने वाली सरकार, जो पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने का दंभ भर रही है, वह न तो नौकरियां पैदा कर रही है और टैक्स बेस बढ़ाने के लिए टैक्स टेररिज्म पर उतारू है.
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- दिलीप पांडेय
- सितंबर 06, 2024 20:46 pm IST
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ब्लॉग : राजनीतिक सत्ता लोलुपता का चरम है चंडीगढ़ मेयर चुनाव
जबरिया लोकतंत्र का अपहरण चाणक्य नीति नहीं वरन् अतिशय सत्तालोलुपता का प्रतीक है. अगर अब भी समय रहते नहीं चेते तो वास्तव में संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं का कोई मतलब नहीं रह जाएगा और लोकतंत्र खत्म हो जाएगा.
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- दिलीप पांडेय
- फ़रवरी 25, 2024 17:43 pm IST
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आख़िर कौन रोकेगा BJP का विजय रथ...?
भारत का नेतृत्व एकमात्र वही दल कर सकता है, जिसके मुद्दे राष्ट्रीय हों, जिसकी सोच समग्र भारतीय चेतना का प्रतिनिधित्व करती हो और जो शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और सुरक्षा जैसे मुद्दों की राष्ट्र निर्माण में भूमिका को समझता हो. ऐसे में BJP का ईमानदार विकल्प कांग्रेस शायद ही कभी हो सकती है.
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- दिलीप पांडेय
- जून 02, 2023 13:18 pm IST
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दिलीप पांडे : देश के दर्द को बयां करती है दादरी की घटना
ये हिचक मेरे, आपके, और शायद हम सबके अन्दर होगी कि 29 सितम्बर की रात हुई दादरी की घटना को कैसे बोला, सुना और लिखा जाये। क्या इसे ऐसे कहा जाए कि एक गांव के आदमी को उसी गांव के लोगों ने मार डाला? या ऐसे लिखें कि एक निर्दोष को कुछ दोषियों ने मार डाला?
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अपने राजनैतिक हितों के आगे, जनता के हितों का बलिदान मत दीजिए, प्रधानमंत्री सर!
अखिल विश्व में संभवतः सबसे ज्यादा राजनैतिक रैलियां (जो अब भी जारी हैं) करने का रिकॉर्ड बनाने वाले प्रधानमंत्री मोदी अब शायद सबसे ज्यादा जुमलेबाजी का भी रिकॉर्ड बना चुके हैं।