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ब्लॉग राइटर
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उत्तराखंड का 'मांझी' महावीर, जिसने पहाड़ों को काटा नहीं और भी ऊंचा कर डाला
महावीर रवांल्टा से प्रेरणा लेकर अब रवांई क्षेत्र के लगभग तीस युवा रवांल्टी भाषा में लिख रहे हैं. 'रवांल्टी कविता विशेषांक' में इनमें से कुछ युवाओं की कविताएं भी प्रकाशित हुई हैं.
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- हिमांशु जोशी
- नवंबर 20, 2024 12:49 pm IST
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आभासी दुनिया में खोए बच्चों को वास्तविक दुनिया में लाने के कुछ उपाय
बच्चों को डिजिटल मीडिया के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए पैरेंट्स को खुद भी त्याग करना होगा. उन्हें बच्चों के सामने फोन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि बच्चा सब कुछ अपने पैरेंट्स को देखकर ही सीखता है.
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- हिमांशु जोशी
- नवंबर 19, 2024 19:12 pm IST
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दिवाली... पराली... सियासी जुगाली!
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का समाधान तो आज तक मिला नहीं. हर साल चिंतित होकर हम-आप सांसों की तकलीफ के साथ-साथ दिल और ब्लड प्रेशर के मरीज भी क्यों बनें?
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- अश्विनी कुमार
- नवंबर 18, 2024 20:24 pm IST
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हर हाथ में फोन, पर इंटरनेट की बुनियादी जानकारी न होना खतरनाक!
NSS के व्यापक सालाना मॉड्यूलर सर्वे (2022-23) के मुताबिक, देश में 15 साल से ऊपर के सिर्फ 60 फीसदी लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल करना जानते हैं. शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 74 फीसदी है, जबकि ग्रामीण इलाकों में 54 फीसदी.
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- अमरेश सौरभ
- नवंबर 14, 2024 21:07 pm IST
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कुछ यूं याद आते हैं विजयदेव नारायण साही, पढ़ें उनकी कुछ स्मृतियां
साही जी ने सारनाथ के युवजन शिविर में 'परिवर्तन की राजनीति में युवजनों की भूमिका' पर हमें सम्बोध किया. लगभग 90 मिनट तक सभी मंत्रमुग्ध सुनते रहे. पूरा शिविर उनकी कक्षा में बदल गया था.
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- प्रो. आनंद कुमार
- नवंबर 14, 2024 09:31 am IST
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कविता का अस्तित्व और नई पीढ़ी का आगाज़
कैंपस कविता जैसे आयोजन इस बात का प्रमाण हैं कि कविता का वास्तविक उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं है, बल्कि यह समाज में एक विचारशील बदलाव लाने का माध्यम भी है.
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- पूनम अरोड़ा
- नवंबर 12, 2024 16:10 pm IST
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उत्तराखंड का स्थापना दिवस : आज किन स्थितियों में है यह राज्य
उत्तराखंड का आज 25वां स्थापना दिवस है और इस अवसर पर हमने राज्य की वर्तमान स्थिति जानने के लिए प्रदेश के भौगोलिक, सामाजिक, राजनीतिक घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखने वाले कुछ लोगों से बातचीत की.
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- हिमांशु जोशी
- नवंबर 09, 2024 22:20 pm IST
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घर में कैद बुजुर्ग और हांफते लोग, दिल्ली की सांसों में घुला ये कैसा रोग?
हमारी हवा जहरीली हो रही है. गुरुवार की शाम को जब मैं इस मुद्दे पर लिखने बैठी तो AQI लगातार 400 पार जाकर दम घोंट रहा था. बहुत लोगों को यह मामला बोरिंग लगे, लेकिन जब आप अपने साथ काम करने वालों को खांसते-हांफते देखते-सुनते हैं, तो चिंता होने लगती है. सुबह उठते ही दरवाजे खिड़कियां खोलने के लिए डॉक्टर मना कर रहे हैं. बड़े बुजुर्गों के लिए तो मॉर्निंग वॉक बाहर की दुनिया से सीधे संपर्क का ज़रिया है, लेकिन डॉक्टर इसकी भी मनाही कर रहे हैं.
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- निधि कुलपति
- नवंबर 08, 2024 10:24 am IST
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“उगअ हे सूरज देव, अरग के बेर”: मानवीय संवेदनाओं और सरोकारों की महान सरगम थीं शारदा सिन्हा
अगर पूछा जाए कि पूरी दुनिया में विचरते हुए बिहारियों को कौन सी एक चीज बांधे रखती है? जवाब होगा- छठ. यह पर्व महज पर्व ही नहीं, बल्कि वह सांस्कृतिक धारा है जो बिहार को सदियों के संताप से मुक्त करती आ रही है. और कोई भी सांस्कृतिक धारा अपने शीर्ष तक नहीं पहुंचती जब तक उसमें संगीतमय प्रवाह नहीं हो, शारदा सिन्हा के रूप में यहां एक ऐसी गाथाई गायिका रही जिन्होंने अपने गीतों से छठ को पूरी दुनिया में लोकप्रिय बनाया. इनके गीतों ने छठ को वह संवेदनात्मक स्वर दिया जिसे अब तक न किसी ने दिया था और शायद कभी दिया जाएगा.
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- केयूर पाठक
- नवंबर 06, 2024 18:23 pm IST
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आपके गणित के ज्ञान को सुधार देगा महाराष्ट्र विधानसभा का यह चुनाव, समझदार मतदाता क्या करेगा
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव को कौन से कारक जटिल बना रहे हैं और इस चुनाव में एक समझदार मतदाता क्या करेगा, बता रहे हैं एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया.
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- संजय पुगलिया
- नवंबर 05, 2024 23:18 pm IST
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सिर्फ बाहर उजाला करने से क्या होगा, रोशनी की सबसे ज्यादा जरूरत तो भीतर है!
प्रकाश के पर्व को जबरन कुछ गैरजरूरी चीजों से जोड़कर हम न केवल अपनी धरती और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि सेहत को भी खतरे में डालते हैं.
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- अमरेश सौरभ
- अक्टूबर 29, 2024 16:29 pm IST
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कभी दूसरों पर था निर्भर, आज डिफेंस सेक्टर में भारत ने कैसे कमाया दुनिया का भरोसा
आज भारत जिस तेजी से विश्व बाजार में अपने उत्पादों को पहुंचाने के लिए विभिन्न देशों के साथ व्यापारिक समझौते और रिश्ते बना रहा है, ऐसा भारत की नीतियों में पहले कभी नहीं देखा गया था.
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- हरीश चंद्र बर्णवाल
- अक्टूबर 29, 2024 16:04 pm IST
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ईरान पर कब हमला करेगा इजरायल, किस दबाव में हैं बेंजामिन नेतन्याहू
फलस्तीनी संगठन हमास ने सात अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला किया था. इसमें एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. हमास ने सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया था. इसके बाद से इजरायल ने गाजा पर हमला किया था. यह हमला अब लेबनान और यमन तक फैल गया है. यह लड़ाई कब रुक सकती है बता रहे हैं सैयद ज़ैग़म मुर्तज़ा.
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- सैयद ज़ैग़म मुर्तज़ा
- अक्टूबर 22, 2024 18:54 pm IST
पत्रकारिता में 20 साल से अधिक का अनुभव. देशबंधु, अमर उजाला, बीबीसी, एशियाविले, एबीपी से होते हुए एनडीटीवी परिवार का हिस्सा बना. देश में जल, जंगल, जमीन और जाति की लड़ाई को समझने-बूझने की कोशिशें जारी हैं.
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स्वदेशीकरण की राजनीति और इसके विरोधाभास
सवाल ये भी है कि क्या हम ये मान लें कि हमारे पारंपरिक पहनावे “सौम्य” और “सभ्य” नहीं हैं? और अगर ऐसा है तो फिर हमारे सभी राजनेता उन सांस्कृतिक पहनावों से ही क्यों राजनीतिक सामाजिक जीवन में आते हैं, जिन्हें कार्यालयी जीवन में “असभ्य” और “असौम्य” माना जाता है?
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- रणधीर कुमार गौतम
- अक्टूबर 22, 2024 11:59 am IST
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LEGAL EXPLAINER: SC के फ़ैसले का नागरिकता, घुसपैठ, रोहिंग्या और CAA पर प्रभाव
शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश से फिर पलायन शुरू हो गया है, इसलिए नागरिकता क़ानून में बदलाव पर मुहर वाले सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के दूरगामी परिणाम होंगे. फ़ैसले से जुड़े 10 क़ानूनी पहलुओं को समझने की ज़रूरत है.
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- अक्टूबर 19, 2024 06:56 am IST
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UGC NET 2024 Result Declared Live: यूजीसी नेट रिजल्ट घोषित, JRF के लिए 4,970 और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 53, 694 अभ्यर्थी सफल, Direct Link
UGC NET 2024 Result Declared LIVE Updates: जून सत्र की नेट परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है. जेआरएफ यानी जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए 4,970 उम्मीदवार क्वालिफायड हुएं, वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 53,694.
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- अक्टूबर 18, 2024 17:21 pm IST
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साहित्य और कला का अद्वितीय संगम : कुंवर नारायण और सीरज सक्सेना
दो कलाओं का यह संगम अद्वितीय उदाहरण है कि कैसे कला और साहित्य मिलकर नए रूप में प्रकट हो सकते हैं. इस प्रकार के रचनात्मक प्रयोग हमारे समाज में कला और साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका को और भी स्पष्ट करते हैं. वे यह सिद्ध करते हैं कि कला और साहित्य केवल देखने या पढ़ने की वस्तुएं नहीं हैं, बल्कि वे मानवता की गहरी समझ, संवेदनाओं और विचारों को प्रकट करने के सशक्त और संवेदनशील माध्यम भी हैं.
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- पूनम अरोड़ा
- अक्टूबर 17, 2024 15:39 pm IST
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वामपंथी लाल आतंक के सफाए में क्यों लग गए 6 दशक
संविधान और सत्ता के खिलाफ गोली और बारूद के आतंक के बल पर सत्ता स्थापित करने की सोच चीन के नेता माओ त्से तुंग की थी, जिन्होंने अक्टूबर 1949 में चीन में क्रांति के जरिए साम्यवादी सत्ता की स्थापना की थी.
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- हरीश चंद्र बर्णवाल
- अक्टूबर 16, 2024 21:03 pm IST
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मॉनसून के संग महासागरीय पक्षी : महाराष्ट्र के समुद्रतट का प्राकृतिक चमत्कार
मॉनसून का मौसम महाराष्ट्र के तट पर एक नाटकीय परिवर्तन लाता है, और पेलैजिक पक्षी इस प्राकृतिक चमत्कार का अभिन्न हिस्सा हैं. समृद्ध भोजन मैदानों के लाभ से लेकर तूफानों और ऊंची लहरों से उत्पन्न खतरों तक, समुद्री पक्षियों और मॉनसून के बीच का संबंध सौहार्द और चुनौती दोनों का है. जब ये पक्षी बारिश से भरी हवाओं के बीच उड़ते हैं, तो वे हमें प्रकृति की दृढ़ता और हमारे महासागरों में जीवन को बनाए रखने वाले जटिल संतुलन की याद दिलाते हैं.
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- प्रदीप नामदेव चोगले
- अक्टूबर 16, 2024 12:53 pm IST
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मॉनसून-प्रेरित स्ट्रैंडिंग : बालीन व्हेल और डॉल्फ़िन पर मौसमी हवाओं का प्रभाव
प्रभावी प्रबंधन रणनीतियों के लिए समुद्री स्तनधारियों के फंसने के मूल कारणों को कम करने के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक कार्रवाइयों की आवश्यकता होती है, जिससे जैव विविधता की सुरक्षा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वस्थ समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित हो सके.
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- प्रदीप नामदेव चोगले
- अक्टूबर 14, 2024 10:27 am IST