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    सचिन-सचिन से गूंजा स्टेडियम, 'मास्टर' की टीम बनी पहली इंटरनेशनल मास्टर्स लीग की 'ब्लास्टर

    International Masters League T20 2025 Final: धवल कुलकर्णी की स्विंग होती गेंदों से वेस्टइंडीज के बल्लेबाज परेशान लग रहे थे पर स्मिथ ने कुछ अच्छे शॉट्स लगाकर वेस्टइंडीज की रनगति बढ़ाई. विनय कुमार ने अच्छे दिख रहे लारा को 6 रन पर पवन नेगी के हाथों कैच आउट करवा दिया, लारा के बाद विलयम पर्किन्स बल्लेबाजी करने आए.

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    माणा एवलांच का ज़िम्मेदार कौन? हिमालय को तकनीक और प्रबंधन की आवश्यकता

    ताजा हिमपात की घटनाओं में इन गड्ढों में अधिक बर्फ भर जाती है क्योंकि ताजा बर्फ की धरती से पकड़ कम होती है, लिहाजा ये ताजा बर्फ का मास अपने भार से टूट कर तेजी से नीचे गिर जाता है, इसी को अवधव या एवलांच कहते हैं.

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    Ind Vs NZ Final: भारत-न्यूजीलैंड मैच के 7 मोमेंट जिन्होंने तय किया नतीजा

    भारतीय क्रिकेट टीम ने तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया. कप्तान रोहित शर्मा की शानदार 76 रनों की पारी और श्रेयस अय्यर, केएल राहुल तथा हार्दिक पांड्या के महत्वपूर्ण योगदान से भारत ने न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराया और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पर अपना कब्जा जमाया. इस ऐतिहासिक जीत के बाद देशभर में जश्न का माहौल है. सभी जगह क्रिकेट प्रेमियों ने भारतीय टीम के प्रति प्यार का इजहार किया.

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    क्यों शुरू होना चाहिए बंद पड़ा 'महिला समाख्या कार्यक्रम'

    साल 1988 में महिला समाख्या कार्यक्रम प्रारंभ किया था. यह महिला सशक्तिकरण का जमीनी कार्यक्रम था. साल 1990 में इस कार्यक्रम हेतु अविभाजित उत्तर प्रदेश के टिहरी जिले का भी चयन किया गया था. इसके बाद 1995 में जिला पौढ़ी और फिर 1996 में जिला नैनीताल का चयन भी इस कार्यक्रम के लिए किया गया.

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    चली गईं आत्मबल की असीम शक्ति वाली विमला बहुगुणा

    विमला बहुगुणा के बारे में बात करते उत्तराखंड में गांधीवादी विचारों पर कार्य कर रहे अनिरूद्ध जडेजा कहते हैं कि वह गांधी विचारों की नेत्री थी. साल 1997- 98 में मेरा उनसे पहली बार संपर्क हुआ, वो दिन में कभी नही भूल सकता.

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    रील लाइफ के दौर में रीयल लाइफ पर काम करते ये बच्चे

    नानकमत्ता पब्लिक स्कूल के पांच बच्चों विनीता, साक्षी, योगिता, हरप्रीत और अमन ने छह महीने पहले 'सेक्सोपीडिया' नाम से एक ग्रुप बनाया. इसकी शुरुआत के बारे में बात करते विनीता कहती हैं कि हरप्रीत 'टीच फ़ॉर इंडिया' में 'फेलो ऑफ द फ़्यूचर' नाम की फेलोशिप में शामिल हुई थी और वहां उन्होंने लड़कियों को पीरियड्स के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में काम करने की शुरुआत की.

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    उत्तराखंड का 'मांझी' महावीर, जिसने पहाड़ों को काटा नहीं और भी ऊंचा कर डाला

    महावीर रवांल्टा से प्रेरणा लेकर अब रवांई क्षेत्र के लगभग तीस युवा रवांल्टी भाषा में लिख रहे हैं. 'रवांल्टी कविता विशेषांक' में इनमें से कुछ युवाओं की कविताएं भी प्रकाशित हुई हैं.

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    आभासी दुनिया में खोए बच्चों को वास्तविक दुनिया में लाने के कुछ उपाय

    बच्चों को डिजिटल मीडिया के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए पैरेंट्स को खुद भी त्याग करना होगा. उन्हें बच्चों के सामने फोन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि बच्चा सब कुछ अपने पैरेंट्स को देखकर ही सीखता है.

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    उत्तराखंड का स्थापना दिवस : आज किन स्थितियों में है यह राज्य

    उत्तराखंड का आज 25वां स्थापना दिवस है और इस अवसर पर हमने राज्य की वर्तमान स्थिति जानने के लिए प्रदेश के भौगोलिक, सामाजिक, राजनीतिक घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखने वाले कुछ लोगों से बातचीत की.

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    US में 8 लाख लोगों की भाषा, केन्या के रेडियो में बजते हिंदुस्तानी गाने... दुनिया में यूं बड़ी हो रही हिंदी की 'बिंदी'

    अमेरिका में हिंदी ग्याहरवीं सबसे मशहूर विदेशी भाषा है. भारतीय भाषाओं में इसे अमेरिका में सबसे ज्यादा लगभग 8 लाख लोगों द्वारा बोला जाता है. हिंदी बोलने वाले भारतीयों में यहां अधिकतर विद्यार्थी, शिक्षक, डॉक्टर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं.

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    नवरात्रों की शुरुआत में आधुनिक नारी शक्ति की कहानी

    2006 में पिता की मृत्यु के बाद अनुपमा और उनके बड़े भाई- बहन ने अपनी दुकान पर कला से जुड़ा काम शुरु किया. अनुपमा के भाई कहते हैं कि मैंने अपनी बहन की शादी में पांच छह लाख रुपए खर्च किए थे पर कुछ ही समय बाद अनुपमा वहां से परेशान होकर घर वापस आ गई.

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    हरिद्वार में फ्लाईओवरों के नीचे एक समानांतर दुनिया

    आजकल कांवड़ियों और उनके मार्ग में पड़ रहे दुकानदारों पर सबका ध्यान है, लेकिन हरिद्वार के फ्लाईओवरों, पुलों के नीचे रह रहे बेघरों के साथ घाटों पर शिवभक्तों से जुड़े सामान बेचने वालों की किसी को सुध नहीं है.

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    अस्कोट- आराकोट यात्रा 2024 : घोड़ों की लीद और साड़ियों के बोझ तले घुट रहा यमुनोत्री का दम

    "मैंने घोड़ों को लीद करते देखा और उसको देख मुझे यह समझ नहीं आया कि इस गंदगी का सही निस्तारण कैसे किया जाता होगा, क्योंकि वहां उसके लिए कोई डस्टबिन या उसे अलग से इकट्ठा करने की जगह नही थी."

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    होली का ये भी रंग, संस्कृति को सहेजता नैनीताल

    कुमाऊं में होली के दो प्रचलित स्वरूप पर 'रंग डारि दियौ हो अलबेलिन में' नाम की किताब में विश्वम्भर नाथ साह 'सखा' लिखते हैं कुमाऊं में होली के दो प्रचलित स्वरूप हैं, एक ग्रामीण अंचल की होली, जिसे खड़ी होली कहते हैं. दूसरी नागर होली, जिसे शहरी क्षेत्रों में बैठ होली कहते हैं.

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    अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में 'उन दिनों' की बात

    मेंस्ट्रुअल कप सेहत के लिहाज से सैनिटरी पैड के मुकाबले ज्यादा सेफ है. इसे कोई भी बहुत आसानी से इस्तेमाल कर सकता है. यह नेचुरल रबर या सिलिकॉन के बने होते हैं.

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    जीने की कला सिखाती 'यादगार-ए-ग़ालिब'

    किताब की भूमिका में ग़ालिब के मान सम्मान के बारे में लिखी पंक्ति 'जमाने के ये तमाम मान सम्मान जियादा से जियादा उस बुढ़िया के जैसी कोशिश थी, जो एक सूत लच्छी लेकर यूसुफ को खरीदने मिस्र के बाजार में आई थी...'

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    पहाड़ की आंखों देखी : खंडहर हो चुके मकान, बंजर खेत, नेपाली मजदूर

    उत्तराखंड के अधिकतर गांव अब कुछ दिनों के लिए होने वाली सामूहिक पूजा में ही आबाद होते हैं, सालों पहले पलायन कर गए लोग देवताओं को पूजने अपने गांव वापस आते हैं. पहाड़ में बीते यह कुछ दिन भी 'बाहर' से आए इन लोगों के लिए मुश्किल भरे होते हैं.

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    त्योहारी सीजन : ऑनलाइन बाजार गुलज़ार तो लोकल सुनसान, क्या है समाधान!

    लोकल दुकानदारों के लिए आगे चुनौती और भी मुश्किल होने वाली है क्योंकि भारत सरकार के अनुसार साल 2025 तक लगभग 87 प्रतिशत घरों में इंटरनेट कनेक्शन होगा.

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    रूढ़िवादिता, बेरोजगारी की दुश्वारी, पहाड़ तेरी यही कहानी

    दिल्ली, देहरादून से चुनाव प्रचार के लिए आने वाले इन गांवों के नीति निर्माता शायद ही कभी इन रास्तों पर उतरते हैं. आजादी के सालों बाद भी इन गांवों का जीवन आज भी कठिन है और शायद यही कारण है कि उत्तराखंड के पहाड़ खाली हो रहे हैं.

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    आम होकर भी खास फिल्म है 'ट्रायल पीरियड'

    फ़िल्म की कहानी तेज गति से आगे बढ़ती है, दर्शक शुरुआती दस मिनट में ही कहानी से जुड़ जाते हैं. इस कहानी में कोई रोमांचक मोड़ नहीं आता, अंत का अनुमान दर्शकों को पहले से ही रहता है.

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