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    शिक्षक दिवस: क्या AI ले पाएगा इंसानी शिक्षकों का स्थान

    आज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की भूमिका हमारे जीवन के हर क्षेत्र में बढ़ती जा रही है, ऐसे में शिक्षण और पठन-पाठन में एआई की भूमिका की पड़ताल कर रहे हैं हिमाशु जोशी.

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    विनाश की कीमत पर विकास से किसे है लाभ?

    पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं और वहां होने वाले निर्माण कार्यों के बीच संबंधों की पड़ताल कर रहे हैं हिमांशु जोशी.

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    हिंदी पखवाड़ा 2025: भाषाओं की नई उड़ान और नई चुनौतियां लेकर आया है AI

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किस तरह से भाषा को सुगम बना रहा है और क्या हैं इसके राह की चुनौतियां बता रहे हैं हिमांशु जोशी.

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    सद्भावना दिवस का संदेश, भटकते युवाओं को रास्ते पर लाना जरूरी

    आज जब समाज नफरत और विभाजन की चुनौतियों का सामना कर रहा है, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर मनाए जाने वाला 'सद्भावना दिवस' युवाओं को सिखाता है कि असली ताकत मेलजोल और भाईचारे में है.

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    ' जिक्र-ए-इरशाद ' में हुआ ' ठेके पर मुशायरा ', साहित्य के बाजारीकरण पर व्यंग्य

    दिल्ली के मंडी हाउस इलाके में स्थित एलटीजी ऑडिटोरियम में खेले गए नाटक 'ठेके पर मुशायरा'की समीक्षा कर रहे हैं हिमांशु जोशी.

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    50 साल बाद भी शोले की राधा और बसंती हैं हमारी दुनिया का हिस्सा

    हिंदी फिल्मों के इतिहास में सबसे सफल फिल्मों में से एक शोले की दो महिला पात्र राधा और बसंती की समाज में मौजूदगी के बारे में बता रहे हैं हिमांशु जोशी.

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    79वें स्वतंत्रता दिवस पर महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल: NCRB आंकड़े और हालिया घटनाएं चिंताजनक

    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार साल 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 4,45,256 रही, जो 2021 के 4,28,278 मामलों से करीब 4% अधिक है.

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    क्या रोकी जा सकती थी धराली आपदा, लापरवाहियों का नतीजा हैं हिमालयी आपदाएं?

    उत्तराखंड के धराली में पांच अगस्त को हुए हादसे को रोका जा सकता था. वहां किन बातों की अनदेखी की गई बता रहे हैं हिंमाशु जोशी,

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    किसे है प्रकृति बचाने की चिंता, छेड़छाड़ से सूखते उत्तराखंड के जल स्रोत

    विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर उत्तराखंड के प्राकृतिक जल स्रोतों के बदहाली की कहानी बता रहे हैं हिमांशु जोशी.

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    खाकी में इंसान: एक पुलिस अधिकारी की आत्मकथा और समाज की कड़वी सच्चाइयां

    उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की आत्मकथा 'खाकी में इंसान'पुलिस की वास्तविक जिंदगी और समाज के साथ उसके जटिल रिश्ते को समझाती है.

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    'ये मन बंजारा रे' : उत्तराखंड के पहाड़, समाज और स्वयं की यात्रा

    गीता गैरोला की किताब 'ये मन बंजारा रे' यात्रा वृत्तांत के साथ समाज, पर्यावरण और आत्मा की गहन समझ प्रस्तुत करती है.

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    World Youth Skills Day: युवाओं के लिए जरूरी स्किल इंडिया डिजिटल हब

    15 जुलाई को 'विश्व युवा कौशल दिवस' के रूप में मनाया जाता है, जिसे 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने घोषित किया था. इस साल का विषय है- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण.

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    मलाला दिवस: फिर से कोई भारतीय लड़की राधिका यादव न बने

    'अंतरराष्ट्रीय मलाला दिवस' और हरियाणा के गुड़गांव में राधिका यादव नाम की टेनिस खिलाड़ी की हत्या के बहाने भारतीय उपमहाद्वीप में महिलाओं की स्थिति के बारे में बता रहे हैं हिमांशु जोशी.

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    सड़क, प्रेम और तंगहाली 'रोटी के चार हर्फ़'

    आलोक रंजन की किताब 'रोटी के चार हर्फ़'की समीक्षा. आइए जानते हैं कि इस किताब की कहानियां हमें किस दुनिया से रूबरू कराती हैं.

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    अब ईरान-इजरायल युद्ध: युद्ध पर युद्ध, पर्यावरण पर गंभीर असर

    कॉन्फ्लिक्ट एंड एनवायरनमेंट ऑब्जर्वेटरी (Conflict and Environment Observatory) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार इराक-ईरान सीमा पर स्थित ईरान का अबादान रिफाइनरी इजरायल के लिए एक आसान निशाना हो सकता है.

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    'सोने की चिड़िया’: अतीत की महिमा बनाम आलोचनात्मक दृष्टि

    पुस्तक का समग्र स्वर राष्ट्रवादी पुनर्जागरण से प्रेरित है, जो आज के सामाजिक-राजनीतिक विमर्श में सामान्य है. यह दृष्टिकोण अपने आप में अनुचित नहीं, परंतु जब इतिहास को प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत किया जाए तो उसके तथ्यों की प्रामाणिकता और आलोचनात्मक दृष्टि और अधिक अनिवार्य हो जाती है.

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    पहाड़ से जुड़े हर विषय को अपनी यात्रा से समेटते शेखर पाठक

    प्रदीप पांडे की खींची तस्वीरों के साथ पहाड़ों की दुनिया में ले जाती 'हिमांक और क्वथनांक के बीच' किताब 'बब्बन कार्बोनेट' जैसी लोकप्रिय किताब प्रकाशित करने वाले नवारुण प्रकाशन से छप कर आई है.

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    जातिवाद से पलायन का दंश, 'भूतगांव' को किताब में उतार गए नवीन जोशी

    उपन्यास पहाड़ के खंडहर होते मकानों की पीड़ा को बयान करता है, यह उन मकानों को बचाने समाधान भी है 'मकान में सुबह शाम चूल्हा जला, धुंआ उठा तो मकान की उमर बढ़ जाती है. अब कौन जलाए यहां चूल्हा!'

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    मदर्स डे स्पेशल: मातृत्व सुख में आड़े आती एक अनजान बीमारी

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में 10-15% महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन से प्रभावित होती हैं, लेकिन भारत में यह आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि यहां मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी है.

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    अखाड़ा फिर से : क्लिकबेट के बिना कंटेंट से जीत लिया दिल

    'कस्तूरी' शॉर्ट फिल्म से चर्चा में आए वेब सीरीज के निर्देशक आशु छाबड़ा ने 'अखाड़ा फिर से' में अपने काम से बड़ा प्रभावित किया है. कर्ण को जब होश आता है तो उसके और टेम्पो चालक के बीच एक दूसरे को जानने वाला दृश्य दिल छू लेता है. मानवीय संवेदनाओं को आशु छाबड़ा ने जिस तरह से स्क्रीन पर दिखाया है, वह काबिलेतारीफ है. 

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