विज्ञापन
This Article is From Dec 03, 2015

गुजरात निकाय चुनाव: कांग्रेस के लिए जश्‍न मनाने के हैं कई कारण

Written by Manoranjan Bharti
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    दिसंबर 23, 2015 14:05 pm IST
    • Published On दिसंबर 03, 2015 18:53 pm IST
    • Last Updated On दिसंबर 23, 2015 14:05 pm IST
गुजरात में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों के नतीजों से कांग्रेस उत्साहित है। कहने को तो ये निगमों, ब्‍लॉकों का चुनाव है मगर क्या इसके कोई और मायने हो सकते हैं। यह इसलिए भी जरूरी है कि इसी तरह बीजेपी ने भी बंगलौर कॉरपोरेशन में जीत और केरल में एक जगह जीतने का भी जश्न मनाया था। अब कांग्रेस भी गुजरात का जश्‍न मना रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी सुधरा
गुजरात के इस लोकल चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस ने काफी अच्‍छा किया है। 31 जिला पंचायत में से 23 पर कांग्रेस जीती है तो बीजेपी 8 पर जबकि जिला पंचायत की 988 सीटों में से 472 पर कांग्रेस और 292 पर बीजेपी है। वहीं 230 तालुक पंचायत में 151 पर कांग्रेस और 77 पर बीजेपी का कब्जा है

महानगरपालिका-नगरपालिका में बीजेपी का दबदबा
शहरी क्षेत्र पर बीजेपी ने अपना दबदबा कायम रखा है। बीजेपी अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, जामनगर, राजकोट और भावनगर कारपोरेशन पर कब्जा जमाए हुए है जबकि 55 नगर पालिकाओं में से 41 पर बीजेपी और 12 पर कांग्रेस पार्टी जीती है।

स्‍थानीय चुनाव के नतीजों के मायने
इस स्थानीय चुनावों के नतीजों को विधान सभा में बदल कर देखें तो 105 सीटों पर कांग्रेस आगे है वहीं 77 पर बीजेपी। गुजरात के एक वरिष्ट्र कांग्रेस नेता की मानें तो बीजेपी की ये हार मोदी के गुजरात मॉडल की भी हार है। इस मॉडल से गांव के लोगों को कोई फायदा नहीं पहुंचा है। यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस को सफलता मिली है। किसानों में बीजेपी सरकार के लिए गुस्सा है, लेकिन कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा सवाल है कि इतने बड़े पटेल आंदोलन के वाबजूद राजकोट कारपोरेशन कांग्रेस क्यों नहीं जीत पाई।

इस पर कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पटेलों ने अपनी जाति के उम्मीदवार को वोट किया फिर चाहे वे कांग्रेस से हों या फिर बीजेपी से। दूसरे, लाखों पटेलों के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे। कांग्रेस इस बात से खुश है कि ग्रामीण इलाकों की सीटें उसने काफी अंतर से जीती हैं। लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड जीतने के बाद दिल्ली,बिहार और फिर गुजरात के स्थानीय चुनावों में भाजपा की यह तीसरी बड़ी हार है..।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
BLOG : हिंदी में तेजी से फैल रहे इस 'वायरस' से बचना जरूरी है!
गुजरात निकाय चुनाव: कांग्रेस के लिए जश्‍न मनाने के हैं कई कारण
बार-बार, हर बार और कितनी बार होगी चुनाव आयोग की अग्नि परीक्षा
Next Article
बार-बार, हर बार और कितनी बार होगी चुनाव आयोग की अग्नि परीक्षा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com