विज्ञापन
  • img

    रंग आध्यात्म और अस्तित्व की बीज माया

    उज्जैन, मध्यप्रदेश की कालिदास संस्कृत अकादेमी में तीन दिन तक चली इस कला प्रदर्शनी के दौरान, अनूप श्रीवास्तव की चित्रकला में एक पुकार अपने अस्तित्व में प्रकाशमान थी. एक आह्वान जो दर्शकों को भीतर तक केवल झकझोरता नहीं बल्कि एक असीम शांति, अंत का पूर्वाभास और अनंत की सौम्यता का अहसास कराता है.

  • img

    भरतनाट्यम को नए आयाम दे रही हैं आरोही मुंशी, देश विदेश में दे चुकी हैं प्रस्तुतियां

    आरोही मुंशी के परिवार में कला और संस्कृति की परंपरा रही है. उन्होंने गुरु-शिष्य परंपरा के तहत अपनी मां और गुरु डॉक्टर लता मुंशी से भरतनाट्यम का विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त किया है.वो सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, फिजी, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रिया और मलेशिया जैसे देशों में अपनी प्रस्तुतियां दे चुकी हैं.

  • img

    कविता का अस्तित्व और नई पीढ़ी का आगाज़

    कैंपस कविता जैसे आयोजन इस बात का प्रमाण हैं कि कविता का वास्तविक उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं है, बल्कि यह समाज में एक विचारशील बदलाव लाने का माध्यम भी है.

  • img

    साहित्य और कला का अद्वितीय संगम : कुंवर नारायण और सीरज सक्सेना

    दो कलाओं का यह संगम अद्वितीय उदाहरण है कि कैसे कला और साहित्य मिलकर नए रूप में प्रकट हो सकते हैं. इस प्रकार के रचनात्मक प्रयोग हमारे समाज में कला और साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका को और भी स्पष्ट करते हैं. वे यह सिद्ध करते हैं कि कला और साहित्य केवल देखने या पढ़ने की वस्तुएं नहीं हैं, बल्कि वे मानवता की गहरी समझ, संवेदनाओं और विचारों को प्रकट करने के सशक्त और संवेदनशील माध्यम भी हैं.

  • img

    सैयद हैदर रज़ा की पुण्यतिथि : मण्डला में कला और साहित्य का उत्सव

    सैयद हैदर रज़ा ऐसे ही चित्रकार के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने अपने जीवन का प्रारम्भ अभावों की क्षति में मध्य भारत के प्राकृतिक माहौल में किया. विभाजन के बाद जहां उनका परिवार पाकिस्तान जा बसा था, वहीं रज़ा ने फैसला किया कि वह भारत में ही रहेंगे. उनका यह फैसला महात्मा गांधी और मां नर्मदा के प्रति आस्था और विश्वास का परिणाम था.

  • img

    अपर्णा कौर के चित्र और उनमें समाहित कथाएं

    अपर्णा कौर के बनाए चित्र देखकर कोई न कोई स्मृति आकार लेने लगती है. जैसे कोई वस्तु या कोई विचार एक अनंत नींद से अचानक जाग गया हो और यथार्थ में आकर सहमा हुआ अपने आस-पास को देख रहा हो, उसे महसूस करने की क्षमता को विकसित कर रहा हो.

  • img

    गोगी सरोज पाल की चित्रकला में नियति, प्रारब्ध और कथाएं

    चित्रकार ने मनुष्य और पशु के सम्मिलित आकारों को निर्मित कर स्त्री के प्रत्येक भाव को भय से मुक्त करना चाहा है. मैं इसे किसी तरह का प्रयास नहीं कहूंगी, बल्कि सचेत और सतत प्रकिया कहूंगी, जिसके मंथन से न विष प्राप्त हुआ, न अमृत...

  • img

    गोंड कला - रंगों में सांस लेती परंपरा

    गोंड कलाकृतियों में आदिवासी लोकसंस्कृति की धुन, विशेषकर उसका संगीत, आचरण, कथाएं और सामुदायिक उत्सवों की गूंज रंगों और आकृतियों के माध्यम से आधुनिक कलाओं के मध्य बीसवीं सदी की गोंड परम्परा का निर्वाह उच्च प्रतीकों द्वारा साकार कर रही है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com