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ब्लॉग राइटर
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कविता का अस्तित्व और नई पीढ़ी का आगाज़
कैंपस कविता जैसे आयोजन इस बात का प्रमाण हैं कि कविता का वास्तविक उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं है, बल्कि यह समाज में एक विचारशील बदलाव लाने का माध्यम भी है.
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- पूनम अरोड़ा
- नवंबर 12, 2024 16:10 pm IST
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साहित्य और कला का अद्वितीय संगम : कुंवर नारायण और सीरज सक्सेना
दो कलाओं का यह संगम अद्वितीय उदाहरण है कि कैसे कला और साहित्य मिलकर नए रूप में प्रकट हो सकते हैं. इस प्रकार के रचनात्मक प्रयोग हमारे समाज में कला और साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका को और भी स्पष्ट करते हैं. वे यह सिद्ध करते हैं कि कला और साहित्य केवल देखने या पढ़ने की वस्तुएं नहीं हैं, बल्कि वे मानवता की गहरी समझ, संवेदनाओं और विचारों को प्रकट करने के सशक्त और संवेदनशील माध्यम भी हैं.
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- पूनम अरोड़ा
- अक्टूबर 17, 2024 15:39 pm IST
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सैयद हैदर रज़ा की पुण्यतिथि : मण्डला में कला और साहित्य का उत्सव
सैयद हैदर रज़ा ऐसे ही चित्रकार के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने अपने जीवन का प्रारम्भ अभावों की क्षति में मध्य भारत के प्राकृतिक माहौल में किया. विभाजन के बाद जहां उनका परिवार पाकिस्तान जा बसा था, वहीं रज़ा ने फैसला किया कि वह भारत में ही रहेंगे. उनका यह फैसला महात्मा गांधी और मां नर्मदा के प्रति आस्था और विश्वास का परिणाम था.
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- पूनम अरोड़ा
- जुलाई 25, 2024 19:41 pm IST
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अपर्णा कौर के चित्र और उनमें समाहित कथाएं
अपर्णा कौर के बनाए चित्र देखकर कोई न कोई स्मृति आकार लेने लगती है. जैसे कोई वस्तु या कोई विचार एक अनंत नींद से अचानक जाग गया हो और यथार्थ में आकर सहमा हुआ अपने आस-पास को देख रहा हो, उसे महसूस करने की क्षमता को विकसित कर रहा हो.
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- पूनम अरोड़ा
- जुलाई 11, 2024 22:42 pm IST
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गोगी सरोज पाल की चित्रकला में नियति, प्रारब्ध और कथाएं
चित्रकार ने मनुष्य और पशु के सम्मिलित आकारों को निर्मित कर स्त्री के प्रत्येक भाव को भय से मुक्त करना चाहा है. मैं इसे किसी तरह का प्रयास नहीं कहूंगी, बल्कि सचेत और सतत प्रकिया कहूंगी, जिसके मंथन से न विष प्राप्त हुआ, न अमृत...
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- पूनम अरोड़ा
- जून 21, 2024 16:38 pm IST
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गोंड कला - रंगों में सांस लेती परंपरा
गोंड कलाकृतियों में आदिवासी लोकसंस्कृति की धुन, विशेषकर उसका संगीत, आचरण, कथाएं और सामुदायिक उत्सवों की गूंज रंगों और आकृतियों के माध्यम से आधुनिक कलाओं के मध्य बीसवीं सदी की गोंड परम्परा का निर्वाह उच्च प्रतीकों द्वारा साकार कर रही है.
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- जून 12, 2024 19:41 pm IST