-
ब्लॉग राइटर
-
खुद हिन्दी पढ़ें, और बच्चों को देखने दें - बस, सुधर जाएगी हिन्दी की हालत...
भाषा से जुड़ा सबसे बड़ा सच यह है कि कोई भी शख्स आमतौर पर उसी भाषा को आत्मसात कर भली प्रकार प्रयोग कर सकता है, जिसमें वह सोचता है, गुनता है, शब्दों और वाक्यों को बुनता है... अगर वह इंग्लिश में सोचेगा, उसी में विचार करेगा, तो स्वाभाविक रूप से इंग्लिश में ही स्वयं को सरलता और सहजता से अभिव्यक्त कर पाएगा...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[interview] =>
[by_line] => Array
(
[id] => 10106
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] => Editor, NDTV.in
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] => https://twitter.com/vivekvrrastogi
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] => https://facebook.com/vivekrastogi
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] => सम्पादक, NDTV.in
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[id] => 1
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => NDTV
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => NDTV
)
)
- विवेक रस्तोगी
- अक्टूबर 14, 2024 09:57 am IST
-
किशोर कुमार की पुण्यतिथि (13 अक्टूबर) पर विशेष : आए तुम याद मुझे... गाने लगी हर धड़कन...
'दूर का राही', 'दूर गगन की छांव में' चला गया है, लेकिन मेरा हिन्दुस्तानी दिल हमेशा कहेगा... 'गाता रहे मेरा दिल...'
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => एनडीटीवी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => एनडीटीवी
)
)
- विवेक रस्तोगी
- अक्टूबर 01, 2022 10:53 am IST
-
विवेक रस्तोगी का ब्लॉग : क्योंकि मुझे प्यार है अपने बेटे से...
मैं आपसे, और अपने-आप से भी, वादा करता हूं, कि मेरा बेटा बालिग़ होने से पहले मेरी कार को हाथ नहीं लगा पाएगा, क्योंकि मैं अपने बेटे से बहुत प्यार करता हूं... आप भी करते हैं न...?
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => एनडीटीवी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => एनडीटीवी
)
)
- विवेक रस्तोगी
- अक्टूबर 01, 2022 10:47 am IST
-
विवेक रस्तोगी का ब्लॉग : 'सिर्फ बुरा' नहीं था रावण...
किसी को भी बुरा कहने से पहले उसके गुण, अच्छाइयां भी याद कर लें, क्योंकि भगवान रामचंद्र का विरोधी और शत्रु होने के बावजूद रावण 'सिर्फ बुरा' ही नहीं था...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[interview] =>
[by_line] => Array
(
[id] => 10106
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] => Editor, NDTV.in
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] => https://twitter.com/vivekvrrastogi
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] => https://facebook.com/vivekrastogi
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] => सम्पादक, NDTV.in
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[id] => 1
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => NDTV
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => NDTV
)
)
- विवेक रस्तोगी
- अक्टूबर 01, 2022 10:45 am IST
-
हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तानी बच्चे, और हिन्दी की हालत...
जो बच्चा आज उनतालीस, उनचास, उनसठ, उनत्तर और उनासी के बीच फर्क नहीं समझेगा, उसके लिए आने वाले दिनों में आम देशवासियों से बात करना, और देश के गौरव को समझना क्योंकर मुमकिन होगा... सो, आइए, भाषागत राजनीति में उलझे बिना ऐसे काम करें, जिससे हिन्दी और समृद्ध, और सशक्त हो...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => एनडीटीवी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => एनडीटीवी
)
)
- विवेक रस्तोगी
- सितंबर 14, 2020 09:51 am IST
-
हिन्दी में गुनना-बुनना मुमकिन नहीं रह गया, सो हश्र तो यही होना था...
पुरानी-नई किताबों की जिल्द की अलग-सी गंध आज भी पढ़ने का शौक ज़िन्दा रखे हुए है... सो, आप लोगों से अब सिर्फ यही कहना चाहता हूं, खुद भी कुछ न कुछ पढ़ने की आदत डालें, और अपने बच्चों को देखने दें कि आप क्या कर रहे हैं, ताकि वे भी वैसे ही बन सकें... और यकीन मानिए, अगर ऐसा हो पाया, तो हिन्दी की दशा सुधारने के लिए हर साल मनाए जाने वाले हिन्दी दिवस की ज़रूरत नहीं रहेगी...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => एनडीटीवी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => एनडीटीवी
)
)
- विवेक रस्तोगी
- सितंबर 11, 2019 11:16 am IST
-
'कभी न टूटने वाला' विश्वरिकॉर्ड बनाकर जा रहे हैं ग्रीम स्मिथ...!
दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ ने कुल 117 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से 109 में वह कप्तान रहे... यह आंकड़ा विश्व रिकॉर्ड है, और मौजूदा खिलाड़ियों में उनके सबसे नज़दीक भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं, जिन्होंने 53 मैचों में कप्तानी की है...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => एनडीटीवी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => एनडीटीवी
)
)
- विवेक रस्तोगी
- जनवरी 14, 2019 15:21 pm IST
-
अटल बिहारी वाजेपयी : अवसान एक युग का...
जिन्हें नहीं देखा, नहीं देखा, परन्तु राजनीति की मुझे समझ आने के बाद राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय राजनीति में यही एकमात्र नाम है, जिसे आदर्श राजनेता मान पाया हूं... जिसे विजय पर घमंड नहीं, पराजय से खीझ नहीं... विपक्ष में रहो, तो सत्ता से लड़ते हुए भी उसे सम्मान दो... सत्ता में रहो, तो विपक्ष को पूरा मान दो...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => एनडीटीवी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => एनडीटीवी
)
)
- विवेक रस्तोगी
- अगस्त 17, 2018 17:24 pm IST
-
हार कभी न मानूंगा, क्योंकि हालात सुधारने के लिए कोशिश ज़रूरी है...
कुछ ऐसी बातें और स्वभावगत विशेषताएं होती हैं, जो हमें जीवन में लगातार संघर्षरत रहने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं... मेरी जीवनचर्या में ऐसा ही एक नियम है, किन्हीं भी हालात में हार न मानना, और हालात को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना।
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 17:07 pm IST
-
दिल्ली की सड़कें, साइकिल की सवारी...
मेरी सोच कहती है कि छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम इस तेज़-रफ़्तार ज़िन्दगी में कुछ रफ़्तार हासिल कर सकते हैं, वरना वे दिन अब ज़्यादा दूर नहीं, हम सब साइकिल से सफर किया करेंगे...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 15:02 pm IST
-
कसूरवार हम हैं, अच्युतानंदन नहीं...
और हां, एक आखिरी नसीहत अच्युतानंदन जी के लिए... क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आप मुख्यमंत्री नहीं होते, तो संदीप के घर पर आपके साथ ऐसा व्यवहार होता, जो लिखा भी न जा सके...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 15:01 pm IST
-
कब जागेगा इंडिया, एक नई सुबह में...
बातचीत या शान्ति-वार्ता से पाकिस्तान के कान पर जूं भी नहीं रेंगती - इसका कितनी बार और सबूत चाहते हैं हम... कब जागेगा इंडिया, एक नई सुबह में, जिसमें आतंकवाद से इस तरह नहीं डरना पड़ेगा...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 15:01 pm IST
-
आ गया मुंहतोड़ जवाब देने का समय...
हां, यह सही है कि नक्सलियों के लिए हथियार उठा लेने की यह नौबत क्यों आई, इस पर विचार करना, और उस वजह को जड़ से खत्म करना भी हमारा और हमारी सरकार का ही दायित्व है...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 15:00 pm IST
-
आइए, दिल्ली को सुंदर बनाएं...
याद रखें, कोई शहर कितना भी सुंदर हो, सड़क पर हादसों में मरते हुए लोग उसे वीभत्स और डरावना बना देते हैं, दोस्तों...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 14:59 pm IST
-
अब BJP को मुस्लिमों का ज़्यादा ध्यान रखना होगा...
अब बीजेपी के पास न सिर्फ राज्य को बेहतर तरीके से चलाने की ज़िम्मेदारी आयद होती है, बल्कि यह ज़िम्मेदारी भी उसी की है कि उन पर भरोसा करने वाले, और भरोसा नहीं करने वाले मुस्लिम समाज समेत समूची जनता बेखौफ नई सरकार को अपनी सरकार मान सके, क्योंकि दादरी कांड और मुज़फ़्फ़रनगर दंगों में समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार को लापरवाही और ढिलाई का कसूरवार बताने का मौका बीजेपी के हाथ से जा चुका है...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 14:59 pm IST
-
किसी एक दौर के नहीं हैं 'बिग बी', हर दौर उनका दौर है...
मेरे बेटे ने शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान को बहुत बाद में पहचानना शुरू किया, लेकिन अमिताभ बच्चन को उसने बहुत छोटी उम्र से पहचानना शुरू कर दिया था, और सच्चाई यह है कि परिवार के बाहर का पहला चेहरा अमिताभ बच्चन का ही था, जो उसने पहचाना...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 14:58 pm IST
-
कपिल देव क्रिकेट के इतिहास में 'सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंडर' थे... हैं... रहेंगे...
दरअसल, सच कहूं तो यह पुरस्कार कपिल देव को काफी पहले मिल जाना चाहिए था, क्योंकि मेरी समझ से आज भारत में क्रिकेट का जो क्रेज़ मौजूद है, उसके पीछे कपिल देव के कुशल नेतृत्व के योगदान को कतई नकारा नहीं जा सकता...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 14:58 pm IST
-
दरअसल, डरे हुए नहीं हैं आडवाणी, चेता रहे हैं कांग्रेस को...
जो कांग्रेसी आडवाणी के ब्लॉग के आधार पर कह रहे हैं कि उन्होंने हार कबूल कर ली है, उन्हें ब्लॉग को पढ़ना चाहिए, क्योंकि हार का डर कम से कम मुझे तो उनके आलेख में नहीं दिखाई दिया...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 14:58 pm IST
-
क्या यह सिर्फ एक बलात्कार है...?
क्या ऐसा कुछ नहीं हो सकता कि अंतर्तम को झकझोरकर रख देने और गंभीरता से सोचने के लिए मजबूर कर देने वाली ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 14:58 pm IST
-
याद रहे, मेरा मुल्क न हार जाए...
मैं नहीं जानता, कोर्ट क्या कहेगी, क्या करेगी... वहां मंदिर बनेगा या मस्जिद... कौन जीतेगा, कौन हारेगा... लेकिन इतना जानता हूं, अगर फसाद हुए तो मेरा-आपका मुल्क हार जाएगा...
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Vivek Rastogi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => विवेक रस्तोगी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] => भाषा से प्यार करना और उसका सम्मान करना विरासत में मिला, और छोटी उम्र से ही अपनी सुनाने, और लिखने का चस्का पत्रकार बना गया. ढाई दशक से अधिक की पत्रकारिता में मीडियम बदलते रहे, लेकिन भाषा से लगाव खत्म नहीं हुआ, जो आज की पीढ़ी, विशेषकर ऑनलाइन मीडियम में दुर्लभ है. मानता हूं कि आनंदित और आंदोलित होने की सूरत में सबसे अच्छा लिखा जा सकता है, सो, कम लिखता हूं. वैसे, विशेषज्ञ किसी भी विषय का नहीं हूं, लेकिन पढ़ने के शौक की बदौलत किसी भी विषय पर कतई कोरा भी नहीं हूं.
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] => https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/vivek-rastogi_240x180_61521535815.jpg
)
)
[hindiname] => विवेक रस्तोगी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- विवेक रस्तोगी
- मार्च 20, 2018 14:56 pm IST