विज्ञापन
  • img

    हमेशा होठों पर मुस्कान..मूछों पर ताव...और यह "सिग्नेचर स्टाइल"...बहुत याद आओगे गब्बर!

    Shikhar Dhawan Retires from International and Domestic Cricket: धवन की प्रतिभा को साल 2004 अंडर-19 विश्व कप के जरिए दुनिया ने पहली बार देखा. वह पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बना कर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे. तब, गब्बर ने 84.16 के औसत से 505 रन बनाए थे. इस विश्व कप में सुरेश  रैना भी टीम में थे, लेकिन इस "धमक" के बावजूद धवन को टीम इंडिया की जर्सी पहनने के लिए खासा लंबा इंतजार करना पड़ा.

  • img

    जब तक ठोस प्लानिंग और रीफॉर्म नहीं होगा, हाल हर बार यूं ही बेहाल होगा...!

    द्रविड़ ने नियुक्ति के बाद पूरा ज़ोर वर्कलोड मैनेजमेंट और खिलाड़ियों की ज़्यादा से ज़्यादा आज़माइश पर दिया. यह अच्छी बात रही, लेकिन इसके होने और स्तरीय / ज़्यादा विकल्पों के बावजूद भारतीय कोच विश्व कप में पहले मैच से लेकर शर्मनाक विदाई (इंग्लैंड के हाथों 10 विकेट से हार) तक 'समझौतावादी एकादश' के साथ खेले!

  • img

    विराट की एक बड़ी गलती..और देखते-देखते सबकुछ बदल गया!

    अब यहां से कोहली के लिए आगे की यात्रा आसान बिल्कुल भी नहीं होने जा रही. उनके लिए खेल में मन को "खुली आंखों" से रमाना आसान नहीं होगा. लेकिन अगर आज जहां कोहली खड़े हैं, उसके लिए वह खुद ही सबसे ज्यादा दोषी हैं!

  • img

    'भारत' के कॉमेडियन राजू 'इंडिया' को बहा ले गए, आज कई 'गजोधरों' की दरकार...!

    राजू श्रीवास्तव अपने आप में प्रोडक्ट रहे और ऐसा उत्पाद कई सालों की तपस्या से तैयार होता है. उनके साथ खासा समय गुज़ारने वाले एक साथी बताते हैं कि कैसे राजू ज़मीनी थे और छोटे शहरों की घटनाओं का बारीकी से आकलन करने के लिए कुंभ के मेले या बाकी जगहों पर चेहरा छिपाकर कई-कई घंटे घूमते रहा करते थे.

  • img

    जम्मू-कश्मीर से निकली इस 'धारा' को तुरंत 'भारत' से जोड़ने की ज़रूरत!

    रिकॉर्डधारी दिग्गज कपिल देव और उनके दौर के बाद भारत के लिए कई मीडियम पेसर आए, लेकिन ये मध्यम तेज़ गति के गेंदबाज़ ही कहलाए और ये स्विंग और सीम पर ज़्यादा निर्भर रहे. इनकी नैसर्गिक ताकत तेज़ी नहीं थी. इनमें चेतन शर्मा, जवागल श्रीनाथ वगैरह रहे, लेकिन...

  • img

    कोहली का मुगालता - सौरव का 'क्रीज से ज़्यादा बाहर निकलना' और BCCI स्टंप्ड...?

    बात चाहे मैदान के भीतर की हो या बाहर की, सौरव को हमेशा कदमों का इस्तेमाल करते हुए लंबे-लंबे छक्के लगाना प्रिय रहा है. उन्हें यह बहुत ही भाता है और वह इसका लुत्फ उठाते हैं. उन्हें कैमरे पर दिखना और मीडिया की सुर्खियों में बने रहना भी बहुत पसंद है

  • img

    अगला टी-20 वर्ल्ड कप जिताने के लिए 'जादू की छड़ी' द्रविड़ के पास भी नहीं

    यूं तो वक्त भारतीय क्रिकेट में बहुत और कई बातों की मांग कर रहा है, लेकिन बात टी-20 के संदर्भ में ही है, तो यह सटीक समय है, जब आपको इस फॉर्मेट को सीरियस लेना होगा. BCCI कह सकता है कि वह गंभीरता से ले रहा है. वह IPL जैसी वैश्विक लीग करा रहा है, लेकिन यह गंभीरता दिख नहीं रही

  • img

    हरलीन देओल का कैच भारत में मजबूत होते महिला सशक्तिकरण का प्रतीक!

    हरलीन कौर को वर्तमान भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे सुंदर/मॉडल खिलाड़ियों में माना जाता है. सोशल मीडिया पर उनकी फैन फोलोइंग जबर्दस्त है,  लेकिन इस कैच से हरलीन ने मानो भारत के ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के पुरुषों को यह बताने की कोशिश की/बता दिया, "अब आप हमें देखने का नजरिया बदल लीजिए"!

  • img

    क्या जीत का इरादा होने भर से रन निकलने लगेंगे...?

    यह सही है WTC Final से पहले भारत स्तरीय मैच प्रैक्टिस के अभाव में  उतरा था. अगर स्तरीय मैच प्रैक्टिस होती भी, तो क्या होता? अगर मान लीजिए कि कप्तान विराट की इच्छानुसार तीन फाइनल भी होते, तो क्या परिणाम होता? विश्वास कीजिए करीब 60-70 प्रतिशत परिणाम लगभग वैसा ही होता जो न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में हुआ. कारण यह है कि कौशल (स्किल्स) का जन्म रातों-रात नहीं होता.

  • img

    अचानक से ही जितिन प्रसाद के ब्राह्मण नेता का नैरेटिव गढ़ने के क्या मायने हैं?

    क्या प्रदेश की जनता के करीब 11 प्रतिशत ब्राह्म्ण योगी से नाखुश हैं? आप जमीन पर किसी शर्मा, त्रिपाठी, मिश्रा, गौड, तिवारी से बात कीजिए, तो सब साफ हो जाएगा. ये तमाम लोग योगी के होने भर से ही गद्गद हैं. ब्राह्म्णों का बहुत बड़ा वर्ग योगी के लिबास और विचारों से सुकून पाता है. पिछले पांच सालों में प्रदेश के गांव-गांव और शहर-शहर योगी  की लोकप्रियता कई गुना बढ़ी है

  • img

    खराबी नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच में नहीं, अंग्रेज़ बल्लेबाज़ों के 'कौशल' में है...

    इंग्लैड की पहली पारी में चार बल्लेबाज़ LBW और तीन बल्लेबाज़ बोल्ड हुए. दूसरी पारी में भी उसके चार बल्लेबाज़ LBW और तीन बल्लेबाज़ बोल्ड हुए. अगर पिच में अप्रत्याशित घुमाव, उछाल होता, तो उसके ज़्यादार बल्लेबाज़ों के कैच विकेटकीपर / नज़दीकी फील्डरों के हाथों में समाए होते. दूसरी पारी में कीपर पंत के दस्तानों में महज दो कैच आए. इनमें से भी एक नंबर 11 एंडरसन का था.

  • img

    फिरोजशाह कोटला (अब जेटली) स्टेडियम में यह नए दौर का धर्म है

    इस मामले पर कुछ 'धर्मयोद्धा' मन ही मन नाराज़ हैं, लेकिन आएदिन हर विषय पर राय रखने वाले इन 'धर्मयोद्धाओं' के होठ सिल गए हैं. दरअसल, ये बड़ा धर्म देख रहे हैं. ये धर्म की व्यापकता में भरोसा रखते हैं. यही वजह है कि इनके मुख से कोई आवाज़ नहीं आई, और जब मूर्ति का अनावरण हो रहा था, तो यही धर्मयोद्धा तालियां बजा रहे थे.

  • img

    Mirzapur2: कालीन भैया का कोई जोड़ नहीं... गुड्डू भैया का कोई तोड़ नहीं...मुन्ना भैया में कोई खोट नहीं, लेकिन...

    ओरिजनल सीरीज (Original Web/real series) की पहली और अनिवार्य शर्त यह है वह अपनी "आत्मा" अपने "मिजाज व चरित्र" (पटकथा, फिल्मांकन, डायलॉग, अभिनय, वगैरह-वगैरह) के लिहाज से "वास्तविकता" सामने लेकर आए!! पता नहीं मिर्जापुर (#Mirzapur Part-1) भाग-1 कितने प्रतिशत वास्तविक थी और कितनी काल्पनिक, लेकिन पहला भाग वास्तविकता के दर्शन कराने में कामयाब रहा था. पहले भाग में लेखक पूरी तरह महसूस कराने में यह असल ही है!! कई सीन (फिल्मांकन) गैंग्स ऑफ वासेपुर से "प्रेरित" थे, लेकिन यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं था!! वास्तव में जो स्तर सेक्रेड गेम्स ने स्थापित किया, उसे मिर्जापुर भाग-1 और आगे लेकर गया था. लोगों को भरपूर मजा आया, भारी सफलता मिली और नए मानक स्थापित हुए.

  • img

    25 साल: दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे: किसी भी दौर में ताजा हवा का झोंका!

    यह फिल्म भारतीय सिनेमा सहित कई लोगों मतलब यशराज बैनर और किंग खान के करियर का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुई! अमिताभ बच्चन के बाद भारतीय सिनेमार के सबसे बड़े सुपरस्टार शाहरुख खान का करियर 360 के कोण पर घूम गया! मंगलवार (20 अक्टूबर) को 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' की रिलीज को पूरे 25 साल हो जाएंगे, लेकिन आज भी यह फिल्म किसी ताजे हवा के झोंके की तरह है.

  • img

    'माही मैनेजमेंट' से धोनी ने 'हिन्दुस्तान' के युवाओं के सामने खड़ी की नज़ीर

    यह 'माही मैनेजमेंट' का अपना नज़रिया था और वर्तमान में जीने के नज़रिये से माही सीढ़ी-दर-सीढ़ी चढ़ते गए. ऐसा मैनेजमेंट, जिसे बाद में साल 2011 में बेंगलुरू के IFIM बिज़नेस स्कूल में पाठ्यक्रम में शामिल किया गया. इसे पाठ्यक्रम में धोनी की नेतृत्व क्षमता के बारे में एक अनिवार्य पेपर के रूप में शामिल किया गया

  • img

    विक्रम जोशी को बदमाशों ने नहीं, सड़े हुए सिस्टम ने मारा; नजीर स्थापित कीजिए मुख्यमंत्री जी

    आखिर पुलिस विक्रम जोशी के मरने के बाद जागी नहीं, जगाई गई. और फिर वही पुराना रटा-रटाया लीपापोती का बहुत ही घटिया और बासी हो चुका फॉर्मूला, चौकी इंचार्ज, एसओ या सीओ का निलंबन, परिवार को कुछ आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी. लीपापोती का एक बेहतरीन तरीका. क्या इससे परिवार के नुकसान की भरपायी हो जाएगी? क्या इससे उन दस और छह साल की बेटियों के आगे से ताउम्र उनके पिता की हत्या की तस्वीरें मिट पाएंगी? क्या ये बेटियां इस घटना से उबर पाएंगी? पुलिस की क्या छवि बनेगी इन बेटियों की नजरों में?

  • img

    बलराज साहनी के बाद मोस्ट एफर्टलेस एक्टर और अभिनय के मार्क वॉ थे इरफान खान!

    'मेथड एक्टिंग' में संजय दत्त बनना रणबीर कपूर के लिए एक बार को आसान है, लेकिन इरफान खान ने अपनी सहजता से पान सिंह तोमर को 'कूल डाकू' बना दिया! न सुनील दत्त की तरह माथे पर टीका और न "खून पी जाऊंगा", "आग लगाकर राख कर दूंगा" जैसी आक्रामकता, लेकिन इरफान खान ने पान सिंह तोमर को जनता के दिलों में बसने पर मजबूर कर दिया!

  • img

    केएल राहुल और हार्दिक पंड्या को ‘तबाह’ करने पर तुली है COA!

    COA के सदस्यों विनोद राय और डायना एडुल्जी के आपसी मतभेद के कारण खुद सीओए और पूरा मामला और उपहास और चिंता के विषय में तब्दील हो गया है. कारण यह है कि इस जांच के 'ड्रामे' ने हार्दिक पंड्या और केएल राहुल के भविष्य को दांव पर लगा दिया है, जो पहले ही कहीं ‘ज्यादा सजा’ भुगत चुके हैं.

  • img

    शाहरुख खान: रोमांस अभी बाकी है मेरे दोस्त !!

    यह वह समय था, जब भाग्य शाहरुख से चार कदम आगे चल रहा था! जरा कल्पना कीजिए अगर शाहरुख की साइन की पहली फिल्म दिल आशना है पहले रिलीज हो जाती होती, तो क्या होता? यह करीब 1988 का समय था, जब हेमा मालिनी प्रोडक्शन हाउस से शाहरुख के पड़ोसी के घर फोन आया

  • img

    ...तो हर इंग्लैंड दौरे में कुछ ऐसा ही हाल होगा!

    इंग्लैंड के खिलाफ हालिया संपन्न पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के आखिरी टेस्ट की दूसरी पारी में केएल राहुल और ऋषभ पंत ने अपनी शतकीय पारियों से सीरीज की स्कोर लाइन 3-2 करने की भरपूर कोशिश की, लेकिन आखिर में भारत को 4-1 से हार का कलंक वहन करने पर मजबूर होना पड़ा.

अन्य लेखक
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com