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ब्लॉग राइटर
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INDvsENG : क्या यह ड्रॉ इंग्लैंड के लिए जीत जैसा है?
जब राजकोट में पांचवें दिन लक्ष्य सामने आया, तो दो साल पहले की याद आई. आक्रामक विराट क्या फिर इस लक्ष्य के लिए जाएंगे? शायद उन्होंने सोचा होगा कि पहले 20-25 ओवर्स देखते हैं. फिर टी 20 स्टाइल में खेलकर जीतने की कोशिश करेंगे.
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- शैलेश चतुर्वेदी
- नवंबर 13, 2016 17:40 pm IST
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एक शख्स, जिसने बदल दी हॉकी की दुनिया
2005 की बात है. हैदराबाद में हॉकी के नए अवतार ने जन्म लिया था. प्रीमियर हॉकी लीग. उसी समय दिल्ली में भारतीय हॉकी फेडरेशन यानी आईएचएफ की बैठक थी. हैदराबाद में मैच के बीच अचानक कोई आया. उसने सवाल किया – यार, ये नरिंदर बत्रा कौन हैं?
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- शैलेश चतुर्वेदी
- नवंबर 12, 2016 22:06 pm IST
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क्या वाकई हार्दिक पांड्या जैसे ऑलराउंडर की सख्त जरूरत है ?
सवाल फिर भी वही है कि क्या वाकई हार्दिक पांड्या उस स्तर पर पहुंच गए हैं, जहां किसी को टेस्ट कैप दी जाए? और अगर नहीं पहुंचे हैं, तो महज एक ऑलराउंडर लेने के नाम पर इस तरह के फैसले की जरूरत है?
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- शैलेश चतुर्वेदी
- नवंबर 03, 2016 17:18 pm IST
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फेल हो रहा है 'न्यूट्रल क्रिकेट' का फॉर्मूला
रणजी सीजन के पहले दिन जब कुछ पत्रकार मैच कवर करने पहुंचे तो उनके लिए नजारा झटका देने वाला था. कुछ जगहों पर हालत ऐसी थी, जैसे मेजबान एसोसिएशन को कोई मतलब न हो.
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- शैलेश चतुर्वेदी
- अक्टूबर 25, 2016 15:52 pm IST
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क्यों हो रहे हैं वनडे के लिए ‘थोक’ में बदलाव
न्यूजीलैंड के खिलाफ भी टीम महज तीन मैचों के लिए है यानी आखिरी दो मैचों के लिए फिर प्रयोग हो सकते हैं. सवाल यही है कि क्या सिर्फ प्रयोग के लिए प्रयोग हो रहे हैं या भारतीय क्रिकेट को इसका फायदा भी है?
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- शैलेश चतुर्वेदी
- अक्टूबर 14, 2016 12:08 pm IST
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'नए मास्टर', 'दीवार' और 'जम्बो' यहां हैं... लेकिन वीरू कहां हैं
इंदौर में जिस तरह की साझेदारी विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे ने की है, उसके बाद क्या हम इस जोड़ी की तुलना सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की जोड़ी से कर सकते हैं.
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- शैलेश चतुर्वेदी
- अक्टूबर 11, 2016 17:38 pm IST
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विश्लेषण : भारतीय क्रिकेट का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है कोलकाता टेस्ट
गांगुली की कप्तानी और कुंबले की सोच ने ही 21वीं सदी के पहले दशक में भारत को विदेश में कामयाबी दिलाई थी. अब गांगुली सीएबी अध्यक्ष हैं, उन्होंने इस तरह की पिच मुहैया करवाई, उसमें कोच कुंबले की सोच मिलकर टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है.
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- शैलेश चतुर्वेदी
- अक्टूबर 03, 2016 18:40 pm IST
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अजहर को आमंत्रण : कानूनी प्रक्रिया और स्वीकार्यता पर छिड़ी बहस..
सवाल सिर्फ अजहरुद्दीन या बाकी किसी भी आरोपी का नहीं है. सवाल उनकी स्वीकार्यता का है. दरअसल, हमारे समाज ने इन सबको स्वीकार कर लिया है और करता रहा है.
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- सितंबर 21, 2016 17:46 pm IST
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पेस, सानिया और बोपन्ना : सितारों की 'जंग' और अहंकार से हारता देश
43 साल के लिएंडर पेस, 36 साल के रोहन बोपन्ना, करीब 30 साल की सानिया मिर्जा. इस उम्र में भी ये सब भारतीय टेनिस के कर्णधार हैं. इनमें से किसी ने बताने की जरूरत नहीं समझी कि आखिर कब हमारे पास कोई एक खिलाड़ी ऐसा होगा, जो सिंगल्स के टॉप 100 में हो.
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- शैलेश चतुर्वेदी
- सितंबर 19, 2016 18:50 pm IST
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आठ के हों या 43 के... राफेल नडाल के कमिटमेंट से सीखिए
अगर शुक्रवार या रविवार को दिल्ली में हैं, तो इस प्रोफेशनल खिलाड़ी को ज़रूर देखिए. 30 साल के हैं... चोट से जूझते हुए आए हैं.. न जाने फिर कभी उनका बेस्ट दिखेगा या नहीं. लेकिन वह कमिटमेंट ज़रूर दिखेगा, जिसके लिए राफेल नडाल को जाना जाता है. पेस के शब्दों में वाकई आप आठ साल के हों या 43 के... इस खिलाड़ी की प्रैक्टिस से सीखने के लिए बहुत कुछ है.
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- शैलेश चतुर्वेदी
- सितंबर 15, 2016 11:35 am IST
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ठीकरा मत फोड़िए, पदक पाने के लिए सही वजहों को ढूंढिए
हम हर बार बात करते हैं कि फेडरेशनों में राजनेताओं का बोलबाला है.हम बात करते हैं कि खिलाड़ियों को कमान देनी चाहिए.हम बात करते हैं कि प्रोफेशनल सेट-अप कितना जरूरी है.जिन दो खेलों में भारत को पदक मिले हैं, दोनों के अध्यक्ष राजनेता हैं.
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- सितंबर 01, 2016 15:51 pm IST
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वो पांच वजहें...जिनसे पीवी सिंधु बनेंगी गोल्डन गर्ल
एक के बाद एक तीन मैच... हर मैच के साथ नए आसमान छूता भरोसा.... पीवी सिंधु के लिए रियो ओलिंपिक कुछ ऐसी फॉर्म लेकर आए हैं, जिसकी उम्मीद अभी तक खेल प्रेमी करते थे. सब जानते हैं कि सिंधु बेहद प्रतिभाशाली हैं.
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- अगस्त 19, 2016 12:35 pm IST
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रियो में गहराते 'अंधेरे' को उजाले में बदल सकती हैं सिंधु
सिंधु के लिए जरूरी है कि मैच पर फोकस रखें. उनके लिए जरूरी है कि तगड़े स्मैश पर भी रिटर्न आ जाए, तो फ्रस्ट्रेशन न आने दें. उनके लिए जरूरी है कि पिछले दो मैचों के खेल की लय को लगातार तीसरे मैच में भी बने रहने दें. ये हुआ तो वह अंधेर छंटेगा, जो रियो ने भारतीय खेलों पर बिखेरा है. वो जीरो हटेगा,
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- शैलेश चतुर्वेदी
- अगस्त 17, 2016 15:36 pm IST
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रियो के 'ज़ीरो' में भी सामने आए सबसे बड़े हीरो, जिन्हें भूलना नहीं चाहिए...
दत्तू और दीपा ने जो किया है, वह कभी नहीं भूला जाना चाहिए. गले में पदक भले ही न हो. लेकिन उन्होंने जो किया, वह कई मायनों में पदक जीतने से भी बड़ा काम है. उनकी कामयाबी की नींव पर इन खेलों में बुलंद इमारत बनाई जा सकती है. रियो के ज़ीरो में जो सबसे बड़े हीरो हैं, वह वाकई ये दोनों हैं.
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- शैलेश चतुर्वेदी
- अगस्त 15, 2016 14:34 pm IST
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नरसिंह जीते, लेकिन उनका सपना तो नहीं हार गया?
नरसिंह को नाडा ने बरी कर दिया है. लेकिन क्या वाकई नरसिंह के लिए बरी होना ही पदक है? और अगर नहीं, तो रियो से पदक लेकर आने का सपना क्या बरकरार है?
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- शैलेश चतुर्वेदी
- अगस्त 01, 2016 21:12 pm IST
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ये क्रिकेट में रोमांच की ‘मिस्ट्री’ है...
वह गेंद ऑफ स्टंप के काफी बाहर पड़ी थी. पिच में ऐसा कुछ नहीं था, जिसे 'शैतानी' करार दिया जाए. पिच में टर्न जरूर था. लेकिन श्रीलंकाई पिचों पर गेंद टर्न होती ही है. जो बर्न्स बल्लेबाज थे. ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज. ऐसा लगा नहीं कि उन्होंने कुछ गलत किया हो, लेकिन सांप की तरह फुफकारती गेंद घूमी. ..
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- अगस्त 01, 2016 15:14 pm IST
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नरसिंह के जरिए समझिए खेलों की राजनीति का चेहरा
पहलवान नरसिंह यादव का नाम शायद बच्चे-बच्चे को पता होगा। पिछले दिनों सुशील कुमार और उनके बीच अदालत तक चली गई जंग सबके सामने थी। अदालत में जीतकर ही वे रियो जाने वाले थे। नरसिंह को थोड़ा-बहुत जानने वाले के मन में पहली बात यही आती है कि कहीं उन्हें फंसाया तो नहीं गया।
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- शैलेश चतुर्वेदी
- जुलाई 25, 2016 16:10 pm IST
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कल बनारस में फिर सूरज उगेगा…बस, शाहिद नहीं होंगे
वो सुबह भी किसी सुबह जैसी ही थी। पूरब से ही सूर्य उदय हुआ था। किसी भी नौकरीपेशा घरों में जैसी तैयारी होती है, वही हो रही थी। वाराणसी के अपने घर में मोहम्मद शाहिद नहाकर निकले।
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- जुलाई 20, 2016 19:45 pm IST
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क्यों रियो में नाकामी और कामयाबी के बीच का फर्क होंगे सरदार...
दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में जूनियर टीम का कैंप था। 2004-05 की बात है। एक दुबला-पतला खिलाड़ी चुपचाप कोने में खड़ा था। सिर पर छोटा सा पटका। कोच हरेंद्र सिंह थे। उनसे अपनी जानकारी के लिए पूछा कि आपको क्या लगता है, कौन-से वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी हैं।
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- जुलाई 18, 2016 21:20 pm IST
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क्या कहता है बिंद्रा के अभ्यास का ‘अभिनव’ तरीका...
12 जुलाई को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में समारोह था। मौका था रियो ओलिंपिक के लिए भारतीय हॉकी टीम की घोषणा का। आजकल का ट्रेंड है कि सोशल मीडिया में हम हर बात की जानकारी देते हैं। समारोह के बाद तमाम लोग फोटो या अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया के जरिए दे रहे थे...
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- जुलाई 14, 2016 18:33 pm IST