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ब्लॉग राइटर
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ऑस्ट्रेलिया ने दिखाए ख़तरनाक तेवर, मैक्सवेल ने मचाई तबाही, दूसरी टीमों के लिए जारी हुई चेतावनी
ऑस्ट्रेलिया को अब लीग में न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से मैच खेलने हैं. इन सभी टीमों के कप्तानों और टीम मैनेजमेंट के लिए वॉर्नर की शुरुआत और मैक्सवेल का फ़िनिशिंग अंदाज़ अब एक्सट्रा होमवर्क की वजह बन गया है.
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- विमल मोहन
- नवंबर 01, 2023 12:12 pm IST
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मेडल जीता 2019 में, कब मिलेंगे इनाम के पैसे?
कोच जगदीश कहते हैं कि अब भी खेलों को लेकर लाल फ़ीताशाही ख़त्म नहीं हुई है. वो कहते हैं, "अधिकारी समझते नहीं हैं कि जो इनाम के पैसे होते हैं उसकी खिलाड़ियों और कोच को कितनी ज़रूरत होती है. ये लड़कियां गरीब घरों से आती हैं. इनाम के पैसे मिलते हैं तो इनके खाने और न्यूट्रिशन पर खर्च होता है. आप वक्त पर पैसे न दें तो क्या फ़ायदा?
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- विमल मोहन
- जून 10, 2022 14:43 pm IST
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कैसे मुमकिन बन रही है आईपीएल की राह
आईसीसी ने एलान किया है कि 2020 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले वर्ल्ड कप की टिकटें 2021 में भी मान्य रहेंगी. मतलब साफ़ है लगातार दो साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के आयोजनों को एक-एक साल के लिए टाल दिया गया है और साथ ही आईसीसी क्रिकेट वनडे वर्ल्ड के आयोजन को भी टालना पड़ा.
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- विमल मोहन
- जुलाई 21, 2020 12:30 pm IST
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कड़ी निंदा : बात निकली है तो फिर दूर तलक जाएगी
'तो रूलिंग पार्टी ही कोरोना लेकर आई है क्या...? हद हो गई, तुम लेफ्टिस्टों को बस एक नाम से चिढ़ है... कब तक अपनी फैन्टेसी में फंसे रहोगे, यार... तुम कभी नहीं समझोगे... मैं इस व्हॉट्सऐप ग्रुप से एग्ज़िट कर रहा हूं... तुम तो हर बात में एक कहानी ले आते हो...'
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- विमल मोहन
- जून 11, 2020 21:44 pm IST
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यादों में बसी हैं इरफान खान से हुई मुलाकातें : बोलते कम थे, सुनते ज़्यादा...
इरफ़ान ख़ान से बस दो-तीन मुलाक़ातें ही हो पाईं, बेहद छोटी. लेकिन हर मुलाक़ात यादगार रही. आख़िरी मुलाक़ात एनडीटीवी के पार्किंग एरिया में हुई. वे शायद 'पान सिंह तोमर' फ़िल्म के प्रमोशन के लिए एनडीटीवी के के स्टूडियो आए थे. उन्हें देखते ही मैंने कहा, आपकी 'एक डॉक्टर की मौत'.. के बाद ये सबसे अच्छी फ़िल्म लगी. उन्हें बहुत अच्छा लगा कि किसी पत्रकार ने उनसे इतने लंबे वक्त के बाद 'एक डॉक्टर की मौत' का ज़िक्र किया. मुझे लगता है वो बोलते कम और सुनते ज़्यादा थे. वो दूसरों की बातों को आंखों में एक चमक और बड़े ही कौतूहल से सुनते थे. सुनते रहे. इस बीच अपनी जो भी कही, अलग ही अंदाज़ में कही.
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- विमल मोहन
- मई 17, 2020 18:14 pm IST
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विमल मोहन की कलम से : 'द फिनिशर' महेंद्र सिंह धोनी फिनिश्श्श्श्श...?
कमाल है... मीडिया (टीवी चैनलों और अख़बारों) ने एक ही हफ्ते के भीतर एक परखे हुए खिलाड़ी को पहले 'हीरो' से 'विलेन' बनाया, और फिर मजबूर होकर फिर 'हीरो' बनाना पड़ा... खुद ही आलोचना की, और फिर लिखा कि धोनी ने आलोचकों को जवाब दे दिया...
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- विमल मोहन
- मार्च 22, 2018 15:30 pm IST
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सिर्फ मैरीकॉम ही नहीं, बल्कि इन महिला बॉक्सर्स में भी है गजब का दमखम
वियतनाम जाने से पहले वो अपनी से आधी उम्र की लड़कियों के साथ पसीना बहाते, उन्हें चुनौती देते और उनसे आगे निकलती नज़र आईं. तीन बच्चों की मां ने 2014 में इंचियन एशियन गेम्स का गोल्ड जीतने के बाद उन्होंने अपना वज़न कम कर खुद को 48 किलोग्राम वर्ग के लिए फ़िट कर लिया. मैरीकॉम ने जाने से पहले कहा कि मुझे 48 किलोग्राम वर्ग में ट्रायल्स में कोई नहीं हरा सकता.
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- विमल मोहन
- नवंबर 08, 2017 20:13 pm IST
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गिल साहब की मृत्यु के साथ हॉकी का एक दौर ख़त्म
केपीएस गिल नहीं रहे. इसके साथ हॉकी का एक अनमोल अध्याय भी ख़त्म हो गया. भारतीय हॉकी संघ के पूर्व अध्यक्ष गिल के कार्यकाल में हॉकी ने कई उतार-चढ़ाव देखे. एक वो भी दौर रहा जब हॉकी को लेकर गिल की प्रतिक्रिया बेहद अहम मानी जाती थी.
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- विमल मोहन
- मई 26, 2017 19:04 pm IST
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सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद के खेल में उलझ गए खिलाड़ी
मोहम्मद अली ने साठ के दशक में वियतनाम युद्ध के खिलाफ खुलकर अपनी राय जाहिर की थी. उनकी उस वक्त बेहद आलोचना हुई थी और जेल जाने की नौबत तक आ गई थी. महान अली ने कहा था, "मेरा जमीर मुझे अपने भाइयों या किसी अश्वेत व्यक्ति या किसी गरीब भूखे पर एक ताकतवर अमेरिका के लिए गोली चलाने की इजाजत नहीं देता. और उन पर किसलिए गोली चलाऊं? उन्होंने मुझे कभी नीग्रो नहीं कहा, कभी मुझ पर हमला नहीं किया, कभी मुझ पर कुत्ते नहीं छोड़े, मुझसे मेरी राष्ट्रीयता नहीं छीनी, बलात्कार नहीं किया या मेरे माता-पिता को नहीं मारा. तो फिर मैं उन्हें क्यों मारूं? मैं उन पर गोली क्यों चलाऊं? मुझे जेल में डाल दो."
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- विमल मोहन
- मार्च 01, 2017 19:32 pm IST
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रियो से पहले भारतीय हॉकी में बॉन्डिंग का वक्त
पिछले शुक्रवार को कप्तान पीआर श्रीजेश की अगुआई में भारतीय हॉकी टीम ने इस टूर्नामेंट में ऐतिहासिक सफ़र तय किया। चैंपियंस ट्रॉफ़ी के 38 साल के इतिहास में भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार टूर्नामेंट का फ़ाइनल खेला और रजत पदक हासिल किया।
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- जून 22, 2016 17:59 pm IST
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रियो में पांचवें ओलिंपिक खेलों के लिए गरजने लगी है बिंद्रा की बंदूक
रियो ओलिंपिक्स में जाने पहले NDTV से ख़ास बातचीत करते हुए बिंद्रा ने कहा कि रियो उनके आख़िरी ओलिंपिक खेल होंगे। उनसे पूछे जाने पर कि वो रियो में क्या हासिल करना चाहते हैं? वो कहते हैं, "मैं क़रीब 20 साल से शूट कर रहा हूं। मैं बीजिंग से अपनी तुलना नहीं करना चाहता।
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टेनिस स्टार लिएंडर पेस जैसा कोई नहीं...
लिएंडर पेस 42 साल के हैं और हफ़्ते भर बाद (17 जून को) वो 43 साल के हो जाएंगे। 35 साल के टीम इंडिया के कप्तान धोनी को लेकर चाहे सवाल उठते रहे हों। पेस 42 साल की उम्र में भी लगातार कारनामे कर रहे हैं।
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रियो के दावेदार : बंदूक से अभ्यास करता 'संत'
ट्रिगर का दबना और ठाक... गर्दन का घूमना। वाल्थर (गन) में पैलेट (कारतूस) डालना। सांस खींचकर शॉट के बारे में सोचना। निशाना लगाना और फिर 10 मीटर दूर टारगेट पर अचूक निशाना साधना।
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सुशील कुमार को नज़रअंदाज़ करना क्यों है मुश्किल
सुशील के मन में रियो में पदक जीतने का सपना है और नरसिंह यादव के मन में भी। रियो के लिए क्वालिफ़ाई नरसिंह यादव ने किया है, 74 किलोग्राम वर्ग में और वो कहते हैं कि उनका हक़ है कि उन्हें रियो जाने का मौक़ा मिले।
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चैंपियन टीम इंडिया के सामने अब हैं कई सवाल...
पांच बार की चैंपियन भारतीय टीम अगले महीने एशिया कप खेलने बांग्लादेश जाएगी तो बुलंद हौसले के बजाए सवालों के साथ जाएगी। दुनिया की आठवें नंबर की टीम ने टॉप रैंकिंग वाली टीम को वनडे में चारों खाने चित किया और टीम की काबिलियत पर कई सवाल खड़े कर दिए।
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कैप्टन कूल बनाम कैप्टन कोहली
रविवार की सुबह टीम इंडिया बांग्लादेश के लिए रवाना होगी तो विराट कोहली और उनकी टीम इंडिया के सामने चुनौती कुछ अलग तरह की होगी। इस टूर्नामेंट से यकीनन बतौर कप्तान विराट कोहली की काबीलियत के अंक दिए जाने शुरू हो जाएंगे।
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वर्ल्ड रिकॉर्ड के बावजूद कोहली के लिए फिक्र बरकरार
विराट कोहली ने 124 पारियों में 19 शतक बनाकर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले यह रिकॉर्ड क्रिस गेल के नाम था। गेल ने 19 शतकों के लिए 189 पारियों का सहारा लिया, जबकि सचिन ने 194 पारियों में 19 शतक लगाए थे।
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एशिया कप : जीत तो मिली पर फीके रहे भारतीय गेंदबाज
भारतीय गेंदबाजी में धार की कमी को लेकर आलोचनाएं होती रही हैं, लेकिन हद तो तब हो गई, जब दुनिया की नौवें नंबर की टीम ने भी वर्ल्ड चैंपियन गेंदबाजों के पसीने छुड़ा दिए। बांग्लादेश की बल्लेबाजी के दौरान भारतीय गेंदबाजों को देखकर यह सोचना लाजिमी था कि श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ इनका क्या हाल होगा।
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एक हीरो युवराज सिंह को विलेन बनाना भी ज़्यादती है...
क्या युवराज वर्ल्ड टी-20 के फ़ाइनल मैच के वाकई सबसे बड़े विलेन थे या फिर फ़ैन्स और कई जानकार भी ओवररिएक्ट कर रहे हैं। सचिन तेंदुलकर कहते हैं कि युवराज की आलोचना होनी चाहिए, लेकिन उन्हें फांसी पर चढ़ाना ठीक नहीं।