यह ख़बर 20 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

चैंपियन टीम इंडिया के सामने अब हैं कई सवाल...

नई दिल्ली:

पांच बार की चैंपियन भारतीय टीम अगले महीने एशिया कप खेलने बांग्लादेश जाएगी तो बुलंद हौसले के बजाए सवालों के साथ जाएगी। दुनिया की आठवें नंबर की टीम ने टॉप रैंकिंग वाली टीम को वनडे में चारों खाने चित किया और टीम की काबिलियत पर कई सवाल खड़े कर दिए।

उम्दा ऑलराउंडर नदारद
टीम इंडिया में एक उम्दा ऑलराउंडर की कमी है और पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर इस बात को लगातार ज़ोर देकर कहते रहे हैं इसलिए टीम इंडिया में कभी बैटिंग हैवी नजर आती है तो कभी गेंदबाजों की कमी साफ खलने लगती है। ऐसे में विपक्षी टीम इस कमजोर कड़ी का भरपूर फायदा उठाती है। एशिया कप के दौरान कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी स्टुअर्ट बिनी का बेहतर इस्तेमाल कैसे करते हैं या रविन्द्र जडेजा ऑल राउंडर की कसौटी पर कितना खरा उतरते हैं, इसे लेकर सवाल भी बना रहेगा और टीम की कामयाबी भी निर्भर करेगी।

पेस अटैक में पैनापन नहीं
भारतीय पेस अटैक में धार की कमी पिछली कई सीरीज में उभर कर सामने आई है। मो. शमी पिछले कई मैचों में जरूर कंसिसटेंट रहे हैं, लेकिन एशिया कप में मो. शमी के साथ भुवनेश्वर कुमार, वरुण एरॉन और ईश्वर पांडेय टीम इंडिया की अनुभव की कमी को पूरा करते हैं− इसे लेकर दिलचस्पी बनी रहेगी।   

कप्तानी पर बेइंतहा दबाव
कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के नाम क्रिकेट के वे सभी खिताब हैं, जिसे हासिल कर कोई भी कप्तान खुद को कामयाब मान सकता है। भारत ने एशिया कप का ख़िताब पांच बार अपने नाम किया है, लेकिन इस वक्त एमएस धोनी की कप्तानी पर जितने सवाल उठे हैं, शायद इससे पहले कभी नहीं उठे। महेन्द्र, अमरनाथ और सौरव गांगुली से लेकर राहुल द्रविड़ तक ने धोनी पर सवाल उठाए हैं। एशिया कप में इन सबका जवाब ढूंढ पाने के लिए धोनी के पास वक्त बेहद कम है।

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डेथ ओवर में फ़िस्स सिर्फ न्यूज़ीलैंड दौरे की बात करें तो वहां भी भारतीय गेंदबाज़ डेथ ओवर में बेहद फीके दिखे और खूब पिटे। गेंदबाज़ों ने इन सभी मैचों में आखिरी 10 ओवरों में 8 या 9 रन प्रति ओवर की दर से 80−90 रन खर्चे और मैच हाथ से निकल गए। बांग्लादेश की पाटा पिचों पर भारतीय गेंदबाजों के सामने यह चुनौती और बड़ी हो सकती है।