रविवार की सुबह टीम इंडिया बांग्लादेश के लिए रवाना होगी तो विराट कोहली और उनकी टीम के सामने चुनौती कुछ अलग तरह की होगी। भारतीय टीम वहां बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की टीमों से भिड़ेगी और इसमें उसकी ताकत के अलग−अलग पहलुओं का अंदाजा हो जाएगा। इस टूर्नामेंट से यकीनन बतौर कप्तान विराट कोहली की काबीलियत के अंक दिए जाने शुरू हो जाएंगे।
विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी का स्टाइल अलग है। इसकी एक झलक आईपीएल के दौरान मिलती रही है।
लेकिन इस बार विराट कोहली को जो जिम्मेदारी दी गई है, उनके हर फैसले पर सबकी पैनी नजर रहेगी। वह धोनी की तरह कामयाबी के नए कीर्तिमान बनाएंगे और टीम इंडिया को सवालों के दौर से आगे ले जा सकेंगे, इसे लेकर सबकी दिलचस्पी बनी हुई है।
बतौर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली बिल्कुल दो अलग शख्सियत हैं। एक ने टीम इंडिया को ऐतिहासिक कामयाबियां
दिलाई हैं, तो एक कल की उम्मीदों का नायक है। एक के नाम खिताबों की लंबी फेहरिस्त है, तो एक से खिताबों की बड़ी उम्मीद।
विराट कोहली अपने आक्रामक तेवर के लिए जाने जाते हैं। बल्लेबाजी हो या कप्तानी विराट कोहली अपना तेवर बरकरार रखते हैं।
जबकि पिछले करीब सात सालों में टीम इंडिया को एक ऐसे कप्तान की आदत पड़ी हुई है, जो फील्ड पर रणनीति खिलाड़ियों के प्रदर्शन और आगे देखते हुए फैसलों का टेंशन अपने दिमाग में रखता है। लेकिन कैप्टन कूल के चेहरे पर इसे पढ़ पाना कभी आसान नहीं रहा है।
वहीं विराट कोहली का स्टाइल अलग है। वह आक्रामक हैं और अपनी भावनाएं छिपाते नहीं। खास बात यह भी है कि अंडर 19 से लेकर आईपीएल और टीम इंडिया की कप्तानी के दौरान विराट कोहली के फैसलों पर अब तक सवाल नहीं खड़े हुए। जबकि धोनी के फैसलों को लेकर वर्ल्ड कप से लेकर अब तक कई बार सवाल उठे हैं।
धोनी ने कई बार बड़े नतीजे देकर दिग्गजों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया, लेकिन इस बार राहुल द्रविड़ से लेकर सौरव गांगुली तक धोनी के फैसलों को लेकर सवाल उठा रहे हैं और धोनी के पास फिलहाल शायद इसका जवाब नहीं है।
साल 2008 में अंडर 19 टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कप्तान कोहली बड़ी लीग में खेलने आए, तब भी उनके तेवर बरकरार
रहे। दिग्गजों ने उन्हें पहचानने में देर नहीं की कि विराट कोहली टीम इंडिया की कमान लंबे समय तक संभाल सकते हैं। विराट कोहली ने 6 साल पहले अंडर 19 वर्ल्ड कप में अपनी टीम के लिए तन्मय श्रीवास्तव के बाद सबसे ज्यादा 6 मैचों में 47 के औसत से 235 रन बनाए थे।
बतौर खिलाड़ी कोहली की काबिलियत पर कोई सवाल नहीं और बतौर कप्तान तो उनका प्रदशर्न और निखरता रहा है। बतौर कप्तान अब तक खेले गए 8 वनडे मैचों में उनका औसत 66.4 रहा है, इस दौरान उन्होंने दो शतक लगाए, जबकि 130 वनडे मैचों में विराट का औसत 51.85 रहा है और उनके नाम 18 शतकीय पारियां रही हैं।
विदेशी जमीन पर टीम इंडिया की लगातार हार से टीम इंडिया पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। विराट कोहली को अब तक हर बार विदेशी जमीन पर ही कप्तानी का मौका मिला है। अब तक मिले 8 मौकों में विराट कोहली ने 7 बार अपनी टीम और फैन्स को मायूस नहीं होने दिया है।
विराट कोहली धोनी की परंपरा को आगे बढ़ा पाते हैं या नहीं इसकी अग्नि परीक्षा का दौर शुरू हो चुका है और कोहली के जवाब का इंतजार जानकार भी कर रहे हैं और फैंस भी।
This Article is From Feb 22, 2014
कैप्टन कूल बनाम कैप्टन कोहली
Vimal Mohan
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Updated:नवंबर 19, 2014 16:21 pm IST
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Published On फ़रवरी 22, 2014 18:00 pm IST
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Last Updated On नवंबर 19, 2014 16:21 pm IST
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