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This Article is From Jun 22, 2016

रियो से पहले भारतीय हॉकी में बॉन्डिंग का वक्त

Vimal Mohan
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जून 22, 2016 17:59 pm IST
    • Published On जून 22, 2016 17:42 pm IST
    • Last Updated On जून 22, 2016 17:59 pm IST
पिछले शुक्रवार को कप्तान पीआर श्रीजेश की अगुआई में भारतीय हॉकी टीम ने इस टूर्नामेंट में ऐतिहासिक सफ़र तय किया। चैंपियंस ट्रॉफ़ी के 38 साल के इतिहास में भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार टूर्नामेंट का फ़ाइनल खेला और रजत पदक हासिल किया। ख़ास बात ये रही कि फ़ाइनल में तेज़ रफ़्तार से खेलते हुए भारत ने वर्ल्ड नंबर-1 और मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन टीम को मैच के चार क्वार्टर में कोई गोल नहीं करने दिया। मैच का नतीजा पेनल्टी शूट आउट के ज़रिये तय हुआ।

पीआर श्रीजेश इस टूर्नामेंट में टीम की कप्तानी कर रहे थे। श्रीजेश गोलपोस्ट से हर मैच में चीख-चीखकर अपनी टीम का हौसला बढ़ाते रहते हैं। डिफ़ेंस को पोज़िशन ठीक करने से लेकर फ़ॉरवर्ड और मिडफ़ील्डर खिलाड़ियों को सही जगह पर जाने का निर्देश देते रहते हैं।

ट्विटर पर श्रीजेश ने टीम बॉन्डिंग की तस्वीर पोस्ट की है। ये काम इस वक्त शायद टीम के लिए सबसे अहम है। तस्वीरों में ये टीम कहीं बीच पर (समुद्र किनारे) एक साथ है तो कहीं जिम में एक साथ ट्रेनिंग कर रही है। चार साल पहले लंदन ओलिंपिक्स में टीम में हुई फूट से टूर्नामेंट में भारत को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। चैंपियंस ट्रॉफ़ी की कामयाबी के बाद इस बार टीम कितना एकजुट रहती है इस पर ओलिंपिक्स में टीम की कामयाबी निर्भर करेगी।

यूरोप के दौरे पर भारतीय टीम को सिक्स नेशंस टूर्नामेंट में हिस्सा लेना है। वालेंसिया (स्पेन में) 27 जून से शुरू हो रहे इस टूर्नामेंट में भारत (वर्ल्ड नंबर-7) को जर्मनी (वर्ल्ड नंबर-4), आयरलैंड (वर्ल्ड नंबर-12), न्यूज़ीलैंड (वर्ल्ड नंबर-8), अर्जेन्टीना (वर्ल्ड नंबर-6) और स्पेन (वर्ल्ड नंबर-11) से टक्कर लेनी है।

भारत ने ओलिंपिक चैंपियन जर्मनी के ख़िलाफ़ चैंपियंस ट्रॉफ़ी के पहले मैच में भारत ने में ड्रॉ (3-3) मुक़ाबला खेला। रियो ओलिंपिक्स में भी जर्मनी और आयरलैंड की टीमों को भारत के साथ ग्रुप-बी में जगह मिली है। ऐसे में सिक्स नेशंस टूर्नामेंट में कोच रोलंट ऑल्टमैंस को चालाकी से टीम की रणनीतियां बनाने करने का मौक़ा मिलेगा।

इसमें कोई दो राय नहीं कि रियो की आख़िरी तैयारी के लिए मैदान पर टीम इंडिया को बहुत मेहनत करने की ज़रूरत है। लेकिन शायद उससे भी ज़्यादा ज़रूरत मैदान के बाहर खिलाड़ियों के बीच सही बॉन्डिंग बनाने की ज़रूरत है। इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि पहले की तरह टीम के अंदर ही खेमेबाज़ी ना हो जाए। श्रीजेश की ट्विटर पर डाली गई तस्वीरें टीम के सही दिशा में होने का संकेत दे रही हैं।

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