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This Article is From Apr 08, 2014

एक हीरो युवराज सिंह को विलेन बनाना भी ज़्यादती है...

Vimal Mohan, Rajeev Mishra
  • Blogs,
  • Updated:
    नवंबर 19, 2014 16:20 pm IST
    • Published On अप्रैल 08, 2014 14:58 pm IST
    • Last Updated On नवंबर 19, 2014 16:20 pm IST

क्या युवराज वर्ल्ड टी-20 के फ़ाइनल मैच के वाकई सबसे बड़े विलेन थे या फिर फ़ैन्स और कई जानकार भी ओवररिएक्ट कर रहे हैं। सचिन तेंदुलकर कहते हैं कि युवराज की आलोचना होनी चाहिए, लेकिन उन्हें फांसी पर चढ़ाना ठीक नहीं। सचिन सिर्फ़ साथी होने के नाते नहीं बल्कि एक क्रिकेटर की तरह युवराज की पारी की आलोचना कर रहे हैं। मैच के आंकड़े इस तस्वीर को और साफ़ करते हैं।

रोहित शर्मा के आउट होने के बाद युवराज सिंह फ़ाइनल में ग्यारहवें (10.4) ओवर में पिच पर आए और उन्नीसवें 19.1 ओवर
की शुरुआत में मायूस होकर विदा हुए। लेकिन पिच पर बिताए गए ये आधे घंटे का वक्त युवराज के पूरे क्रिकेट करियर का शायद सबसे मुश्किल लम्हा रहा होगा।

टीम इंडिया के फ़ैन्स युवराज से इस फ़ाइनल में भी सुपरहीरो की तरह प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे थे, जैसी उम्मीद वो हमेशा करते हैं। इस बार युवी फ़ैन्स की उम्मीदों की इस कसौटी पर खरा नहीं उतरे।

लेकिन क्या अकेले युवराज पिच पर बेबस थे या श्रीलंकाई गेंदबाज़ उम्मीद से बढ़कर शानदार गेंदबाज़ी कर रहे थे जिनके आगे शायद कोई भी बल्लेबाज़ बेबस हो सकता था।

ज़रा मैच के इन आंकड़ों पर ग़ौर फ़रमायें जो एक अलग तस्वीर पेश करती है। युवराज ने 21 गेंदों पर 11 रन बनाये, कोई बाउंड्री नहीं लगा सके। वैसे पूरी पारी में विराट कोहली और रोहित शर्मा के अलावा कोई खिलाड़ी बाउंड्री नहीं लगा सका। युवराज ने सिंगल्स में 11 रन बनाये और उन्होंने ने नौ डॉट गेंदें खेलीं। इनमें रंगना हेराथ ने युवराज के ख़िलाफ़ दो, सचित्रा सेनानायके ने छह और लसिथ मीलगा ने एक डॉट गेंद डाली। यानी इतने गेंदों पर युवराज रन नहीं बना सके।

यही नहीं सेनानायके ने युवी को सबसे ज़्यादा परेशान किया, लेकिन सेनानायके के ख़िलाफ़ पूरी पारी में सिर्फ़ दो चौके लगे।

11वें ओवर में रोहित शर्मा के आने के बाद से टूर्नामेंट के सबसे फ़ॉर्म में चल रहे बल्लेबाज़ विराट कोहली क्रीज़ पर मौजूद थे, लेकिन विराट कोहली जब तक युवराज के साथ क्रीज़ पर मौजूद रहे उन्होंने भी 6 डॉट गेंदें खेलीं।

यही नहीं सुपर हिटर कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का बल्ला भी सात में से चार गेंद छू नहीं पाया।

कप्तान एमएस धोनी ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर कहा  हमें श्रीलंकाई गेंदबाज़ों को श्रेय देना होगा। उन्होंने अपनी योजना के मुताबिक गेंदबाज़ी की। उन्होंने सटीक वाइड यॉर्कर गेंदें डालीं जिनके ख़िलाफ़ हमारे बल्लेबाज़ों को रन बनाने में मुश्किल हुई।

यानी ये मानने से इनकार नहीं करना चाहिए कि डेथ ओवर में श्रीलंकाई गेंदबाज़ों ने शानदार गेंदबाज़ी की। युवराज अपनी प्रतिभा के मुताबिक इससे बहुत ज़्यादा ज़रूर कर सकते थे, लेकिन एक बुरे प्रदर्शन की वजह से एक हीरो को विलेन बनाना भी ज़्यादती है।

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