रेडियो स्टेशन
व्हॉट्सऐप पर एक महिला रेडियो जॉकी ने कृष्ण चंदर की एक कहानी (जामुन का पेड़) सुनाई और बताया कि यह स्कूलों के सिलेबस से निकाल दी गई है.
चुनावी मंच
'हम इस कहानी की कड़ी निंदा करते हैं...'
'क्यों भला...?'
'कहानी कृष्ण चंदर ने लिखी और इसे चुराकर एक लड़की पढ़ रही है...'
'आप महिलाओं को लेकर अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं...'
'एक तो चोरी, ऊपर से सीनाज़ोरी... आप चाहते हैं, बच्चे यह कहानी पढ़ें और चोरी सीखें...?'
'इसमें चोरी की बात कहां से आ गई...?'
'चोरी आपके खून में है... आप हमेशा से चोरी करते रहे हैं, लोगों को धोखा देते रहे हैं...'
'धोखा तो आप दे रहे हैं...'
'क्यों, 70 साल धोखा देकर भी मन नहीं भरा...? अब जनता ने हमें चुना है, तो आप जनता को धोखेबाज समझते हैं...?'
'आप हमेशा कुतर्क से जनता-जनार्दन का शोषण करते रहे हैं... कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का शोषण किया... हम उन्हें उनका हक दिलाकर रहेंगे...'
'लेकिन अभी यह मुद्दा नहीं है...'
सोशल मीडिया पर बॉलीवुड
'मुद्दा आप हमें समझाएंगे...? कश्मीर में हमारा घर छिन गया... हम दर-दर भटकते रहे... कितने ज़ुल्म सहे... लोग हमें सिर्फ बॉलीवुड का स्टार समझकर मुद्दे को रफा-दफा करना चाहते हैं... मैं बिकाऊ भांड नहीं हूं... अब मैं बताता हूं, मुद्दा क्या होता है... सोशल मीडिया पर सभी कश्मीरी भाइयों का दर्द छलकेगा... विपक्ष को मुंह की खानी पड़ेगी... इन्होंने मुद्दों को भी अपनी बपौती बना रखा है...'
'बिल्कुल सही, यही बात किसी मुसलमान ने कही होती, तो यह देशद्रोही मीडिया, महिला आयोग और यह विपक्ष घड़ियाली आंसू बहाता नज़र आता...'
न्यूज़ चैनल
'हम आज आपके राष्ट्रीय चैनल पर आपको बताना चाहते हैं कि विपक्ष कभी सही मुद्दे पर बात क्यों नहीं करता... जब भी देश की कोई सीरियस बात होती है, दक्षिण का स्टार-सा दिखने वाला एक नेता महिला समर्थन में खड़ा हो जाता है...'
'हम आज इस मुद्दे का डीएनए एनालिसिस करेंगे और आप पर छोड़ेंगे कि यह मुद्दा है या नहीं... क्या इसके पीछे पाकिस्तान की ज़रा भी गलती नहीं...?'
'आज प्राइम टाइम में देश जानना चाहता है... देश जवाब चाहता है... कौन जवाब देगा...?'
व्हॉट्सऐप ग्रुप
'जो भी कहो, यार, बात दमदार तरीके से रखता है...'
'लेकिन उसमें बात तो कोई होती ही नहीं... कोई कॉन्टेंट नहीं होता...'
'क्या कॉन्टेंट नहीं होता...? जो बात है, वह है...'
'अरे, बात एक कहानी की चली और पाकिस्तान तक चली गई...'
'तो यार, पाकिस्तान तो है ही बदमाश देश... और यह सारी मुसीबत नेहरू और गांधी ने खड़ी की है...'
'अब ये दोनों कहां से आ गए...?'
'नेहरू मौजमस्ती करते रहे और गांधी को महान बनाते रहे... आम आदमी भी आज़ादी की लड़ाई में लड़ा, उसका तो ज़िक्र ही नहीं होता...'
'अब आम आदमी का कितना खयाल रखा जा रहा है...? कितने लोग कोरोनावायरस से मर गए, कितने प्रवासी मज़दूरों की जानें गईं...'
'तो रूलिंग पार्टी ही कोरोना लेकर आई है क्या...? हद हो गई, तुम लेफ्टिस्टों को बस एक नाम से चिढ़ है... कब तक अपनी फैन्टेसी में फंसे रहोगे, यार... तुम कभी नहीं समझोगे... मैं इस व्हॉट्सऐप ग्रुप से एग्ज़िट कर रहा हूं... तुम तो हर बात में एक कहानी ले आते हो...'
विमल मोहन NDTV इंडिया में एसोसिएट एडिटर (स्पोर्ट्स) और न्यूज़ एंकर हैं...
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