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ब्लॉग राइटर
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कहीं ले न डूबे अर्थव्यवस्था का 'फीलगुड'
लेकिन एक वक़्त आता है कि लोग खुद भी बहुत कुछ महसूस करते हैं. लोग जब काम पर जाने के लिए घर से निकलते हैं, तो रास्ते में उनकी नज़र भी देश के माहौल पर पड़ती है. आजकल इक्का-दुक्का बचे ऐसे अख़बारों को भी लोग देख लेते हैं, जो देश के वास्तविक हालात बताने से बाज़ नहीं आते. कुछेक TV चैनल भी माहौलबाजों के झांसे से बचाते रहते हैं. यानी ऐसा नहीं है कि हकीकत देर तक छिपी रह सके - चाहे खुद की हो, चाहे देश की, देरसबेर माली हालत खुद भी बोलने लगती है.
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- सुधीर जैन
- सितंबर 03, 2019 14:56 pm IST
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शेयर बाज़ार को भी मार डाला 'फील गुड' ने
अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों के बाद अब निवेश बाज़ार भी बोल गया है. गुरुवार को बाज़ार इतनी जोर से बोला है कि मीडिया तक इसकी आवाज ज़रूर पहुंचनी चाहिए. आवास निर्माण, ऑटो, सूत, चाय जैसे उद्योगों के संगठन भारी बैचेनी में हैं. उनकी सुध लेने के लिए ज़्यादातर अख़बार और टीवी चैनल बिल्कुल तैयार नहीं. ख़बरों के गायब होने से वे बेचारे अपनी बात विज्ञापनों के ज़रिये कहने को मजबूर हो गए हैं...
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- सुधीर जैन
- अगस्त 22, 2019 16:56 pm IST
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सुधीर जैन का ब्लॉग: बाढ़ से ज्यादा सूखे का भय
नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक 28 जुलाई तक देश में बारिश का आलम यह है कि देश के 53 फीसदी भूभाग पर पानी बहुत कम गिरा है. देश के स्तर पर औसत से 10 फीसदी कम बारिश हो, तो सरकारी मौसम विभाग उसे डैफिशिएंट, यानी जलन्यून वर्षा मानता है. 28 जुलाई तक देश में हुई कुल वर्षा औसत से 13 फीसदी कम है, और अगर संभागीय और उपसंभागीय स्तर पर उतरकर झांकें, तो देश के कुल 36 उपसंभागों में 18 उपसंभाग 19 फीसदी से भी बड़ी जलन्यूनता से जूझ रहे हैं.
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- सुधीर जैन
- जुलाई 29, 2019 11:59 am IST
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बजट और दृष्टिपत्र का फर्क...?
इस बजट ने वाकई चक्कर में डाल दिया. विश्लेषक तैयार थे कि इस दस्तावेज की बारीकियां समझकर सरल भाषा में सबको बताएंगे, लेकिन बजट का रूप आमदनी खर्चे के लेखे-जोखे की बजाय दृष्टिपत्र जैसा दिखाई दिया. यह दस्तावेज इच्छापूर्ण सोच का लंबा-चौड़ा विवरण बनकर रह गया. बेशक बड़े सपनों का भी अपना महत्व है. आर्थिक मुश्किल के दौर में 'फील गुड' की भी अहमियत होती है, लेकिन बजट में सपनों या बहुत दूर की दृष्टि का तुक बैठता नहीं है. पारंपरिक अर्थों में यह दस्तावेज देश के लिए एक साल की अवधि में आमदनी और खर्चों का लेखा-जोखा भर होता है. हां, इतनी गुंजाइश हमेशा रही है कि इस दस्तावेज में कोई यह भी बताता चले कि अगले साल फलां काम पर इसलिए ज्यादा खर्च किया जा रहा है, क्योंकि ऐसा करना आने वाले सालों में देश के लिए हितकर होगा.
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- सुधीर जैन
- जुलाई 16, 2019 16:09 pm IST
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इस बजट से पता चलेगी देश की माली हालत, लेकिन पत्रकारों को लेनी पड़ेगी ट्यूशन
अगले हफ़्ते बजट पेश होगा. फौरन ही उसके विश्लेषण भी होने लगेंगे, लेकिन देश की माली हालत के मद्देनज़र इस साल सरकार के सामने बड़ी-बड़ी चुनौतियां हैं, इसीलिए आसार हैं कि बजट जटिल होगा. विश्लेषकों को इसे समझने में बहुत माथापच्ची करनी पड़ सकती है. बहरहाल, पेश होने से पहले बजट के कुछ नुक्तों की चर्चा.
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- सुधीर जैन
- जून 28, 2019 15:55 pm IST
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दिल्ली में 50 डिग्री का अलार्म
10 जून को दिल्ली गर्मी से झुलसने लगी. पारा ज्ञात इतिहास के सारे रिकॉर्ड तोड़कर 48 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. मामला मौसम का है. इस पर किसी का बस नहीं है सो करने के लिए ज्यादा बात बनती नहीं है. एक दो हफ्ते में नहीं तो दो तीन हफ्ते बाद पानी गिरेगा ही. भूल जाएंगे कि इस साल गर्मियों में क्या हुआ था. लेकिन रिकॉर्ड तोड़ तापमान की घटना आगे के लिए दिल्ली को कोई चेतावनी तो नहीं है?
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- सुधीर जैन
- जून 12, 2019 09:27 am IST
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एग्जिट पोल की अटकलभर से पूंजी बाजार बमबम...
एग्जिट पोल में मोदी सरकार की जीत की अटकल लगते ही शेयर बाजार की बांछें खिल गईं. सोमवार को बाजार खुलते ही एक मिनट के भीतर बाजार के सांड ने दौड़ लगा दी.
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- सुधीर जैन
- मई 22, 2019 18:48 pm IST
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भयावह जलसंकट की आहट
सब कुछ छोड़ देश चुनाव में लगा रहा. भोजन पानी के इंतजाम से भी ध्यान हट गया. इस बीच पता चल रहा है कि देश में पानी को लेकर इमरजेंसी जैसे हालात बनते जा रहे हैं. सरकारी तौर पर अभी सिर्फ महाराष्ट्र और गुजरात के भयावह हालात की जानकारी है.
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- सुधीर जैन
- मई 14, 2019 18:31 pm IST
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भला हो, आसनसोल और जगह फैल नहीं पाया
चौथे दौर के मतदान शुरू होने के फौरन बाद ही यानी कोई दो घंटे बाद ही आसनसोल से खबरें आईं कि वहां एक मतदान केंद्र पर गरमागरमी हो गई है. कुछ टीवी चैनलों पर गरमागरमी के फुटेज दिखाए जरूर गए लेकिन इस फुटेज में ऐसे दृश्य उपलब्ध नहीं थे जो दूसरी जगहों पर भी उत्तेजना पैदा कर सकें.
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- सुधीर जैन
- मई 02, 2019 16:25 pm IST
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ज्यादा ही बड़ा धमाका हो गया राफेल पर
राफेल कांड छुपा जा रहा था। कम से कम चुनाव के दौरान इस कांड को लेकर मोदी सरकार निश्चिंत लग लग रही थी। सरकार ने अपने प्रचार तंत्र के जरिए बड़ी जुगत से जनता के बीच यह धारणा बनवा दी थी कि राफेल कांड पर सुप्रीमकोर्ट से सरकार को क्लीन चिट मिल चुकी है। हालांकि यह भी एक हकीकत है कि सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले को लेकर तरह तरह की व्याख्याएं चालू थीं।
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- सुधीर जैन
- अप्रैल 11, 2019 15:08 pm IST
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न्यूनतम आय योजना कितनी नायाब
न्यूनतम आय की गारंटी के वायदे ने भारी असर पैदा कर दिया. इसका सबूत यह कि वायदों के बड़े-बड़े खिलाड़ी भौंचक हैं. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को जल्दबाजी में इस योजना को ब्लफ, यानी झांसा कहना पड़ा. खैर, यह तो चुनावी माहौल में एक दूसरे की राजनीतिक मारकाट की बात है, लेकिन यह भी हकीकत है कि अपने अनुभवी लोकतंत्र में नागरिक अब जागरूक हो चला है.
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- सुधीर जैन
- मार्च 27, 2019 21:07 pm IST
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अब तक कहां छिपे बैठे हैं चुनावी मुद्दे
अनुमान यह लगता है कि इस बार के चुनाव में किसानों और देश के युवावर्ग के दुख या संकट को कम करने के लिए व्यावहारिक योजना पेश करने की होड़ मचेगी. खासतौर पर मौजूदा सरकार की बेदखली की कोशिश करने वाले विपक्ष के नेताओं में यही होड़ मचेगी कि कौन सबसे ज्यादा विश्वसनीय तरीके से अपनी योजनाएं पेश कर पाता है.
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- सुधीर जैन
- मार्च 15, 2019 15:17 pm IST
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पुलवामा हमला : शास्त्रों में शस्त्र की भूमिका देखने का वक्त
पुलवामा हमला हुए आठ दिन हो गए. अब तक नहीं सोच पाए कि क्या करें. हमले के बाद फौरन ही कुछ नया कहना भी जरूरी था. सो राजनीतिक तौर पर सेना को कुछ भी करने की छूट देने का बयान जारी किया गया. सरकार ने कहा कि सेना जो करना चाहे उसे वह करने की अनुमति है. इसके अलावा एक और काम हुआ. सरकार ने पाकिस्तान का सर्वाधिक तरजीही देश का दर्जा खत्म कर दिया.
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- सुधीर जैन
- फ़रवरी 22, 2019 16:01 pm IST
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सरकारी आमदनी के मोर्चे पर क्या हुआ?
बजट को समझने के लिए देश का होशियार तबका अपना सिर खुजाने में लग गया है. इस बजट से जिन्हें तोहफे बंटने का ऐलान हुआ वे भी हिसाब लगा रहे हैं कि उन्हें आखिर मिलेगा क्या? अब क्योंकि बजट के जरिए किसी को हाल के हाल तो कुछ मिलता नहीं.
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- सुधीर जैन
- फ़रवरी 01, 2019 20:15 pm IST
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मसला मुख्य चुनावी मुद्दे का : 'मोदी हटाओ' या 'मोदी बचाओ'
पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि चुनाव में गिनती के दिन बचे हों और यह पता न चले कि मुख्य मुद्दा क्या बनेगा. हो सकता है, चुनावी पंडितों ने कुछ भांप लिया हो, लेकिन वे अभी बता न रहे हों. हो यह भी सकता है कि इसका इंतजार किया जा रहा हो कि पहले गठबंधनों की एक निश्चित शक्ल बन जाए फिर वाकयुद्ध शुरू हो. फिर भी सत्ता और विपक्ष की तरफ से माहौल बनाए रखने के लिए अब तक जो कहा गया है, उससे एक मुद्दा ज़रूर निकलकर आ रहा है - वह है, सरकार हटाओ या सरकार बचाओ.
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- सुधीर जैन
- जनवरी 22, 2019 13:35 pm IST
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'The Accidental Prime Minister' से फिर उठेगी कथा और इतिहास की बात
मसला यह था कि क्या किसी ऐतिहासिक चरित्र को नई कथा में ढाला जा सकता है. खैर, जिन्होंने विवाद खड़ा किया, उन्हें क्या और कितना हासिल हुआ, इसका पता नहीं चला. आखिर मामला सुलटा लिया गया. फिल्म रिलीज़ हुई. लेकिन साहित्य जगत में एक सवाल ज़रूर उठा और उठा ही रह गया कि क्या ऐतिहासिक चरित्रों के साथ उपन्यासबाजी या कहानीबाजी की जा सकती है, या की जानी चाहिए, या नहीं की जानी चाहिए...? कला या अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर क्या किसी ऐतिहासिक चरित्र को वैसा चित्रित किया जा सकता है, जैसा वह न रहा हो...? यह सवाल भी कि क्या कोई कलाकार किसी का चरित्र चित्रण ग्राहक की मांग के आधार पर कर सकता है...?
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- सुधीर जैन
- जनवरी 14, 2019 15:13 pm IST
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सवर्ण जातियों को आरक्षण का झुनझुना
सरकार ने एक और गजब कर दिया. एक और गजब का मतलब यह कि जिस तरह कालेधन के जरिए हर एक को 15 लाख देने का और दो करोड़ युवाओं को हर साल नौकरी देने का गजब किया गया था वैसा ही गजब. बस फर्क यह है कि पुराने गजब चुनाव के पहले सत्ता हासिल करने के लिए थे और नया गजब सत्ता बचाने के लिए दिखाई देता है.
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- सुधीर जैन
- जनवरी 08, 2019 18:49 pm IST
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पूर्व चुनाव आयुक्त अचानक सनसनीखेज बने
रिटायर होने के कुछ ही घंटे बाद पूर्व चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने एक रहस्य उजागर करके सनसनी फैला दी. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से कालेधन पर कोई फर्क नहीं पड़ा. यानी चुनावों में कालेधन का अभी भी खूब इस्तेमाल हो रहा है. पूर्व चुनाव आयुक्त की बात से तो ऐसा भी लग रहा है कि कालेधन का इस्तेमाल पहले से भी ज्यादा बढ़ गया. उनकी यह बात बहुतेरी बातों पर सोचने को मज़बूर करती है.
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- सुधीर जैन
- दिसंबर 03, 2018 19:14 pm IST
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राफेल खरीद कांड, अपराधशास्त्र के नज़रिये से...
अदालत ने विमान के दाम के बारे में किसी तरह की सुनवाई से फिलहाल इंकार कर दिया. अदालत ने कहा कि जब तक विमान के दाम के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं होती, तब तक इस मामले में कोई बात नहीं होगी. हालांकि अदालत ने यह ज़रूर कहा कि यह फैसला करना पड़ेगा कि सरकार से इसे सार्वजनिक करने के लिए कहा जा सकता है या नहीं. बहरहाल, बुधवार को राफेल खरीद में कथित घोटाले में खरीद प्रकिया पर अदालत ने आरोपियों और शिकायतकर्ताओं को तफसील से सुना.
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- नवंबर 15, 2018 14:31 pm IST
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सरकार का पिंड नहीं छूटा नोटबंदी कांड से
कल यानी गुरुवार को नोटबंदी की दूसरी बरसी थी. विश्वप्रसिद्ध अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के हादसे को याद दिलाया. उन्होंने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था को चैपट करने में नोटबंदी की क्या और कितनी भूमिका रही.
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- नवंबर 09, 2018 20:40 pm IST