-
ब्लॉग राइटर
-
राफेल खरीद कांड, अपराधशास्त्र के नज़रिये से...
अदालत ने विमान के दाम के बारे में किसी तरह की सुनवाई से फिलहाल इंकार कर दिया. अदालत ने कहा कि जब तक विमान के दाम के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं होती, तब तक इस मामले में कोई बात नहीं होगी. हालांकि अदालत ने यह ज़रूर कहा कि यह फैसला करना पड़ेगा कि सरकार से इसे सार्वजनिक करने के लिए कहा जा सकता है या नहीं. बहरहाल, बुधवार को राफेल खरीद में कथित घोटाले में खरीद प्रकिया पर अदालत ने आरोपियों और शिकायतकर्ताओं को तफसील से सुना.
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Reported by Sudhir Jain
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] =>
[hindiname] =>
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => एनडीटीवी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
[9] => Array
(
[key] => thumbnail
[value] =>
)
)
[hindiname] => एनडीटीवी
)
)
-
- नवंबर 15, 2018 14:31 pm IST
-
-
निधि का नोट : भाषा को मजबूती मिल ही जाती है
ये भी सही है कि हिन्दी के इस तरह के कायर्क्रमों से भाषा का प्रसार होता है। नेता और अफसर हिन्दी में लिखने को तव्ज्जो देंगे। अब मोबाइल फोन में इस तरह की सुविधा है जो आसानी से हिन्दी में लिखने में मदद करती है, भूल सुधार करती है। तो जो भी अवसर मिले भाषा को मजबूती मिल ही जाती है।
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] => Array
(
[275] => Array
(
[id] => 275
[name] => Nidhi Kulpati
[designation] =>
[info] => a:7:{i:1;a:2:{s:3:"key";s:11:"description";s:5:"value";s:0:"";}i:2;a:2:{s:3:"key";s:7:"twitter";s:5:"value";s:0:"";}i:3;a:2:{s:3:"key";s:7:"website";s:5:"value";s:0:"";}i:4;a:2:{s:3:"key";s:8:"facebook";s:5:"value";s:0:"";}i:6;a:2:{s:3:"key";s:9:"hindiname";s:5:"value";s:31:"निधि कुलपति";}i:7;a:2:{s:3:"key";s:16:"hindidesignation";s:5:"value";s:0:"";}i:8;a:2:{s:3:"key";s:16:"hindidescription";s:5:"value";s:0:"";}}
)
)
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Reported By Nidhi Kulpati
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] =>
[hindiname] =>
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
-
- सितंबर 22, 2016 10:34 am IST
-
-
सुशील महापात्रा की कलम से : अपने ही देश में परदेसी हुए आमिर खान
आमिर, आपने यह क्या बोल दिया? बोलने से पहले आपको सोच लेना चाहिए था! आपकी "दिल" जैसी फ़िल्म को लोगों ने दिल में बिठाया फिर आपने यह क्या किया, करोड़ों लोगों का दिल तोड़ दिया। क्या आपने 'पी के' ऐसा बयान दिया था जिसकी वजह से इतना बवाल हुआ है।
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] => Array
(
[1309] => Array
(
[id] => 1309
[name] => Sushil Kumar Mohapatra
[designation] =>
[info] =>
)
)
[by_line] => Array
(
[byline] => Reported by Sushil Kumar Mohapatra, Rajeev Mishra
[designation] =>
[info] =>
)
)
-
- दिसंबर 23, 2015 14:29 pm IST
-
-
बाबा का ब्लॉग : बिहार में अगर 'पूरा होता' महागठबंधन, तो बीजेपी का होता और बुरा हाल
बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू,कांग्रेस और आरजेडी के महागठबंधन को अन्य पार्टियों ने 19 सीटों पर नुकसान पहुंचाया। बहुजन समाज पार्टी जिसकी बिहार चुनाव में चर्चा भी नहीं हुई, उसने महागठबंधन को सबसे अधिक 11 सीटों पर जीतने से रोक दिया।
-
प्रियदर्शन की कलम से : अरुण जेटली को गुस्सा क्यों आता है?
यह कुछ ही दिनों के भीतर दूसरी बार है जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दाल और तेल की आसमान छूती क़ीमतों के अपने ज़रूरी मुद्दे पर सफ़ाई देने की जगह बुद्धिजीवियों पर मिथ्या आरोप लगाने में अपनी ऊर्जा जाया की है। लेकिन ये आरोप ख़ुद ही अपनी राजनीतिक सीमाओं की कलई खोलते हैं।
-
उमाशंकर सिंह : वोट काटने में जुटे नेताओं को परवाह नहीं गंगा के कटाव की
खरही के ऊंचे पौधों के बीच संकरी कच्ची सड़क पर जब हम आगे बढ़े तो हमें भाड़े की बोलेरो गाड़ी किसी वरदान से कम नहीं लगी। आमतौर पर शहरों को जोड़ने वाली सड़क की शानदार हालत मुख्य सड़क से हटते ही थोड़ी पतली हो जाती है। ग्रामीण सड़कों की हालत चमचमाते हाईवेज़ से उलट है।
-
सुधीर जैन : आइये समझें साहित्यकारों के विरोध और इसकी राजनीति को
पुरस्कृत साहित्यकार उन्हें मिले सम्मान वापस करने का सिलसिला बनाए हुए हैं। वैसे गाहेबगाहे ऐसा होता रहता था, लेकिन इस बार एक बात खास है। आज साहित्यकार तबका चौतरफा असंतोष में है, इसीलिए यह ज़्यादा गौरतलब है।
-
सुशील महापात्रा की कलम से : 'मुझे अपनी बेटी पर गर्व है'
पटना के महावीर कैंसर संस्थान को कैंसर के इलाज के लिए जाना जाता है। सोमवार की सुबह हमारे प्राइम टाइम शो के शूट के दौरान हम इस संस्थान में पहुंचे थे। अस्पताल में काफी भीड़ थी। तरह-तरह के लोग दिखाई दे रहे थे।
-
उमाशंकर सिंह की कलम से : गीता से याद आई केजियामणि की कहानी
पाकिस्तान से गीता की वापसी की तैयारी केजियामणि के लौटने की कहानी की याद दिला रही है। हालांकि दोनों की कहानी में बड़ा फर्क है, लेकिन एक बात जो समान है, वह ये कि दोनों के कई साल पाकिस्तान में बीते हैं।
-
महावीर रावत की कलम से : क्या विराट कोहली को टीम से बाहर कर दें, सवाल धोनी पर ही क्यों?
टीम इंडिया बांग्लादेश में वनडे सीरीज़ हारी तो धोनी के खिलाफ़ शोर बढ़ने लगा और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ दो टी-20 और एक वन-डे मैच हारने के बाद तो मानो महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट की हार की सबसे बड़ी वजह ही बन गए।
-
निधि का नोट : सही नीयत के इंतजार में बिहार...
बिहार में विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं और इसी सरगरमी के बीच मुझे यहां एक बार फिर जाने का मौका मिल गया। पिछले साल लोकसभा चुनावों में पंजाब की बजाय बिहार को चुना था। एक उत्सुक्ता थी उस राज्य को समझने की जिसे कई मापदंडों में पिछड़ा हुआ बताया गया।
-
...तो आसमान में उड़कर ज़मीन जीतने की तैयारियां हो रही हैं
पटना एयरपोर्ट पर वाक़ई हेलीकॉप्टर की भीड़ है। अज्ञात सूत्र ने कहा कि बीस बाईस हेलीकॉप्टर में से पंद्रह के करीब बीजेपी नेताओं के लिए हैं। पांच सात हेलीकॉप्टर जो अभी और आ रहा है वो क़ौन लेगा? बताने वाला चुप रहा और कहा कि आप समझ ही रहे हैं।
-
बिहार की चुप्पी और चुप्पी की बोली!
बिहार का मतदाता बोल नहीं रहा है। सोच रहा है। एक राजनेता की सभा में मंच की सुरक्षा कर रहे कमांडो को पानी देते हुए पूछा कि आप तो कई जगहों पर जाते होंगे क्या महसूस करते हैं। कमांडो ने बिना आंखे मटकाये कहा कि सर, मोहभंग हो गया है। किससे? दोनों से। क्यों ?
-
कादम्बिनी शर्मा : दादरी पूछता है आप कौन हैं?
ग्रेटर नोएडा के दादरी में अख़लाक़ का मारा जाना महज़ हादसा था या साज़िश या कुछ और इस पर अभी जांच चलेगी और उससे भी लंबी और उससे परे बहस। लेकिन ये एक ऐसी घटना है जिसके बाद आपको, हमें खुद से पूछना चाहिए कि हम आखिर हैं कौन...पहचान क्या है हमारी...
-
भाजपा का विज़न है या टेलीविजन का विज़न
कम से कम इस मामले में बहुजन समाज पार्टी की तारीफ की जा सकती है कि पार्टी घोषणापत्र में यक़ीन नहीं करती। दूसरे दलों का भी घोषणापत्र में कम ही यक़ीन लगता है फिर भी वे जारी करते हैं इसलिए थोड़ी तारीफ़ उनकी भी की जानी चाहिए। हमारे देश में घोषणापत्र का ब्रांड पिट चुका है।
-
इकबाल परवेज का ब्लॉग : मीडिया के इस्तेमाल में कंगना सबसे आगे
हम सब जानते हैं और अक्सर कहते हैं कि आमिर ख़ान सबसे ज़्यादा और बेहतर तरीके से मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। हम ये भी कहते और देखते हैं कि फ़िल्म रिलीज़ के समय शाहरुख़ ख़ान एक एक दिन में दो-दो या तीन-तीन बार मीडिया के सामने आते हैं मगर शाहरुख़ हों या आमिर, ये सब पीछे हैं कंगना रनौत से।
-
आप दादरी की भीड़ से अलग हैं या उसका हिस्सा
इतना सब कुछ सामान्य कैसे हो सकता है? बसेहड़ा गांव की सड़क ऐसी लग रही थी जैसे कुछ नहीं हुआ हो और जो हुआ है वो ग़लत नहीं है। दो दिन पहले सैंकड़ों की संख्या में भीड़ किसी को घर से खींच कर मार दे। मारने से पहले उसे घर के आख़िरी कोने तक दौड़ा ले जाए।
-
बुंदेलखंड डायरी पार्ट 3 : डाकू ददुआ के इलाके में बुंदेलखंड पैकेज की एक खोज
आठ साल पहले जिस कोल्हुवा के जंगल में ददुआ को एसटीएफ ने मार गिराया था उसी जंगल में बुंदेलखंड पैकेज को हम खोजने निकले। बुंदेलखंड के किसानों को आत्महत्या और सूखे से बचाने के लिए केंद्र सरकार 7266 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 13 जिलों को दिया।