विज्ञापन

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन: 93 फीसदी मतदाताओं को दिया गया गणना फार्म, 13% ने किए जमा

चुनाव आयोग ने तय किया है कि जिन लोगों के नाम 1 जनवरी 2003 से पहले भी मतदाता सूची में शामिल थे, उनको केवल गणना फॉर्म भरना होगा उन्हें और कोई दस्तावेज नहीं लगाना होगा.

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन: 93 फीसदी मतदाताओं को दिया गया गणना फार्म, 13% ने किए जमा
गणना फॉर्म भरने की आख़िरी तारीख़ 25 जुलाई है...
नई दिल्‍ली:

बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण यानि SIR का काम तेजी से चल रहा है. अब तक कुल मतदाताओं में 93 फ़ीसदी मतदाताओं को गणना फार्म (Enumeration form) दिया जा चुका है, जिसमें से 13.19 फ़ीसदी लोगों ने उसे जमा भी करा दिया है. बिहार में कुल 7.98 करोड़ मतदाता हैं. गणना फॉर्म भरने की आख़िरी तारीख़ 25 जुलाई है. 

दस्तावेजों को लेकर है चिंताएं 

चुनाव आयोग ने तय किया है कि जिन लोगों के नाम 1 जनवरी 2003 से पहले भी मतदाता सूची में शामिल थे, उनको केवल गणना फॉर्म भरना होगा. उन्हें और कोई दस्तावेज नहीं लगाना होगा. आज के कुल 7.98 करोड़ मतदाताओं में से करीब 60 फ़ीसदी ऐसे हैं जिनके नाम 1 जनवरी 2003 से पहले भी शामिल थे. लेकिन इसके बाद जुड़े सभी लोगों को गणना फॉर्म के साथ-साथ अपनी पहचान का एक दस्तावेज़ भी लगाना है. किन पहचान पत्रों को लगाया जा सकता है उसकी सूची चुनाव आयोग ने जारी की हुई है. हालांकि दस्तावेजों को लेकर विपक्षी इंडिया गठबंधन के साथ साथ उपेन्द्र कुशवाहा जैसे एनडीए सहयोगियों ने भी कुछ सवाल खड़े किए हैं. इनका तर्क है कि कई लोगों के पास ज़रूरी दस्तावेज़ नहीं हैं, लिहाज़ा 25 जुलाई तक उन्हें जमा करना मुश्किल है.

दस्तावेज जमा करवाने के लिए कुछ समय और दिया जाएगा- सूत्र

आयोग के सूत्रों के मुताबिक अगर कोई मतदाता 25 जुलाई की आखिरी तारीख से पहले गणना फॉर्म भर देता है लेकिन दस्तावेज़ जमा नहीं करवा सकता तो उसे अपने दस्तावेज जमा करवाने के लिए कुछ और समय दिया जाएगा. एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक अगस्त के महीने में भी , वैसे मतदाता अपने दस्तावेज जमा करवा सकेंगे जिन्होंने गणना फार्म 25 जुलाई से पहले भर दिया. ऐसा करने से उन मतदाताओं को अपने दस्तावेज जुटाने में थोड़ा और समय मिल पाएगा जिनके पास जरूरी दस्तावेज़ फ़िलहाल नहीं हैं.

एक अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची होगा जारी

चुनाव आयोग ने जो समय सीमा तय की है उसके मुताबिक 1 अगस्त को मतदाता सूची का मसौदा यानि ड्राफ्ट सार्वजनिक कर दिया जाएगा. इसमें उन सभी लोगों के नाम शामिल होंगे जिन्होंने 25 जुलाई तक गणना फॉर्म भर दिया होगा. 30 अगस्त तक आयोग के सामने शिकायतें या आपत्ति दर्ज करवाई जा सकेंगी. इन आपत्तियों और शिकायतों पर विचार करने के बाद 30 सितंबर को चुनाव आयोग बिहार के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी करेगा. ऐसा समझा जा रहा है कि 30 सितंबर से पहले उन लोगों को दस्तावेज जमा करवाने का समय दिया जाएगा, जिनके पास फिलहाल दस्तावेज मौजूद नहीं है, लेकिन उन्हें अपनी पहचान का दस्तावेज जमा करवाना अनिवार्य है.

कोई वैध मतदाता नहीं छूटेगा

चुनाव आयोग ने ये साफ किया है कि इस प्रक्रिया में किसी वैध मतदाता का नाम नहीं कटेगा और उसके लिए आयोग के बूथ लेवल ऑफिसर यानि BLO दिन रात मेहनत कर रहे हैं. आयोग ने इस पूरी प्रक्रिया का मूल वाक्य ही रखा है- कोई मतदाता न छूटे. खुद मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राजनीतिक दलों से भी अपील की है कि वो इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए अपना पूरा सहयोग दें.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com