कुछ महीने पहले तक महेंद्र सिंह धोनी इस देश के सबसे बड़े क्रिकेट सितारे थे। विश्व कप के सेमीफाइनल में हार के बाद मानो सब बदल गया। टीम इंडिया बांग्लादेश में वनडे सीरीज़ हारी तो धोनी के खिलाफ़ शोर बढ़ने लगा और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ दो टी-20 और एक वन-डे मैच हारने के बाद तो मानो महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट की हार की सबसे बड़ी वजह ही बन गए।
धोनी के फॉर्म की बातें
इस पर रह रहकर पुराने खिलाड़ी धोनी के फॉर्म की बातें करके इस हवा को और बढ़ावा दे रहे हैं। लेकिन, जिस खिलाड़ी ने 28 साल बाद टीम इंडिया को वन-डे विश्व चैंपियन बनाया, टी-20 विश्व कप 2007 में भारत को विजेता बनाया और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड में जाकर टीम इंडिया का झंडा बुलंद किया वो क्या आज इतना खराब हो गया है कि टीम से बाहर करने की बातें सामने आने लगी हैं, लेकिन जरा हम 2015 के बल्लेबाज़ों के औसत पर नज़र डालते हैं।
2015 का औसत
शिखर धवन - 40.12
सुरेश रैना - 37.60
अजिंक्य रहाणे - 38.2
विराट कोहली - 29.9
एमएस धोनी - 41.72
रोहित शर्मा - 59.6
आंकडे साफ बता रहे हैं कि रोहित शर्मा के बाद एमएस धोनी टीम इंडिया के सबसे कामयाब बल्लेबाज़ रहे हैं। अब ज़रा विराट कोहली के पिछले 6 महीने के रिकॉर्ड को देखते हैं।
कोहली की पारियां
पिछली 11 पारियां
रन - 258
अर्द्धशतक- 0
शतक-0
तो क्या हम विराट कोहली को टीम से बाहर कर दें?
एक हाथ में ताली और एक हाथ में गाली से क्रिकेट खिलाड़ियों का चयन नहीं होता। एक खिलाड़ी न तो एक रात में हीरो बन जाता है, और ना ही एक रात में ज़ीरो।
हमें ऐसे एक्सपर्ट्स से भी बचना चाहिए जो हर मैच के बाद अपनी राय बदलते रहते हैं ताकि वो चैनल की हां में हां मिला सकें।
धोनी ने टेस्ट क्रिकेट खेलना छोड़ दिया
मैं उन भक्तों में से भी नहीं हूं जो ये कहें कि धोनी में अभी भी 3-4 साल का क्रिकेट बचा है, लेकिन सिर्फ़ कुछ मैच से ही धोनी को आंकना ठीक नहीं। वो अब पुराने जैसे बल्लेबाज़ शायद दुबारा कभी न बन पाएं क्योंकि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट खेलना छोड़ दिया है।
टेस्ट मैच के लिए जो वो तैयारियां करते थे, जो अभ्यास करते थे, जो फिटनेस रखते थे उनका फायदा उन्हें वन-डे और टी-20 में भी होता था।
कुछ समय लगेगा धोनी को
अब वो तीन महीने से क्रिकेट से बाहर थे, फिर से Hand-Eye Coordination जमाने में थोड़ा वक्त लगेगा। टीम इंडिया की कमज़ोरी वही है जो सालों से रही है, और वो है गेंदबाज़ी। कई सालों से कप्तान धोनी बल्लेबाज़ धोनी की मदद को आ रहे हैं।
बल्लेबाज़ धोनी कप्तान धोनी की मदद करे
अब वक्त आ गया है कि बल्लेबाज़ धोनी कप्तान धोनी की मदद को आगे आए। धोनी के बल्ले से रन बनेंगे तो सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी।
मुझे अभी भी लगता है कि हार आपसी समस्याओं को दस गुना बढ़ा देती है और जीत कई समस्याओं को छुपा देती है। चैंपियन टीम वही होती है जो हार से ज़्यादा मायूस न हो और जीत के नशे में अपनी कमज़ोरियां न भूल जाए। धोनी को अभी कुछ मौक़े और मिलने चाहिए। ये उनका हक़ भी है।
This Article is From Oct 13, 2015
महावीर रावत की कलम से : क्या विराट कोहली को टीम से बाहर कर दें, सवाल धोनी पर ही क्यों?
Reported by Mahavir Rawat, Edited by Rajeev Mishra
- ब्लॉग,
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Updated:अक्टूबर 14, 2015 07:53 am IST
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Published On अक्टूबर 13, 2015 19:06 pm IST
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Last Updated On अक्टूबर 14, 2015 07:53 am IST
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