विशेष नोट : यह आलेख दरअसल सालों पहले लिखा था, और एक बार फिर आपके सामने पेश कर रहा हूं... इसके लिए हर बार एक नया शीर्षक सोचने का प्रयास करता हूं, परंतु हर बार एक गीत की पहली पंक्ति लिखकर छोड़ देता हूं... अब तक दिए गए शीर्षकों में से मेरे पसंदीदा आपके लिए प्रस्तुत हैं - 'आए तुम याद मुझे, गाने लगी हर धड़कन...', 'ओ साथी रे... तेरे बिना भी क्या जीना...', 'हज़ार राहें मुड़के देखीं...', 'आ चल के तुझे मैं लेके चलूं...' खैर, अब पढ़िए अपने चहेते गायक के बारे में... (शनिवार, 1 अक्टूबर, 2022)
आज किशोर होते तो 93 साल के हो चुके होते... गायक, संगीत निर्देशक, गीतकार, अभिनेता, निर्माता-निर्देशक किशोर कुमार अब हमारे बीच नहीं हैं, और लगता है कि उनके जाने से बन गया खालीपन आने वाले कई सालों तक भरा नहीं जा सकेगा...
किसी भी फ़िल्म के निर्माण में सभी विधाओं का महत्व होता है, लेकिन बॉलीवुड फिल्मों के संगीत पक्ष की महत्ता हमेशा से बहुत अधिक रही है, सो, फ़िल्म निर्माण के हर पहलू से जुड़े रहे होने के बावजूद किशोर ख़ुद को गायक कहलाना ही पसंद करते थे... हालांकि किशोर के समय में मोहम्मद रफी और मुकेश जैसे नाम भी मौजूद थे, लेकिन भारतीय फ़िल्म संगीत में उनाका नाम अलग ही चमकता रहा...
Story ProgressBack
This Article is From Aug 04, 2010
किशोर कुमार की पुण्यतिथि (13 अक्टूबर) पर विशेष : आए तुम याद मुझे... गाने लगी हर धड़कन...
Vivek Rastogi
- ब्लॉग,
-
Updated:August 04, 2010 15:50 IST
-
Published On December 30, 2011 15:51 IST
-
Last Updated On December 30, 2011 15:51 IST
-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं