प्राइम टाइम एंकर, तीन बार रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित, 20 साल की पत्रकारिता, ब्लॉगर, फेसबुक पेज @RavishKaPage, ट्विटर @ravishndtv, लेखक - The Free Voice, इश्क़ में शहर होना.
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने तो कई बार ट्विट किया है कि अमुक चीज़ का निर्यात बढ़ गया है। ट्विटर पर अलग अलग आइटमों के निर्यात की सूचना अलग अलग शीर्षक से देते रहते हैं। बस किसी आइटम की तुलना 2013 से करते हैं तो किसी कि 2021 से।
आज ही के दिन यानी 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू की गई थी. आम तौर पर अपने हर बड़े काम के वार्षिक समारोह मनाने वाली सरकार नोटबंदी के अगले ही साल उसे भुला चुकी थी.
घबराई जनता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई तो आक्सीज़न की उचित व्यवस्था के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स बना दिया. इस नेशनल टास्क फोर्स का बनाया जाना ही बड़ा प्रमाण था कि आक्सीजन का संकट है लेकिन इसके बाद भी सभी के सामने कह दिया गया कि आक्सीज़न से कोई नहीं मरा और सभी ने इसे स्वीकार भी कर लिया.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तो साक्षात मौजूद थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग से शामिल हुए थे. उस दिन जितने मकान दिए गए, उनमें से 75 मकान ग़ायब हो गए हैं.
इस तरह के नवीन-नूतन आइडिया हर दिन लांच होते हैं, जिस पर आप लाइक करते हैं और जिसे लेकर कमेंट बाक्स में भिड़ जाते हैं। ऐसे अनेक आइडिया लांच हो चुके हैं और आप भूल भी चुके हैं। आपका जीवन खास नहीं बदला है।
आज गांधीनगर में गृह मंत्री अमित शाह ने नोरकोटिक्स ब्यूरो के कार्यों की समीक्षा की है. उनकी ऑनलाइन मौजूदगी में अंकलेश्वर और दिल्ली में कई हज़ार किलोग्राम ड्रग्स जलाया गया है. इसकी कीमत 632 करोड़ बताई जाती है.
खबर बताती है कि जिन लोगों ने लोन लिया उसे बिजनेस में नहीं लगाया. ऐसे लोगों ने भी लोन लिया जिनका बिजनेस पहले से बंद हो गया था और ऐसे लोगों ने भी लिया जो बिजनेस नहीं कर रहे थे.
क्या धर्म की राजनीति नागरिकों को इतना कमज़ोर कर देती है कि वह धर्म के नाम पर यह सब देखना बंद कर देता है. क्या धर्म की राजनीति यही सिखाती है कि हत्या पाप नहीं है. बलात्कार पाप नहीं है.
8 नवंबर 2016 के दिन ऐसा धमाका हुआ कि किसी को समझ नहीं आया। यह फैसला भी 2020 के तालाबंदी के जैसा था। एक ही झटके में देश सड़क पर आ गया। पुराने नोट बदलने की समय सीमा इतनी कम थी, बैंकों के बाहर लंबी लंबी कतारें लग गईं।
रैकिंग की राजनीति पर बात ज़रूरी है .भारत का रैंक अच्छा हो, यह सब चाहते हैं मगर रैंक अच्छा बताने के लिए भ्रामक तरीकों का सहारा लिया जाए, यह कोई नहीं चाहेगा.
मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक जीवन 1967 से शुरू होता है. 55 साल के राजनीतिक जीवन को आप एक कार्यक्रम में समेट नहीं सकते. राजनेताओं का जीवन केवल विवादित और चर्चित फैसलों का नहीं होता.
फरवरी में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब कितने ही देशोे के राष्ट्र प्रमुख कितनी बार मिलने और एक दूसरे से बात करने के नाम पर फोटो खींचा चुके हैं, उनकी वाहवाही में कितने संपादकीय लिखे गए और हेडलाइनें छपीं मगर उन सब का कोई नतीजा नहीं निकला। यूक्रेन युद्ध जारी है और अब परमाणु युद्ध की बात होने लगी है।
इतनी बड़ी कंपनी किसे पैसा खिला रही थी, जो खा रहा था, वो ख़ुद खा रहा था या आगे भी किसी को खिला रहा था, उसने और किस-किस से पैसे खाए होंगे, इतने सारे सवाल है कि दिमाग से पहले पेट खाली हो जाए.
भारत में अब सूखे का एलान नहीं होता है, मगर खबरें ही बता रही हैं कि उसका असर है। ऐसा नहीं है कि भारत में बारिश और सूखे का खेल नहीं चल रहा है। यूपी में ही जहां कम बारिश के कारण धान की फसल सूख जाने की खबर आ रही थी वहां पिछले चार-पांच दिनों से कई शहरों में भारी बारिश की खबर है।
ये हासिल है हज़ारों करोड़ के विज्ञापन और दिन रात के निवेश से चल रहे गोदी मीडिया का। मैंने कई बार कहा है कि आप इस देश की किसी भी चीज़ पर गर्व कर सकते हैं मगर गोदी मीडिया पर नहीं। केवल यहां ही नहीं, दुनिया में कहीं भी जाएंगे, गोदी मीडिया के कारण शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी।
गोवा में कांग्रेस को तोड़कर बीजेपी ने कांग्रेस को खुली चुनौती दे दी है कि अगर एक पार्टी के रूप में कांग्रेस ही नहीं बचेगी तो वो भारत जोड़ने की राजनीतिक एजेंसी बनने की दावेदारी कैसे कर पाएगी?
आज आप लखीमपुरखीरी (Lakhimpurkhiri) के बारे में चर्चा कर रहे हैं. कल पता नहीं ऐसी भयानक घटना फिर से कहां दोहरा दी जाए. बलात्कार (Rape) और बलात्कार के बाद हत्या (Murder) के मामलों को लेकर इस पार्टी की सरकार बनाम उस पार्टी की सरकार की सियासत हो चुकी अपराधियों के मजहब को लेकर सियासत हो चुकी है. मगर लडकियों को खतरों में कोई कमी नहीं आ रही है.
गोवा में जितनी तेज़ी से लहरें नहीं बदलती हैं, उससे कहीं तेज़ी से विधायक पाला बदल लेते हैं. इस साल फरवरी में जब विधानसभा चुनाव हो रहे थे तब कांग्रेस के 37 उम्मीदवार घूम घूम कर शपथ ले रहे थे कि वे जीतने पर पार्टी नहीं बदलेंगे. गोवा की जनता इस बात से परेशान है कि वह जिसे भी वोट देती है, पार्टी बदल लेता है. बीजेपी के खिलाफ जिन कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट दिया था, उनके आज बीजेपी में चले जाने की खबर आ गई. कांग्रेस के 11 विधायकों में से 8 बीजेपी में चले गए.