
- यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर राहुल गांधी के बयान को नफरत फैलाने वाला बताया है
- शिकायतकर्ता वकील नृपेंद्र पांडे ने कहा कि राहुल गांधी के बयान समाज में दुश्मनी फैलाने के इरादे से थे
- मामला 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर दिए गए विवादित बयान से जुड़ा है
राहुल गांधी के वीर सावरकर पर दिए आपत्तिजनक बयान मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि, 'सभी आरोपों की पुष्टि जांच से होती है जो पूर्व नियोजित कार्यों के माध्यम से जानबूझकर नफरत फैलाने का संकेत देते हैं, जो उक्त अपराधों की श्रेणी में आते हैं'. शिकायतकर्ता वकील नृपेंद्र पांडे के इस तर्क से सहमत हैं कि, 'राहुल गांधी के कार्य समाज में नफरत और दुश्मनी फैलाने के इरादे से किए गए थे.'
सुप्रीम कोर्ट करेगा मामले में सुनवाई
नृपेंद्र पांडे ने आगे कहा कि, 'इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश न्यायोचित और वैध हैं, इसमें अदालत को दखल नहीं देना चाहिए'. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करेगा. वहीं राहुल गांधी ने वीर सावरकर को लेकर दिये आपत्तिजनक बयान के मामले में राहत के लिए SC का रुख किया है.याचिका में राहुल गांधी ने लखनऊ की निचली अदालत की ओर से जारी समन और वहां चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है.
जानिए क्या है पूरा मामला
मामला 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के महाराष्ट्र में दिए गए विवादित बयान से जुड़ा है. जिसमें राहुल गांधी ने सावरकर को 'अंग्रेजों का नौकर' बताया था. साथ ही कहा था कि सावरकर 'अंग्रेजों से पेंशन लेते थे. वकील नृपेंद्र पांडे ने इसको लेकर निकली अदालत के शिकायत दर्ज कराई थी. निचली अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ पहली नज़र में आईपीसी 153(A) और 505 के तहत केस मानते हुए राहुल गांधी को समन जारी किया था.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने समन पर तो अंतरिम रोक लगाई थी लेकिन वीर सावरकर के लिए अपमानजनक बयान देने के लिए राहुल गांधी को जमकर फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा है कि अगर वो इस तरह के बयान देंगे तो उस पर कोर्ट खुद संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करेगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं