
- कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश में नशे की समस्या को पंजाब के रास्ते पाकिस्तान से हो रही ड्रग तस्करी से जोड़ा है.
- राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने नशे की बढ़ती समस्या को लेकर हिमाचल को उड़ता पंजाब बनने की चेतावनी दी है.
- राज्यपाल ने बताया कि ड्रग्स से जुड़े मामले 2012 से 2023 तक तीन गुना से अधिक बढ़कर दो हजार दो सौ हो गए हैं.
कंगना रनौत के बयान से पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बीच नया विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी सांसद कंगना ने हिमाचल में बढ़ती नशे की समस्या को पंजाब के रास्ते पाकिस्तान से होने वाली ड्रग तस्करी से जोड़ा. उनके इस बयान को हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला के "उड़ता पंजाब" वाले बयान का समर्थन मिला, लेकिन पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) ने इसकी कड़ी आलोचना की.
शुक्रवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान मंडी की सांसद कंगना ने संसद भवन के बाहर पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान से पंजाब के रास्ते हिमाचल में ड्रग्स की तस्करी हो रही है, जो हमारे युवाओं और परिवारों को बर्बाद कर रही है. 2016 की फिल्म 'उड़ता पंजाब' का हवाला देते हुए कंगना ने हिमाचल की स्थिति को पंजाब के कुछ हिस्सों से जोड़ा और चेतावनी दी, "हिमाचल में नशे की स्थिति भयावह है. अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो हमारा राज्य पंजाब के उन गांवों जैसा हो जाएगा, जहां केवल खिड़कियां और महिलाएं बची हैं."
'माता-पिता के गहने बेच रहे हैं...'
कंगना ने कहा कि हिमाचल के कई युवा नशे की लत में फंस रहे हैं और अपराध की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमारे भोले-भाले बच्चे नशे के कारण चोरी कर रहे हैं, माता-पिता के गहने बेच रहे हैं, कारें चुरा रहे हैं. माता-पिता रोते हुए मदद मांगते हैं. बच्चे कमरों में बंद होकर फर्नीचर तोड़ते हैं, चीखते हैं और मदद की गुहार लगाते हैं. यह उनके लिए मौत से भी बदतर है.
कंगना का बयान हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला की चेतावनी के बाद आया, जिन्होंने कहा था कि अगर नशे की समस्या पर काबू नहीं पाया गया, तो हिमाचल "उड़ता पंजाब" बन सकता है. राज्यपाल ने बताया कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत ड्रग्स से संबंधित मामले 2012 में 500 से बढ़कर 2023 में 2,200 हो गए, जो 340% से अधिक की वृद्धि है.
नशे को लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने क्या कहा था?
शुक्ला ने कहा, "यह केवल अभियान नहीं, बल्कि हमारी भावी पीढ़ियों और सामाजिक ताने-बाने को बचाने का मिशन है. खतरा वास्तविक है और बढ़ रहा है. अगर तुरंत कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो अगले पांच साल में हिमाचल पंजाब जैसे नशे के संकट का सामना कर सकता है."
राज्यपाल ने पुनर्वास केंद्रों की कमी पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, "कुल्लू में रेड क्रॉस द्वारा संचालित केवल एक पुनर्वास केंद्र है. सिरमौर में एक केंद्र के लिए जमीन चिह्नित हुई है, लेकिन प्रगति नहीं हुई. सरकारी पुनर्वास केंद्रों की कमी इस समस्या के प्रति गंभीरता की कमी को दर्शाती है."
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कंगना के बयान पर पलटवार करते हुए उन पर गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी का आरोप लगाया. चीमा ने कहा, "कंगना को पंजाब पर उंगली उठाने से पहले भाजपा शासित राज्यों में नशे की स्थिति का सर्वे करवाना चाहिए. यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने बिना सबूत के ऐसे बयान दिए हों."
चीमा ने सवाल उठाया कि कंगना अन्य भाजपा शासित राज्यों पर चुप क्यों हैं. उन्होंने कहा, "गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल में भी नशे की समस्या गंभीर है."
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