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ये हासिल करना इतना आसान नहीं था... यूके के साथ भारत की डील पर बोले सुनील भारती मित्तल

सुनील भारती मित्तल ने कहा कि इस समझौते से न केवल भारत के किसानों को, बल्कि कारीगरों, एमएसएमई और यहां तक कि डॉक्टरों और वकीलों जैसे पेशेवरों को भी लाभ होगा.

ये हासिल करना इतना आसान नहीं था... यूके के साथ भारत की डील पर बोले सुनील भारती मित्तल
भारत और ब्रिटेन ने एफटीए डील पर किए हस्ताक्षर
  • पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए.
  • समझौता किसानों, कारीगरों, MSME और पेशेवरों जैसे डॉक्टरों और वकीलों को आर्थिक और व्यावसायिक लाभ प्रदान करेगा.
  • ब्रिटेन के पास कई ऐसे क्षेत्रों का अनुभव है जो भारत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
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नई दिल्ली:

भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक FTA यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. दोनों देशों के बीच हुई इस डील को बेहद खास बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि इस डील से भारत के साथ-साथ ब्रिटेन को भी जबरदस्त फायदा होने वाला है. एनडीटीवी ने FTA को लेकर भारती इंटरप्राइजेज के चेयरपर्सन सुनील भारती मित्तल से खास बातचीत की. सुनील भारती मित्तल ने एनडीटीवी से कहा कि मुक्त व्यापार समझौते करना आसान नहीं है और भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ समझौता, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान हस्ताक्षर हुए - एक "ऐतिहासिक क्षण" है जिससे दोनों देशों को लाभ होगा. 

सुनील भारती मित्तल ने कहा कि इस समझौते से न केवल भारत के किसानों को, बल्कि कारीगरों, एमएसएमई और यहां तक कि डॉक्टरों और वकीलों जैसे पेशेवरों को भी लाभ होगा. आपको बता दें कि सुनील मित्तल के समूह की ब्रिटेन में एक दशक से भी ज़्यादा समय से उपस्थिति है. 

उन्होंने आगे कहा कि कि यह समझौता इसलिए सफल हुआ क्योंकि भारत और ब्रिटेन के बीच "उच्च स्तर की पूरकता" है, जबकि ज़्यादातर मामलों में "आप जो चाहते हैं, दूसरा पक्ष उसका विरोध करता है ". अगर हम सोचें कि भारत ने क्या दिया? तो जवाब होगा एक विशाल बाज़ार. यह काफी स्पष्ट है. साथ ही भारत में प्रतिभा का विशाल भंडार भी मौजूद है. आज दुनिया में एक बहुत ही विशेष घटक है साथ ही उसके पास कम लागत वाली विनिर्माण की उपलब्धता है. दूसरी ओर, ब्रिटेन के पास प्रौद्योगिकियां हैं, विशेष रूप से परमाणु, अंतरिक्ष, रक्षा, जैव विज्ञान में उच्च तकनीक वाली प्रौद्योगिकियां. उन्होंने कहा कि भारत को ब्रिटिश कंपनियों के साथ गठजोड़ करके या ब्रिटिश कंपनियों द्वारा भारत में निवेश करके लाभ मिल सकता है.यह ब्रिटेन को भारत के लघु एवं मध्यम उद्योगों - चमड़ा, चमड़े के जूते, हस्त-औज़ार, मशीनी औज़ार, रत्न एवं आभूषण - तक पहुंच प्रदान करता है.

मित्तल ने आगे कहा कि ऐसी बहुत सी छोटी-छोटी चीज़ें हैं जो ब्रिटेन में नहीं बनतीं और चीन या अन्य जगहों से आयात की जाती हैं, अब इस मुक्त व्यापार समझौते के तहत उन्हें बढ़ावा मिलेगा. इसलिए आपको इन वस्तुओं पर ध्यान देना चाहिए, जिनका वर्तमान मूल्य लगभग 23 अरब डॉलर है. मशीनों का निर्यात, जो 14 अरब डॉलर है, संभवतः दोगुना हो सकता है.यह सब मिलकर एक "बेहद उच्च" पूरकता का निर्माण करता है - "यदि आप इन दोनों को मिला दें, तो यह एक फोर्स मल्टीप्लायर बन जाता है. मुक्त व्यापार समझौता डॉक्टरों या वकीलों जैसे भारतीय पेशेवरों के लिए भी अच्छा साबित होगा, जिन्हें पहले ब्रिटेन में प्रैक्टिस करने के लिए अतिरिक्त डिग्री हासिल करनी पड़ती थी या परीक्षा देनी पड़ती थी. 

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