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ब्लॉग राइटर
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कला को आम लोगों तक पहुंचाने की नायाब कोशिश ये भी
पिछले दिनों दिल्ली के इंडिया हैबिटैट सेंटर एक ख़ास वजह से जाना हुआ। हमारे परिचित सुशील और मीनाक्षी ने एक महीने तक चलने वाली प्रदर्शन का आयोजन किया था। मीनाक्षी कलाकार हैं और सुशील उनके जीवन साथी भी और कलात्मक सफ़र के साथी भी।
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प्रदीप कुमार का ब्लॉग : जिंदगी की जंग में कमबैक नहीं कर पाए डालमिया
कोलकाता से इतनी जल्दी बुरी खबर आने की उम्मीद नहीं थी क्योंकि बीएम बिड़ला अस्पताल में वह शख़्स भर्ती हुआ था जो अपनी जिंदगी में कमबैक मैन के नाम पर मशहूर रहा। लेकिन दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड का मुखिया जिंदगी की जंग हार गया।
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प्रदीप कुमार : तो रोजर फेडरर को अब संन्यास ले लेना चाहिए?
जब भी किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल-सेमीफाइनल में रोजर फेडरर खेल रहे होते हैं, तो हमारे दफ्तर में सबकी आंखें टीवी सेट से चिपक जाती हैं। यही हाल यूएस ओपन फाइनल में था। शायद दूसरे दफ्तरों में भी यही हाल होता हो।
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प्रदीप कुमार : बेचैन गुरुदत्त और बिछड़े सभी बारी-बारी...
कई तरह के संगीत को मिलाकर भी गुरुदत्त ने अद्भुत प्रयोग किए। गुरुदत्त एक परफैक्शनिस्ट थे, उन्हें जब कभी लगता था कि वह इस फिल्म के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं, तो उसे बंद कर देते थे। यही वजह है कि उनकी कई फिल्में अधूरी रह गईं।
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प्रदीप कुमार : दिल्ली की 'दुर्गति' का ज़िम्मेदार कौन?
अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटें हासिल कर मुख्यमंत्री तो बन गए, लेकिन बीते सौ दिनों में उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता और अड़ियल रवैये से दिल्ली में राजनीतिक कूड़ों का अंबार लगता दिख रहा है।
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प्रदीप कुमार की कलम से : आने वाला साल विराट कोहली का?
2014 के अंत तक विराट कोहली कामयाबी के उस शिखर पर पहुंच गए हैं, जहां उन्हें कोई चुनौती नजर नहीं आ रही है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज के तीन मैचों में विराट कोहली ने तीन शतक बना डाले हैं। वह स्लेजिंग में माहिर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों को पलट कर जवाब भी दे रहे हैं।
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प्रदीप कुमार की कलम से : टीम हारी, लेकिन कोहली ने जीता दिल
एडिलेड टेस्ट में कोहली ने दिखाया कि वे तकनीकी तौर पर बेहद सक्षम बल्लेबाज हैं। न केवल तकनीकी तौर पर, बल्कि चुनौतियों को संभालने के लिहाज से कोहली मौजूदा समय में टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं।
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प्रदीप कुमार की कलम से : बत्रा साहब, क्या आपको वाल्श की याद आई?
इस बार चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया अगर खिताबी मुकाबले से बाहर हुई है, तो इसकी वजह इन्हीं बत्रा साहब की एक जिद है। चैंपियंस ट्रॉफी से ठीक पहले उन्होंने भारतीय हॉकी को पटरी पर लाने वाले कोच टैरी वाल्श को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
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प्रदीप कुमार की कलम से : आखिर भारतीय कबड्डी की मुश्किल क्या है?
क्रिकेट के एक औसत मुकाबले में अगर टीम इंडिया बांग्लादेश जैसी टीम को हरा दे, तो इस खबर को मीडिया में जितनी चर्चा मिलती है, उतनी शायद किसी दूसरे खेल में आप वर्ल्ड कप का खिताब भी जीत लें तो नहीं मिलेगी।
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प्रदीप कुमार की कलम से : कंपकंपाती ठंड और क्रिकेट का रोमांच
ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीकी मैदानों पर क्रिकेट मैच, खासकर टेस्ट मैच देखना हमेशा सुखद लगता है। सुबह साढ़े पांच बजे से रात के 10 बजे तक, वह भी कंपकंपाती ठंड में लगातार क्रिकेट आपको बोर तो बिल्कुल नहीं करता।
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प्रदीप कुमार की कलम से : टेस्ट क्रिकेट में 190 से 199 रन का रोमांच
कई बार आंकड़े पूरी कहानी नहीं बताते, लेकिन हमेशा दिलचस्पी जरूर जगाते हैं। क्रिकेट में आंकड़ों का भी अपना एक अलग रोमांच है, क्रिकेट में अजीबोगरीब आंकड़ों में एक आंकड़ा नवर्स नाइंटीज़ का भी है।
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प्रदीप कुमार की कलम से : अगर एक रन और बना लेते मुरली विजय, तो बन जाता रिकॉर्ड...
हालांकि मुरली विजय ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में एमएल जयसिम्हा, सुनील गावस्कर और सौरव गांगुली के बाद शतक बनाने वाले महज चौथे बल्लेबाज़ बन गए हैं, और हां, इसी पारी के दौरान मुरली विजय ने टेस्ट क्रिकेट में अपने 2,000 रन भी पूरे कर लिए हैं।
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प्रदीप कुमार की कलम से : अगर धवन सुबह खेलने आते तो दूसरी होती तस्वीर?
चौथे दिन का खेल शुरू होने से ठीक पहले ही शिखर धवन को अभ्यास के दौरान दाहिनी कलाई में चोट लग गई थी। चोट के चलते शिखर धवन तुरंत बल्लेबाज़ी करने की स्थिति में नहीं थे, इसे देखते हुए उनकी जगह विराट कोहली, पुजारा के साथ खेलने आए।
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प्रदीप कुमार की कलम से : शतक के लिए कोहली का 10 महीने का इंतज़ार हुआ खत्म
वह अब भारत के तीसरे ऐसे कप्तान बन गए हैं, जिन्होंने कप्तान के तौर पर अपने पहले ही टेस्ट में शतक बनाया... विजय हजारे और सुनील गावस्कर के बाद कोहली इस उपलब्धि तक पहुंचने वाले तीसरे भारतीय हैं...
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प्रदीप कुमार की कलम से : टीम लीडर हो तो माइकल क्लार्क जैसा
शतक बनाने के बाद सबकी आंखों में आंसू थे, अपने साथी ह्यूज की याद में। वैसे एक हकीकत यह भी है कि ऐसी टीम और क्लार्क जैसे टीम लीडर एक दिन में नहीं बनते, लेकिन क्लार्क से हम सीख तो सकते ही हैं, सीखना भी चाहिए।
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बीसीसीआई में एन श्रीनिवासन के बने रहने पर संशय बरकरार
एन श्रीनिवासन बीसीसीआई में बने रहेंगे या जाएंगे, इसका फ़ैसला अब कानूनी दांव-पेंच के आधार पर तय होना है। सुप्रीम कोर्ट की अब तक की सुनवाई से साफ है कि दो जजों की बेंच श्रीनिवासन को कोई रियायत देने के मूड में नहीं है।
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प्रदीप कुमार की कलम से : आईपीटीएल से बदलेगी भारत में टेनिस की तस्वीर?
इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग ने आखिरकार वह कर दिखाया, जो भारतीय टेनिस की इतिहास में अब तक नहीं हुआ। महेश भूपति के दिमाग की उपज इस टेनिस लीग ने दुनिया के शीर्ष टेनिस खिलाड़ियों को दिल्ली में ला दिया है।
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प्रदीप कुमार की कलम से : तीन भारतीय गेंदबाज़, जो कर सकते हैं ऑस्ट्रेलिया को परेशान
मेजबान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ शुरू होने से पहले भारतीय गेंदबाज वरुण आरॉन पूरी लय में दिख रहे हैं, मोहम्मद शामी भी ऑस्ट्रेलियाई हालात से तालमेल बिठाने में कामयाब रहे हैं, और स्पिन डिपार्टमेंट में कर्ण शर्मा भी अच्छी लय में दिख रहे हैं।
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किस क्रिकेटर की आत्मकथा सबसे विवादास्पद
सचिन तेंदुलकर की किताब 'प्लेइंग इट माय वे' ने बाज़ार में कामयाबी के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। ये होना ही था आखिर क्रिकेट के सबसे बड़े मास्टर ने दावा किया है कि वो अपने जीवन का सच लोगों को बता रहे हैं।