विराट कोहली ने साल 2014 के दिसंबर महीने में एक बार फिर साफ कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट में आने वाला साल केवल उनके नाम होने वाला है।
दरअसल, 2014 के अंत तक विराट कोहली कामयाबी के उस शिखर पर पहुंच गए हैं, जहां उन्हें कोई चुनौती नजर नहीं आ रही है। एक तरफ उनका बल्ला रनों की बारिश कर रहा है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज के तीन टेस्ट मैचों में विराट कोहली ने तीन शतक बना डाले हैं। वह स्लेजिंग में माहिर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों को पलट कर जवाब भी दे रहे हैं और बल्ले से उनकी धुनाई भी कर रहे हैं।
दूसरी तरफ युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता का ग्राफ दूसरों को काफी पीछे छोड़ चुका है। दिसंबर के महीने में उन्होंने ट्विटर पर 'मास्टर ब्लास्टर' सचिन तेंदुलकर को पछाड़ दिया है। ट्विटर पर उनके फॉलोअरों की संख्या 50 लाख के करीब पहुंचने वाली है, जबकि फेसबुक पर उनके पेज को लाइक करने वालों की संख्या 20 लाख के करीब पहुंच चुकी है।
इन सबके बीच उनका बॉलीवुड की स्टार अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ रोमांस चल रहा है और अपने इस रिश्ते को जिस दिलदारी से विराट कोहली ने जगजाहिर किया है, वह उनकी खास स्टाइल बन चुका है। श्रीलंका के खिलाफ वनडे मुकाबले में शतक बनाने के बाद बैट के जरिये अनुष्का तक ‘किस’ भेजने का यह स्टाइल चौंकाने वाला था। कोहली ने जब इसी स्टाइल को मेलबर्न में दोहराया, तो यही जाहिर हुआ कि कोहली उस युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो अपनी चाहतों को अपने ही तरीके से इजहार करना चाहता है।
दरअसल, विराट कोहली का हर कदम कामयाबी भरा साबित हो रहा है, विज्ञापन के भारतीय बाजार में भी उनकी धूम है। यह धूम इस कदर है कि लंदन स्थित स्पोर्ट्स प्रो मैगजीन ने उन्हें साल 2014 के सबसे मार्केटेबल स्पोर्ट्सस्टार में दुनिया में दूसरे नंबर पर रखा है।
ऐसे में आने वाले साल में सबकी नजरें विराट कोहली पर टिकी होंगी। जिस तरह से उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में दमदार बल्लेबाजी की है, उससे जाहिर है कि नए साल में भी उनका बल्ला धमाल करता नजर आएगा, लेकिन इस सीरीज में सबसे बड़ी बात यह नजर आई कि वह कप्तानी के सबसे मुश्किल चुनौती को निभाने के लिए बिल्कुल तैयार हैं, वह भी टेस्ट की कप्तानी के लिए।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में कोहली टीम इंडिया के कप्तान के तौर पर उतरे। उनके करियर में यह पहला मौका था, जब वह टेस्ट में कप्तानी कर रहे थे। एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 115 रन ठोक दिए और दूसरी पारी में टीम इंडिया को एक अविस्मरणीय जीत दिलाने के करीब पहुंचने वाली पारी में उन्होंने 141 रन बना डाले।
364 रनों के विशाल लक्ष्य के सामने कोहली की टीम 48 रनों से हार गई। लेकिन कोहली ने यह दिखाया कि टेस्ट मुकाबले में जिस आक्रामक नजरिये की कप्तानी चाहिए होती है, वह उनमें मौजूद है। टेस्ट कप्तानी में डेब्यू करते हुए कोहली ने दोनों पारियों में शतक बनाने का करिश्मा दिखाया है।
इस मुकाम तक पहुंचने वाले वह दुनिया के महज दूसरे कप्तान बने। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल ने यह कारनामा 1975 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ ब्रिस्बेन के मैदान में दिखाया था। लेकिन उससे भी बड़ी बात यह रही कि उन्होंने टीम इंडिया के बल्लेबाजों को एक मुश्किल चुनौती का पीछा करने का हौसला दिया।
वनडे में अब तक मिले मौकों पर कोहली ने 17 मैचों में टीम की कप्तानी की है और 14 में टीम इंडिया को जीत हासिल हुई। वनडे क्रिकेट में महज 136 मैचों में 6,000 रन तक पहुंचने का करिश्मा भी उन्होंने 2014 में ही पूरा किया है। ऐसे में उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की जगह टीम इंडिया की कमान सौंपने की मांग जोर पकड़ रही है।
विदेशी पिचों पर धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया की लगातार हार से अब टीम की कप्तानी विराट कोहली से बहुत दूर भी नहीं दिख रही है। उनकी राह में, बस एक अड़चन हो सकती है, अगर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में वर्ल्ड कप जीत लिया, तो धोनी को कप्तानी से हटाने की मांग अपने आप खत्म हो जाएगी।
हालांकि संभव तो यह भी है कि धोनी भारत के सबसे कामयाब कप्तान के तौर पर खुद ही जगह खाली कर दें। फिलहाल, क्रिकेट के मैदान और मैदान से बाहर, आने वाला साल निश्चित तौर पर विराट कोहली का ही नजर आ रहा है।