विज्ञापन
This Article is From Dec 13, 2014

प्रदीप कुमार की कलम से : टीम हारी, लेकिन कोहली ने जीता दिल

Pradeep Kumar
  • Blogs,
  • Updated:
    दिसंबर 28, 2014 14:33 pm IST
    • Published On दिसंबर 13, 2014 12:19 pm IST
    • Last Updated On दिसंबर 28, 2014 14:33 pm IST

एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में विराट कोहली भारत के लिए टेस्ट मैच नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने क्रिकेट प्रेमियों का दिल जरूर जीत लिया। उनकी 141 रनों की पारी ने भारत को करीब मैच जीतने की स्थिति में ला दिया था।

कोहली जब आउट हुए, तब भारत मैच जीतने से 61 रन दूर था। वे सातवें विकेट के तौर पर आउट हुए और उसके बाद टीम इंडिया ये मैच नहीं बचा पाई।

नेथन लेयॉन की जिस गेंद को कोहली हवा में खेलकर आउट हुए, उसको वह बेहतर ढंग से खेल सकते थे। इस हकीकत को उन्होंने मैच के बाद के प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी स्वीकार किया। लेकिन तारीफ करनी होगी, कोहली के जज्बे की। उनकी बल्लेबाज़ी की, कप्तान के तौर पर उनकी प्रतिबद्धता की।

कोहली ने मैच के चौथे दिन के बाद ही अपने साथी खिलाड़ियों को कह दिया था कि चुनौती चाहे जो हो, हम लक्ष्य हासिल करने के इरादे से उतरेंगे। एडिलेड में आजतक किसी टीम ने मैच जीतने के लिए चौथी पारी में 364 रन नहीं बनाए थे। जब शिखर धवन और चेतेश्वर पुजारा सस्ते में आउट हुए, तो लगा कि टीम इंडिया यहां संघर्ष नहीं दिखा पाएगी। लेकिन विराट कोहली ने मुरली विजय के साथ मोर्चा संभाल लिया। पहली पारी में शतक बनाने के बाद उन्होंने दूसरी पारी में भी शतक ठोक दिया।

मुरली विजय के आउट होने के बाद कोहली ने अपने दम पर मैच को जीत के रास्ते पर डाल भी दिया था, मगर एक चूक के चलते उनकी कोशिश परवान नहीं चढ़ पाई। लेकिन उन्होंने बतौर बल्लेबाज़ नया मुकाम जरूर बना दिया।

ऑस्ट्रेलियाई मैदान में एक ही टेस्ट की दोनों पारियों शतक बनाना कितना मुश्किल है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि विराट कोहली इस कारनामे तक पहुंचने वाले पहले बल्लेबाज़ हैं। टेस्ट कप्तानी में डेब्यू करते हुए कोहली ने दोनों पारियों में शतक बनाने का करिश्मा दिखाया है। इस मुकाम तक पहुंचने वाले वे दुनिया के महज दूसरे कप्तान हैं।

इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल ने यह कारनामा 1975 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ ब्रिसबेन के मैदान में दिखाया था। तब चैपल ने 123 और नॉट आउट 109 रन बनाए थे। चैपल ने अपने घरेलू मैदान में यह कारनामा दिखाया था, ऐसे में जाहिर है कि कोहली ने चैपल के मुक़ाबले कहीं ज्यादा मुश्किल परिस्थितियों में यह उपलब्धि हासिल की है।

टेस्ट की पहली पारी में जब विराट कोहली ने शतक बनाया था, तब वे विजय हजारे, सुनील गावस्कर और दिलीप वेंगसरकर के बाद कप्तान के तौर पर अपने पहले ही टेस्ट में शतक की उपलब्धि तक पहुंचने वाले चौथे भारतीय कप्तान बने थे। दूसरी पारी में शतक बनाकर उन्होंने अपने कारनामे को और बेहतर बना लिया। इस दौरान टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली ने अपने 2000 रन भी पूरे किए।

लगातार दो पारियों में शतक के साथ कोहली ने टेस्ट मैचों में जोरदार फॉर्म में वापसी की है। इससे पहले इंग्लैंड दौरे में विराट कोहली रनों के लिए तरस गए थे। विदेशी पिचों पर उनकी तकनीक को लेकर खूब सवाल उठे थे। लेकिन एडिलेड टेस्ट में कोहली ने दिखाया कि वे तकनीकी तौर पर बेहद सक्षम बल्लेबाज हैं। न केवल तकनीकी तौर पर, बल्कि चुनौतियों को संभालने के लिहाज से कोहली मौजूदा समय में टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं।

विराट कोहली की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कप्तानी के दबाव ने उनकी बल्लेबाजी को कहीं ज्यादा निखारा है। ऐसे में साफ लग रहा है कि वो महेंद्र सिंह धोनी के विकल्प के रूप में खुद को हर चुनौती के लिए तैयार कर चुके हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
विराट कोहली, एडिलेड टेस्ट, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, विराट कोहली का शतक, विराट कोहली टेस्ट रन, भारतीय क्रिकेट टीम, भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज, Adelaide Test, Virat Kohli, India-Australia Test Series, Virat Kohli Test Century
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com