विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के साथ आपसी रिश्तों पर अहम बयान दिया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति को साफ करते हुए दोहराया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ के बीच मुलाकात में मोदी ने आतंक के मुद्दे पर भारत की चिंताओं को नवाज शरीफ के सामने रखा था।
आज सुषमा स्वराज के विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद एनडीटीवी इंडिया संवाददाता उमाशंकर सिंह ने जब उनसे पूछा कि आप जब विपक्ष में थीं, तो पिछली सरकार की पाक नीति को निशाना बना रही थी...आपकी सरकार की पॉलिसी मनमोहन सरकार से कैसे अलग होगी, तो सुषमा ने जवाब दिया कि कल जब पीएम मोदी, नवाज शरीफ से मिले तो साफ कह दिया कि बम धमाके बंद होने चाहिए, बम धमाकों में बातचीत की आवाज गुम जाती है।
सुषमा ने कहा कि विदेश मंत्री के रूप में उनकी प्राथमिकता होगी कि दुनिया को भारत की क्षमता दिखाई जाए और पड़ोसी देशों, सामरिक साझेदारों, अफ्रीका, आसियान देशों, यूरोप एवं अन्य देशों के साथ संबंध सुधारे जाएं। सुषमा ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह मुंबई में 2008 के आतंकी हमलों के मुकदमे की तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित करे। मामले की सुनवाई पाकिस्तान में हो रही है। पाकिस्तानी पक्ष ने कहा कि वे इस पर काम कर रहे हैं।
सुषमा ने कहा कि मोदी ने दक्षेस (सार्क) नेताओं के साथ बातचीत की, जो सफल रही। सुषमा ने कहा कि मोदी ने दक्षेस नेताओं से कहा है कि द्विपक्षीय मसलों के कारण दक्षेस दुनिया में पहचान नहीं बना सका। उन्होंने कहा कि यदि महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मसले संबंधित देशों पर ही छोड़ दिए जाएं, तो दक्षेस एक मजबूत ताकत के रूप में उभर सकता है। उन्होंने कहा, मैं कहना चाहूंगी कि पहली बार दक्षेस नेताओं ने महसूस किया कि एक ऐसी सरकार और एक ऐसे प्रधानमंत्री ने भारत में सत्ता संभाली है, जो लीक से हटकर सोचते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के साथ उसकी सरजमीं से फैलने वाली आतंकवादी हिंसा पर चिंता जताई और इस मुद्दे पर पाकिस्तान से उसकी प्रतिबद्धताओं का पालन करने के लिए कहा। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस बात पर सहमत हो गए कि दोनों देशों के विदेश सचिव द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार करने के लिए संपर्क में रहेंगे।
दोनों नेताओं की मुलाकात के बारे में विदेश सचिव सुजाता सिंह ने मीडिया से कहा कि मोदी ने आतंकवाद के संबंध में भारत की चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उसकी सरजमीं से और उसके कब्जे वाले क्षेत्र से आतंकवाद को रोकने की प्रतिबद्धता का पालन करना चाहिए। मोदी ने उम्मीद जताई कि मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में पाकिस्तान में मुकदमे की गति तेज करने के लिए और आरोपियों को दंडित कराने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
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