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NEET-UG 2025 परीक्षा दोबारा कराने की क्यों की थी Students ने मांग, कैसे होती है नीट काउंसलिंग, जानिए यहां..

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने दोबारा से परीक्षा कराने से इंकार कर दिया, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने 14 जुलाई के इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक नहीं लगेगी इस बात को साफ कर दिया था. और अंतिम सुनवाई शुक्रवार 25 जुलाई को करने को कहा था. 

NEET-UG 2025 परीक्षा दोबारा कराने की क्यों की थी Students ने मांग, कैसे होती है नीट काउंसलिंग, जानिए यहां..
सीट अलॉटमेंट के बाद अगर कोई कैंडिडेट संतुष्ट नहीं है तो वो अगले राउंड में सीट अपग्रेड कर सकता है. 

NEET-UG 2025 : नीट यूजी की परीक्षा सबसे बड़ा मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम है. हर साल लगभग 20 लाख से अधिक स्टूडेंट्स इसमें शामिल होते हैं. लेकिन इस साल कई केंद्रों पर तकनीकी खराबी और बिजली कटौती ने परीक्षा को बहुत प्रभावित किया. जिसके कारण छात्राओं ने काउंसलिंग पर रोक लगाने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग उठाई थी. जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश के केंद्रों में बिजली गुल होने के चलते दोबारा परीक्षा कराने की याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इंकार कर दिया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सहित सभी संभावित पहलुओं की जांच की है. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चंदुरकर की पीठ ने निर्देश दिया कि जो छात्र काउंसलिंग के लिए पात्र हैं, उन्हें इसके लिए पंजीकरण करने और चल रही प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए.  

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आपको बता दें कि 4 मई 2025 को नीट यूजी की परीक्षा आयोजित की गई थी. इस दिन परीक्षा के दौरान कई राज्यों के परीक्षा केंद्रों पर तकनीकी दिक्कतों और बिजली कटने के कारण छात्रों को परीक्षा देने में परेशानी हुई. जिसमें मध्यप्रदेश के कई सेंटर्स शामिल थे. इसी को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें कहा गया कि ऐसे हालात में परीक्षा देना छात्रों के साथ एक तरह का अन्याय है.

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लेकिन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने दोबारा से परीक्षा कराने से इंकार कर दिया, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने 14 जुलाई के इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक नहीं लगेगी इस बात को साफ कर दिया था. और अंतिम सुनवाई शुक्रवार 25 जुलाई को करने को कहा था. 

ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट का भी अंतिम फैसला दोबारा एग्जाम न कराने का आदेश आया है, जिससे छात्रों को बड़ा झटका लगा है. 

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कैसे होती है NEET UG काउंसलिंग 

काउंसलिंग कई राउंड में होती है. पहले राउंड में कैंडिडेट्स को उनकी रैंक और मेरिट के आधार पर मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में सीट अलॉट की जाती हैं.  सीट अलॉटमेंट के बाद अगर कोई कैंडिडेट संतुष्ट नहीं है तो वो अगले राउंड में सीट अपग्रेड कर सकता है. लेकिन जो स्टूडेंट्स अपनी सीट पक्की कर लेते हैं, उन्हें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए कॉलेज रिपोर्टिंग करनी होती है.

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