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बिहार में SIR का पहला चरण पूरा, 65.2 लाख वोटरों के नाम मतदाता सूची से कटेंगे, जानिए बड़ी बातें

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का पहला चरण पूरा हो गया है. निर्वाचन आयोग ने बताया कि अब तक बिहार के 99.86 प्रतिशत वोटर कवर किए जा चुके हैं.

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का पहला चरण पूरा हो गया है.

  • बिहार में चुनाव से पहले Special Intense Revision के पहले चरण में 22 लाख मृतक वोटर सूची से हटाए गए हैं.
  • वोटर लिस्ट में सात लाख से अधिक ऐसे वोटर मिले जो एक से अधिक स्थानों पर नामांकित थे.
  • अब तक 99.86 प्रतिशत वोटरों का कवर हो चुका है और कुल 7.23 करोड़ वोटर SIR प्रक्रिया में शामिल हुए हैं.
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Bihar Voter List Revesion: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुए वोटर लिस्ट के Special Intense Revision (SIR) का पहला चरण पूरा हो गया है. निर्वाचन आयोग द्वारा BLO के जरिए पूरे राज्य में चलाए गए इस अभियान के दौरान 22 लाख वोटर मृत मिले. साथ ही वोटर लिस्ट में 7 लाख लोग ऐसे भी मिले, जो एक से ज्यादा जगहों के वोटर हैं. निर्वाचन आयोग द्वारा प्रेस नोट में बताया गया कि 7.23 करोड़ वोटरों ने SIR की प्रक्रिया में भाग लिया. निर्वाचन आयोग ने बताया कि अब तक बिहार के 99.86 प्रतिशत वोटर कवर किए जा चुके हैं.

वोटर लिस्ट रिवीजन के पहले चरण में 35 लाख वोटर या तो स्थायी रूप से प्रवास कर चुके हैं या उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है. करीब 1.2 लाख वोटरों के गणना फॉर्म अभी वापस मिलना बाकी है.

बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन के पहले चरण के बाद करीब 65.2 लाख वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटने के संकेत मिले हैं.

  • वोटर लिस्ट में करीब 22 लाख मतदाता मृत मिले.
  • करीब 7 लाख वोटरों का नाम एक से ज्यादा जगह पर मिले.
  • करीब 35 लाख वोटर प्रवास कर चुके हैं.
  • करीब 1.2 लाख वोटरों का गणना फॉर्म नहीं मिला.

इन सभी को जोड़ें तो यह आंकड़ा 65.2 लाख होता है. ऐसे में पहले चरण के बाद बिहार के वोटर लिस्ट से 65.2 वोटरों के नाम हट सकते है.

चुनाव आयोग के आज दिया गए आंकड़े के मुताबिक करीब 65.2 लाख मतदाताओं के नाम 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाले ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल से बाहर हो जाएंगे. आयोग के मुताबिक, 7.9 करोड़ बिहार के मतदाता में से SIR की प्रक्रिया के दौरान 22 लाख मतदाता मृत, 35 लाख मतदाता ऐसे पाए गए जो बिहार राज्य से स्थाई तौर पर बाहर चले गए, 7 लाख ऐसे है जिनका रजिस्ट्रेशन 2 जगहों पर पाया गया और 1.2 लाख ऐसे मतदाता है जिन्होंने गणना प्रपत्र को नहीं भरा.

हालांकि आयोग ने यह साफ किया है कि ऐसे सभी मतदाता जो फॉर्म नहीं भर पाए उनके पास 1 सितंबर तक मौका है अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने का. ऐसे सभी को फॉर्म 6 के साथ 11 में से कोई 1 फॉर्म चुनाव आयोग को भर के देना होगा.

नाम कटने वाले वोटरों की लिस्ट राजनीतिक दलों को दी जा चुकी है

निर्वाचन आयोग के प्रेस नोट में यह भी बताया गया कि फॉर्म ना भरने वाले, मृतक व स्थायी रूप से प्रवास कर चुके वोटरों की लिस्ट राज्य के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों से साझा किया जा चुका है. 20 जुलाई को राजनीतिक दलों की यह लिस्ट दी गई. ताकि किसी भी त्रुटि को एक अगस्त को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में सुधारा जा सके.

डिजिटाइज होने के बाद एक अगस्त को प्राकशित होगी रिपोर्ट

निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि अभी तक बिहार के 7.23 करोड़ वोटरों के फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं. ये सभी फॉर्म डिजिटाइज भी हो चुके हैं. बाकी वोटरों के फॉर्म की बीएलओ की रिपोर्ट के साथ डिजिटाइज होने का काम एक अगस्त को पूरा हो जाएगा.

किसी की आपत्ति कैसे होगी दर्ज, आयोग ने बताया

आयोग ने यह भी बताया कि एक अगस्त से एक सितंबर तक कोई भी निर्वाचक या राजनीतिक दल किसी योग्य वोटर का नाम छूटने की आपत्ति ERO फॉर्म भरकर दे सकते हैं. मालूम हो कि वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर विपक्षी दलों से खूब विरोध प्रदर्शन भी किया है. मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है.

यह भी पढ़ें - बिहार में 61 लाख से अधिक वोटर हटाए जाने की तैयारी, 2025 के चुनाव पर इसका क्या असर पड़ेगा?

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