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संसद के निम्न सदन यानी लोकसभा में आज 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने पर खास चर्चा होगी. प्रधानमंत्री मोदी इस चर्चा की शुरुआत करेंगे. संसद के पहले सप्ताह में भरपूर हंगामा हुआ है. आज से दूसरे सप्ताह की चर्चा शुरू होने जा रही है. विपक्ष लगातार SIR पर चर्चा की मांग करता रहा. जबकि सरकार ने स्पष्ट किया कि पहले वंदे मातरम पर चर्चा होगी उसके बाद चुनाव सुधारों पर बहस होगी. 

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के मौके पर सोमवार को लोकसभा में दोपहर 12 बजे के बाद चर्चा शुरू होगी, जिसके पहले वक्ता पीएम मोदी होंगे. कांग्रेस की तरफ से मुख्य वक्ताओं में गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी का नाम है. 'वंदे मातरम' पर करीब दस घंटे चर्चा होनी है. यानी लोकसभा के सोमवार देर रात तक चलने की संभावना है.

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पीएम मोदी बंकिम चंद्र चटर्जी के लिखे और 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में पहली बार छपे इस राष्ट्रीय गीत के आजादी की लड़ाई में योगदान, इसके ऐतिहासिक महत्व और आज की जरूरत पर भी बात कर सकते हैं. वंदे मातरम के बारे में पीएम मोदी के विचारों का विपक्षी सदस्य बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. साथ ही, पिछले महीने, इस गीत की सालगिरह मनाने के एक कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने कांग्रेस पर फैजाबाद में पार्टी के 1937 के सेशन में असली गीत से 'जरूरी लाइनें हटाने' का आरोप लगाया था.

कांग्रेस ने राष्ट्रगीत के टुकड़े कर दिए- PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के फैसले ने बंटवारे के बीज बोए और राष्ट्रगीत के टुकड़े कर दिए. हालांकि, कांग्रेस ने दावा किया कि यह फैसला रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह पर लिया गया था और यह दूसरे समुदायों और धर्मों के सदस्यों की भावनाओं का ध्यान रखने जैसा था. राज्यसभा में वंदे मातरम पर चर्चा मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुरू कर सकते हैं. वंदे मातरम बहस से जुड़े शेड्यूल के मुताबिक, सत्ताधारी एनडीए सदस्यों को लोकसभा में इसके लिए तय कुल 10 घंटों में से तीन घंटे दिए गए हैं. लोकसभा के सोमवार देर रात तक चलने की संभावना है.

यहां पढ़ें पल-पल के लाइव अपडेट्स-

संसद में वंदे मातरम पर बहस पर बोले CPI नेता डी राजा

संसद में वंदे मातरम पर बहस पर सीपीआई के वरिष्ठ नेता डी राजा ने कहा, 'देखते हैं कि चर्चा कैसी होती है क्योंकि भाजपा-आरएसएस अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि वे राष्ट्रवादी हैं और दूसरे नहीं. आरएसएस की क्या भूमिका थी? क्या उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था? क्या उन्होंने देश की आज़ादी के लिए काम किया था? नहीं. आज़ादी के बाद के भारत में, कई सालों बाद, वे किसी तरह सत्ता में आए. हमारी पार्टी भाजपा-आरएसएस की संयुक्त प्रतिक्रिया का सीधा जवाब देगी और उनकी मंशा और उद्देश्य पर सवाल उठाएगी. बहस होने दीजिए और भाजपा अपना पक्ष कैसे रखती है, यह देखने दीजिए. हम देखेंगे.'

क्या है वंदे मातरम का मतलब?

वंदे मातरम का मतलब है- मैं मां को नमन करता हूं... या फिर भारत माता मैं तेरी स्तुति करता हूं. इसीलिए इसे भारत माता का गीत भी कहा जाता है. इसमें वंदे संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका मतलब नमन करना होता है, वहीं मातरम इंडो-यूरोपीय शब्द है, जिसका मतलब 'मां' होता है. मातृभूमि के प्रति सम्मान जताने के लिए इस गाने का इस्तेमाल होता है.  

वंदे मातरम पर आज से टकराव की संभावना

शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले एक राजनीतिक टकराव शुरू हो गया था, जब राज्यसभा सचिवालय ने कहा था कि सांसदों को संसद के अंदर 'वंदे मातरम' और 'जय हिंद' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. विपक्ष ने भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए पर भारत की आजादी और एकता के प्रतीकों से असहज होने का आरोप लगाया. संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा और आज से ‘वंदे मातरम' पर चर्चा की शुरुआत होगी, क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस गाने को लेकर अलग-अलग राय है.

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