महाराष्ट्र (Maharashtra) और मुंबई में सैकड़ों मरीज रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir) के लिए दर - दर भटक रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार और विपक्ष में क्रेडिट की लड़ाई में 60 हजार इंजेक्शन की आपूर्ति फंस गई है. एक दूसरे पर दोषारोपण जारी है लेकिन उस इंजेक्शन का क्या हुआ, कहां है, इसका किसी के पास जवाब नहीं है.
Maharashtra Coronavirs: महाराष्ट्र के अहमदनगर में रेमडेसीविर (Remdesivir) इंजेक्शन नहीं मिलने से परेशान कोरोना संक्रमित मरीजों के रिश्तेदारों ने कलेक्टर के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करके अपना विरोध दर्ज कराया. लोगों को रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए कई बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और कई दिनों तक इंतज़ार करना पड़ रहा है. कई दिनों से रेमडेसीविर इंजेक्शन की कमी झेल रहे अहमदनगर में लोगों ने प्रशासन के समक्ष अपनी नाराजगी ज़ाहिर की. अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही बाज़ार में कहीं भी रेमडेसीविर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. इसके विरोध में लोग सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन करते नज़र आए.
Maharashtra Coronavirus: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से महाराष्ट्र में लागू कड़े नियमों का सबसे ज़्यादा असर गरीब वर्ग पर पड़ा है. लोगों के पास काम नहीं है और ना ही पैसे बचे हैं. कई लोग कर्ज़ लेकर घर चला रहे हैं. हालात यह हैं कि लोग महीनों से घर का किराया नहीं दे पा रहे हैं और उधार में राशन लेकर काम चला रहे हैं. रोजगार हैं नहीं और काम-धंधे सब बंद हैं. सड़कों पर छोटी दुकानें लगाकर गुजर-बसर करने वालों से लेकर घरों, दुकानों में काम करने वाले तक सभी भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
Maharashtra Coronavirus Cases :*मुंबई में सबसे ज्यादा 5.70 लाख कोरोना के मरीज मिल चुके हैं और यहां 86433 एक्टिव मरीज हैं. सबसे ज्यादा एक्टिव केस 1 लाख 20 हजार 452 पुणे में हैं. ठाणे, पालघर, रत्नागिरि, सतारा, सांगली, कोल्हापुर, सोलापुर, नाशिक और अहमदनगर में ज्यादा मरीज आ रहे हैं.
Coronavirus Cases updates India : महामारी की बढ़ती रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज 10 दिनों में रिकॉर्ड 13 लाख से ज्यादा COVID-19 के नए केस दर्ज हुए हैं, जो अब तक की सबसे तेज गति है.
विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में उपचाराधीन मरीजों की संख्या अब 6,20,060 हैं. मुंबई में महामारी के 8,209 नये मामले सामने आने के बाद मामलों की कुल संख्या 5,53,404 पर पहुंच गई तथा 50 और लोगों की मौत होने से मृतक संख्या 12,197 हो गई. विभाग ने बताया कि महाराष्ट्र में 2,34,452 और नमूनों की जांच की गई. राज्य में अब तक 2,30,36,652 नमूनों की जांच की जा चुकी है. विभाग ने बताया कि राज्य में इस समय 35,87,478 लोग घरों में पृथक-वास में हैं जबकि 27,273 लोग संस्थागत पृथक-वास केन्द्रों में हैं. इसके अनुसार राज्य में इस समय कोविड-19 से स्वस्थ होने की दर 81.3 प्रतिशत है.
डॉक्टरों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कल्याण के रहने वाले बुजुर्ग व्यक्ति को नगर निगम द्वारा संचालित एक कोविड-19 अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था और बुधवार दोपहर बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई. डॉक्टरों ने बताया कि फेफड़ों में गंभीर संक्रमण और ऑक्सीजन का स्तर कम होने के कारण उन्हें आईसीयू में रखा गया था, लेकिन आखिरकार वह कोविड-19 को मात देने में कामयाब रहे.
मौजूदा दौर में एलर्जी, पोस्ट वैक्सिनेशन इफ़ेक्ट या फिर कोविड..इन तीनों के मिलते-जुलते लक्षण लोगों को उलझन में डाल रहे हैं. Wockhardt हॉस्पिटल के कंसल्टेंट फिजीशियन डॉ. जितेंद्र जैन बताते हैं, 'हम अपनी ओपीडी में रोज़ाना 5-10 मरीज़ देख रहे हैं जिनको ये कन्फ़्यूज़न है कि उनको बुख़ार या फिर जो नए सिम्प्टम्ज़ हैं, ये वैक्सीन के कारण है या वायरस के कारण.'
भारतीय अधिकारियों की पैरवी के बाद आखिरकार उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया. दंपति को जुलाई 2019 में कतर के अधिकारियों ने हमद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर 4.1 किलोग्राम हशीश के साथ गिरफ्तार किया था.
महाराष्ट्र के चंद्रपुर में अस्पतालों में बेड नहीं हैं. सागर किशोर नाहरशेतिवार नाम के शख्स ने एक दिन में महाराष्ट्र और तेलंगाना- दो राज्यों के बीच इलाज के लिए कई चक्कर लगाए. इलाज के अभाव में अपने बीमार पिता का कष्ट देख रहे शख्स ने कहा कि उनके पिता को 'किसी अस्पताल में बेड दिया जाए या इंजेक्शन लगाकर मौत दे दी जाए.'
हॉस्पिटल के डॉ. सजल बंसल ने कहा, आज मेडिकल कैजुअल्टी के दरवाजे बंद करने पड़े, पेशेंट बढ़ रहे हैं. सवाल यह है कि जिला प्रशासन के पास मेडिकल और मेओ को छोड़कर क्या विकल्प है. विकल्प नहीं है. प्रशासन चाहता है कि आम लोगों और पेशेंट को ऑक्सीजन मिले तो जल्द से जल्द कोई कदम लेना होगा.
कोविड-19 की अप्रत्याशित लहर से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को अगले 15 दिन के लिए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बुधवार रात आठ बजे से एक मई सुबह सात बजे तक पाबंदियां जारी रहेंगी.मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि इस दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू रहेगी.
सीबीआई अब तक इस मामले में परमबीर सिंह , एपीआई सचिन वझे, एसीपी संजय पाटिल, डीसीपी राजू भुजबल, अनिल देशमुख के पी ए कुंदन और संजीव पलांडे सहित एक बार चलाने वाले महेश शेट्टी का भी बयान दर्ज कर चुकी है.
पूरे देश में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आए रहे हैं. पिछले 24 घंटे में पूरे देश में कोरोना वायरस के 1,84,372 नए केस दर्ज किए गए हैं, वहीं इस दौरान 1,027 लोगों की मौत कोविड की वजह से हुई है.
वर्तमान आदेश से उन शूटिंगों पर रोक लग गयी है जो बार-बार कोविड जांच और भीड़ वाले दृश्यों से बचने जैसे एहतियातों के साथ चल रही थीं. फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉईज के अध्यक्ष बी एन तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार का फैसला एक ‘बड़े झटके’ के तौर पर आया है.
Maharashtra Coronavirus: कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के कारण मार्च की तुलना में इस महीने मुंबई में मौतें 68% बढ़ी हैं तो महाराष्ट्र में 33%. महाराष्ट्र में मौत और किल्लतों की भयावह तस्वीर रोज़ाना आ रही है. होम आइसोलेशन वाले मरीज़ गंभीर हालत में अस्पताल पहुंच रहे हैं जहां आईसीयू-वेंटिलेटर की क़िल्लत है. एक्सपर्ट कहते हैं कि ये कहना ग़लत है कि 2021 का वायरस घातक नहीं है.
महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है. मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य को संबोधित करते हुए संपूर्ण लॉकडाउन लगाने से इनकार किया लेकिन कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए कई सख्त पाबंदियां लगाने की घोषणा भी की.
Coronavirus: देश की वैक्सीन सिटी कहे जाने वाले पुणे (Pune) में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. देश में सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के आंकड़े पुणे से आ रहे हैं. अब तो हालात ऐसे हैं कि अस्पताल में जगह खाली नहीं है और लोगों को एक बेड के लिए कई अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. यह एक अजीब विडंबना है कि जिस जगह पर दुनिया का सबसे बड़ा टीका बनाने का यूनिट मौजूद है, वहीं पर कोरोना की मार सबसे ज़्यादा है. देशभर में जहां सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले पुणे से आ रहे हैं तो वहीं लोगों को अस्पताल में जगह मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफे के चलते राज्य सरकार ने बुधवार रात 8 बजे से अगले 15 दिनों के लिए धारा 144 लगाने का फैसला किया गया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह जानकारी दी.ऐसी अटकलें थी कि सीएम ठाकरे लॉकडाउन की घोषणा कर सकते हैं लेकिन उन्होंने फिलहाल पूरे राज्य में 15 दिनों के लिए धारा 144 लगाने का फैसला ही किया गया है.