Lazy People: 8 घंटे की नींद के बाद भी दिनभर महसूस करते हैं थकान और आलस तो ये है बड़ी वजह, जानें कैसे बचें

Causes Of Laziness: कई बार रातभर अच्छी नींद के बावजूद सुबह और दिन में नींद और आलस हमें घेरे रहते हैं. ऐसे में काम भी प्रभावित होता है. यह समस्या ओवर स्लीपिंग की वजह से हो सकती है. जानें इससे कैसे बच सकते हैं.

Lazy People: 8 घंटे की नींद के बाद भी दिनभर महसूस करते हैं थकान और आलस तो ये है बड़ी वजह, जानें कैसे बचें

Tiredness And Laziness: कई बार ओवरस्लीपिंग की वजह से भी दिनभर आलस आता है.

खास बातें

  • ओवरस्लीपिंग की वजह से थकान और आलस महसूस कर सकते हैं.
  • हर दिन स्लीपिंग शेड्यूल एक ही रखें.
  • जानें थकान और आलस से बचने के तरीका.

Oversleeping Side Effects: दिनभर काम के बाद थकान होना लाजमी है और फिर नींद आना भी. अच्छी नींद लेने के बाद हम खुद को रिचार्ज पाते हैं लेकिन कुछ लोग जरूरत से भी ज्यादा सोते हैं. बॉडी में थकान है, इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप घंटों तक सोते ही रहें. बता दें कि जिस तरह नींद की कमी सेहत को बिगाड़ सकती है, उसी तरह जरूरत से ज्यादा सोना भी सेहत के लिए हानिकारक ही है. इस समस्या को ओवर स्लीपिंग कहते हैं. आइए जानते हैं इससे बचने के उपाय.

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ओवर स्लीपिंग की समस्या | Over Sleeping Problem

अगर कोई इंसान रात में करीब 8 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेने के बावजूद भी दिन में थकावट या नींद महसूस करता है तो यह ओवर स्लीपिंग की समस्या होती है. जिसे हाइपर्सोमनिया भी कहा जाता है. हर व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने के लिए कम से कम 8 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेना जरूरी होता है. अगर इतनी भरपूर नींद लेने के बाद भी नींद आ रही है या फिर थकावट महसूस हो रही है तो फिर ये किसी समस्या का इशारा भी हो सकता है.

ओवर स्लीपिंग की वजह (Causes Of Over Sleeping)

रेस्पिरेटरी और स्लीप मेडिसिन डिपार्टमेंट के स्पेशियलिस्ट के मुताबिक, हर समय नींद आना गंभीर बीमारियों की तरफ इशारा करता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. टेंशन, शराब पीना, धूम्रपान, नींद की बीमारी जैसी समस्याओं की वजह से ऐसी दिक्कतें हो सकती हैं. आइए जानते हैं ओवर स्लीपिंग की समस्या के पीछे की वजह.

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अनियमित स्लीप पैटर्न (Irregular Sleep Patterns)

अगर किसी के रात में सोने और सुबह जागने का समय फिक्स नहीं है और उसमें लगातार करीब हर रोज बदलाव होता रहता है तो ऐसे व्यक्ति को ओवर स्लीपिंग की समस्या कभी भी हो सकती है.

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तनाव (Stress)

किसी बात को लेकर बहुत ज्यादा चिंता करने, सोचने या फिर तनाव लेने की स्थिति में भी ओवर स्वीपिंग की दिक्कत शुरू हो सकती है. इसका असर काम पर भी पड़ता है और परफॉर्मेंस खराब होती है.

एनर्जी ड्रिंक का ज्यादा सेवन (Excessive Consumption Of Energy Drinks)

अगर सुबह से लेकर रात तक किसी भी समय पर एनर्जी ड्रिंक लेने के आदी हैं तो भी ऐसी दिक्कतें हो सकती हैं. इस समस्या से बचना है तो कोशिश करें एनर्जी ड्रिंक का सेवन कम से कम हो.

किसी काम से जल्दी बोर होना (Get Bored Easily)

अगर हर काम में बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं. यानी उस काम में आपकी दिलचस्पी नहीं रहतीहै तो समझ जाइए कि आप ओवर स्लीपिंग की समस्या के शिकार हैं. ऐसे में तत्काल डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

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फिजिकली एक्टिव न रहना (Not Being Physically Active)

फिजिकली तौर पर हर इंसान को ऐक्टिव रहना चाहिए. ओवर स्लीपिंग की समस्या फिजिकली तौर पर एक्टिव न रहने वाले लोगों को आसानी से अपना शिकार बना सकती है.

ओवरस्लीपिंग से छुटकारा पाने के टिप्स | Tips To Get Rid Of Oversleeping

ओवरस्लीपिंग से छुटकारा पाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अपनी स्लीपिंग क्लॉक को मेंटेन करना. अगर आपके सोने और उठने का टाइम फिक्स हो जाएगा तो आपको कभी बेवक्त नींद नहीं आएगी. इसके अलावा अपनी डाइट का अच्छा ख्याल रखें. पानी एनर्जी का बहुत अच्छा सोर्स है इसलिए दिन भर खुद को हाइड्रेटेड रखें. इससे आपको थकान महसूस नहीं होगी और नींद नहीं आएगी.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.