दूरदर्शन द्वारा नरेंद्र मोदी के साक्षात्कार के कुछ अंश हटाए जाने से निशाने पर आई सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने प्रसार भारती से 'एक हाथ की दूरी' बनाए रखी है तथा इसे और अधिक स्वायत्तता देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के सुझाए कदमों पर विचार किया जा रहा है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि संसद के एक अधिनियम द्वारा प्रसार भारती की स्वायत्तता सुनिश्चित की गई है और अक्तूबर, 2012 में उनके पदभार संभालने के बाद से उन्होंने सैम पित्रोदा समिति गठित करके इसे और अधिक स्वायत्तता देने के लिए कदम उठाए हैं।
तिवारी ने कहा, संसद के एक अधिनियम द्वारा प्रसार भारती की स्वायत्तता सुनिश्चित की गई है। प्रसार भारती ऐसा संगठन है, जिसे बोर्ड संचालित करता है और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय प्रसार भारती से एक हाथ की दूरी बनाए रखता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने समिति को सुझाव दिया है कि सरकार और प्रसार भारती के बीच संबंध वित्त मंत्री के कैग के साथ संबंधों की तर्ज पर होने चाहिए।
उन्होंने कहा, सैम पित्रोदा समिति ने फरवरी, 2014 में अपनी रिपोर्ट जमा की थी और सरकार इस पर विचार कर रही है। तिवारी ने कहा कि इस तरह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रसार भारती के साथ संबंधों और पेशेवर स्वायत्तता से जुड़ी सभी चिंताओं का जवाब दे दिया गया है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं