
- हर्षवर्धन जैन की लंदन में चंद्रास्वामी के जरिए एहसान अली सैयद से मुलाकात हुई, जो अंतरराष्ट्रीय ठग है.
- जैन और एहसान ने विदेशों में कई फर्जी कंपनियां बनाई, जिनमें लंदन, दुबई, मॉरीशस और कैमरून शामिल हैं.
- एहसान अली ने 2008 से 2011 के बीच फर्जी लोन के जरिए 70 मिलियन यूरो की ठगी की, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई.
Fraud Harshvardhan Jain: गाजियाबाद से गिरफ्तार हर्षवर्धन जैन की मुलाकात चंद्रास्वामी ने आर्म्स डीलर अदनान खगोशी से कराई थी. ये मुलाकात लंदन में हुई थी. जैन ने पूछताछ में ये जानकारी यूपी STF को दी है. फर्जी दूतावास चलाने वाले जैन को बीते बुधवार को गिरफ्तार किया गया था. जैन की मुलाक़ात एहसान अली सैयद से भी चंद्रास्वामी ने की कराई थी. दोनों ने मिल कर कई कंपनियाँ बनाई थीं. यूपी एसटीएफ के मुताबिक Star Trading Corporation Ltd, East India Company UK Ltd, UAE Island General Trading Company लंदन में रजिस्टर्ड हैं. इसके साथ ही मॉरीशस में दोनों ने मिलकर इंदिरा ओवरसीज लिमिटेड बनाया. सैयद और जैन की एक साझा कंपनी अफ़्रीकी देश कैमरून में भी है. इसका नाम कैमरून इस्पात है.
दुबई में 6, इंगलैंड में 3 तो मॉरीशस और भारत में एक बैंक खाता
यूपी एसटीएफ का दावा है कि हर्ष वर्धन जैन के दुबई में 6, मॉरीशस में 1, इंग्लैंड में 3 और भारत में 1 बैंक खाता है. एहसान अली सैयद हैदराबाद का रहने वाला है. लेकिन उसने अब तुर्किए की नागरिकता ले ली है. चंद्रास्वामी ने हर्षवर्धन जैन को इसी के पास लंदन भेजा था. शेल कंपनी बना कर जैन ने दलाली में पैसे कमाए.
दलाली में 25 मिलियन पाउंड लेने में हुआ था गिरफ्तार
अली की कंपनी वेस्टर्न एडवाइजरी ग्रुप को 70 मिलियन पाउंड लोन दिलाने के नाम पर 25 मिलियन पाउंड की दलाली ली. ये बात साल 2008 से 2011 की है. उसके बाद जान वहां से भाग गया. स्विस पुलिस के कहने पर जैन को लंदन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. ये बात 22 नवंबर 2022 की है. अब यूपी एसटीएफ उसे रिमांड पर लेने की तैयारी में हैं.

मालूम हो कि गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलाने वाले हर्ष वर्धन जैन के घर से पुलिस को कई फर्जी दस्तावेज और संदिग्ध कागजात मिले हैं, जिनकी जांच के बाद बड़ा खुलासा हुआ है.
चंद्रास्वामी के जरिए एहसान अली से मिला
जांच में सामने आया कि हर्षवर्धन जैन की मुलाकात चंद्रस्वामी नाम के एक संदिग्ध व्यक्ति के जरिए लंदन में रहने वाले एहसान अली सैयद से हुई थी. एहसान, जो कभी हैदराबाद का रहने वाला था, अब तुर्की की नागरिकता ले चुका है और इंटरनेशनल ठगी और हवाला नेटवर्क का बड़ा खिलाड़ी माना जाता है.
एहसान और हर्षवर्धन ने मिलकर विदेशों में कई फर्जी कंपनियां खोलीं, जिनके नाम सुनकर आप चौंक जाएंगे.
- East India Company UK Ltd
- State Trading Corporation UK
- Island General Trading (दुबई)
- Indira Overseas Ltd (मॉरीशस)
- Cameron Ispat SARL (कैमरून)
70 मिलियन यूरो की ठगी और लंदन से गिरफ्तारी
जानकारी के मुताबिक, एहसान अली और उसके गैंग ने 2008 से 2011 के बीच फर्जी लोन और फर्जी कंपनियों के ज़रिए करीब 70 मिलियन यूरो की ठगी की. ब्रिटिश पुलिस ने उसे 22 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया था और जुलाई 2023 में लंदन की कोर्ट ने उसके फ्रॉड केस की दोबारा सुनवाई की मंजूरी दी.

भारत में भी सक्रिय था नेटवर्क
STF को पता चला है कि लंदन में रजिस्टर्ड करीब 16 कंपनियों के जरिए दिल्ली के नाम पर हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग का खेल चल रहा था. हर्षवर्धन जैन के पास दो पैन कार्ड, कई फर्जी दस्तावेज़ और विदेशी खातों से लेन-देन की जानकारी भी मिली है.
गिरफ्तारी और केस दर्ज
हर्षवर्धन जैन के खिलाफ गाजियाबाद के कविनगर थाने में FIR दर्ज की गई है. उस पर IPC की कई धाराओं के साथ-साथ IT एक्ट के तहत भी मामला दर्ज हुआ है. स्थानीय पुलिस उसकी रिमांड लेने की तैयारी कर रही है ताकि और खुलासे हो सकें.
यह मामला सिर्फ एक शख्स की गिरफ्तारी का नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय ठगी और हवाला सिंडिकेट के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश है, जिसमें भारत से लेकर लंदन, तुर्की, दुबई और अफ्रीकी देशों तक के लिंक सामने आ रहे हैं. STF और एजेंसियां पूरे मामले की गहराई से जांच में जुटी हुई हैं.
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