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मणिपुर में छह महीने के लिए फिर बढ़ाया जाएगा राष्‍ट्रपति शासन

मणिपुर में राष्‍ट्रपति शासन के छह महीने 13 अगस्‍त को पूरे हो रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार को इसे बढ़ाने के लिए संसद की मंजूरी चाहिए. यही कारण है कि यह प्रस्‍ताव लाया गया है.

मणिपुर में छह महीने के लिए फिर बढ़ाया जाएगा राष्‍ट्रपति शासन
  • केंद्र सरकार ने मणिपुर में छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया है.
  • मणिपुर में फरवरी में मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद विधानसभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाया गया था.
  • मणिपुर में मई 2023 में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष में 260 से अधिक लोग मारे गए थे.
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नई दिल्‍ली :

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन 6 महीने के लिए फिर से बढ़ा दिया जाएगा. मुख्‍यमंत्री के इस्‍तीफे के बाद केंद्र सरकार ने इसी साल फरवरी में राज्‍य विधानसभा को भंग कर दिया था और राष्‍ट्रपति शासन लगा दिया था. केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्‍छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्‍ट्रपति शासन लगाया था. राष्‍ट्रपति शासन छह महीने के लिए लगाया जाता है और संसद की मंजूरी से हर छह महीने में तीन साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है.

राज्य सभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा इस बारे में दिए गए वैधानिक संकल्प को स्वीकृत किया गया.
वैधानिक संकल्प में कहा गया है- “यह सदन संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा मणिपुर के संबंध में 13 फरवरी, 2025 को जारी घोषणा को, 13 अगस्त, 2025 से प्रभावी अगले छह महीने की अवधि के लिए जारी रखने की स्वीकृति देता है.”

संविधान के अनुच्छेद 356(3) के तहत संसद की मंज़ूरी लेकर राष्ट्रपति शासन छह-छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है. ऐसा तीन वर्ष तक किया जा सकता है

नौ फ़रवरी 2025 को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के त्यागपत्र के बाद मणिपुर में 13 फ़रवरी को राष्ट्रपति लगाया गया था.

मणिपुर में राष्‍ट्रपति शासन के छह महीने 13 अगस्‍त को पूरे हो रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार को इसे बढ़ाने के लिए संसद की मंजूरी चाहिए. यही कारण है कि यह प्रस्‍ताव लाया गया है.

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कुकी मैतेई संघर्ष, 260 से ज्‍यादा मौतें

मणिपुर में मई 2023 को कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष छिड़ गया था. इस संघर्ष में 260 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगहों पर शरण लेनी पड़ी थी. इस घटना पर काबू पाने की लगातार कोशिशों के बाद मणिपुर के मुख्‍यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इसी साल फरवरी में इस्‍तीफा दे दिया था, जिसके बाद 13 फरवरी 2025 को केंद्र सरकार ने राज्‍य विधानसभा को भंग कर दिया और राष्‍ट्रपति शासन लगा दिया था. 

सुरक्षाबल चला रहे संयुक्‍त अभियान

उधर, मणिपुर में केंद्रीय और राज्य के संयुक्त सुरक्षा बलों का सशस्त्र उग्रवादियों को पकड़ने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान जारी है. पिछले 24 घंटों के दौरान विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के 10 उग्रवादियों की गिरफ्तारी की गई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मणिपुर के छह जिलों- इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, काकचिंग, तेंगनौपाल और तामेंगलोंग में पिछले 24 घंटों में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के 10 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया.

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