कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी ने उन खबरों को गलत बताया है कि वह वाराणसी सीट से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती थीं। प्रियंका गांधी ने एनडीटीवी से कहा कि उनके भाई राहुल गांधी ने यह जरूर कहा था कि उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए, लेकिन यह फैसला मुझे और सिर्फ मुझे लेना था।
एनडीटीवी की ग्रुप एडिटर बरखा दत्त से बातचीत में प्रियंका गांधी ने इन खबरों को गलत बताया कि वह वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन उनके परिवार ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
उन्होंने कहा कि अगर वह चुनाव लड़ना चाहतीं तो उनकी मां-भाई और पति उनका पूरा साथ देते।
प्रियंका ने कहा, यह निश्चित रूप से मेरा निजी फैसला है और मैं इसे तभी बदलूंगी, जब मैं भीतर से महसूस करूंगी कि मुझे ऐसा करना चाहिए। रिपोर्टों में कहा गया था कि वाराणसी से मोदी के खिलाफ किसको मैदान में उतारा जाए, कांग्रेस ने यह फैसला लेने में देरी की । अंतत: इस शहर से कांग्रेसी विधायक को पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, मुझे नहीं लगता कि कोई उन्हें रोक सकता है और जब भी वह भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में बड़ी राजनीतिक भूमिका निभाने का चुनाव करेंगी, कोई उन्हें अपनी भूमिका का विस्तार करने से नहीं रोकेगा। उन्होंने कहा, उन्होंने हमेशा खुद अपनी राजनीतिक भूमिका तय की है और वह अपनी भूमिका तय करना जारी रखेंगी। प्रियंका ने खुद अपने स्तर पर अमेठी और रायबरेली के लिए काम करने का चुनाव किया। रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया जताते हुए भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा, एक बार जब परिवार का पदाधिकारी विफल हो जाता है तो वे पार्टी को अधिक संगठित बनाने के लिए काम नहीं करते बल्कि वे परिवार के भीतर वैकल्पिक समाधान ढूंढते हैं। परिवारों द्वारा संचालित पार्टियों की यह समस्या है।
भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, प्रियंका गांधी को वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहिए था। उनके पति राबर्ट वाड्रा को वडोदरा से चुनाव लड़ना चाहिए था तथा कुप्रशासन देने वाले कांग्रेस परिवार के अन्य सदस्यों को, जो चुनाव से भाग खड़े हुए, उन्हें भी चुनाव लड़ना चाहिए था।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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