देश के पूर्वोत्तर के चार राज्यों में बुधवार को हुए मतदान में मतदाताओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। नगालैंड में 82.5 प्रतिशत मतदान हुआ। अरुणाचल प्रदेश में जहां करीब 70 प्रतिशत तो मेघालय में दो तिहाई मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
नौ चरणों वाले आम चुराव के दूसरे चरण में चार राज्यों में बुधवार को मतदान कराया गया। इन पहाड़ी राज्यों में मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गई।
दिल्ली में निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि शाम 4 बजे तक नगालैंड में सबसे अधिक 82.5 प्रतिश्त मतदान हुआ था।
मणिपुर में शाम 4 बजे तक 70 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना मताधिकार का प्रयोग कर लिया था और लंबी कतारें लगी हुई थी। अधिकारी ने यहां 78 प्रतिशत मतदान की संभावना जताई है।
मेघालय में मतदान का प्रतिशत 64 रहा है, लेकिन इसके '66 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।' अरुणाचल प्रदेश में 71 प्रतिशत मतदान हुआ है। पिछली बार अरुणाचल में 68 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदान का प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
बुधवार को मेघायल, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश की दो-दो सीटों में से एक-एक पर और नगालैंड की एकमात्र सीट पर मतदान कराया गया है। इसके अलावा अरुणाचल विधानसभा के लिए 49 सीटों पर भी मतदान कराया गया है।
अरुणाचल के मुख्य निर्वाची अधिकारी चंद्र भूषण कुमार कहा कहा कि शरारती तत्वों द्वारा मतदान सामग्री जला देने के कारण कुरुं ग कुमेय जिले के सारली में चार मतदान केंद्रों पर मतदान निलंबित करना पड़ा।
दो अन्य मतदान केंद्रों पर सड़क की खराब हालत को लेकर मतदान का बहिस्कार करने के कारण मतदान निलंबित हुआ।
राज्य विधानसभा के 11 प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचित होने के कारण शेष 49 सीटों के लिए मतदान कराया गया है। निर्विरोध निर्वाचित होने वालों में राज्य के मुख्यमंत्री नबम टुकी और उनके दो मंत्रिमंडलीय सहयोगी शामिल हैं।
नगालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए बुधवार सुबह मतदान शुरू हुआ। राज्य में करीब 85.5 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने बताया कि म्यांमार की सीमा से लगे इस राज्य में किसी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
उन्होंने कहा, "साफ मौसम की वजह से मतदाता मतदान केंद्रों पर जल्दी पहुंच गए। नए एवं महिला मतदाताओं में मतदान को लेकर ज्यादा उत्साह देखा गया।"
सुरक्षा कारणों ने नगालैंड और मणिपुर में सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान का समय रखा गया था, जबकि पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में शाम 5 बजे तक मतदान का समय तय किया गया है।
2009 के लोकसभा चुनाव में यहां 90 प्रतिशत मतदान हुआ था।
मणिपुर की दो लोकसभा सीटों में से एक बाहरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र में बुधवार को कुल 9,11,699 मतदाताओं में से करीब 70 फीसदी ने मतदान किया। मतदान शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो गए।
निर्वाचन आयोग और पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उखरुल और चुराचंदपुर जिलों में राजनीतिक दलों के सदस्यों के बीच हाथापाई के अलावा और कोई अप्रिय वारदात की सूचना नहीं है।
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में यहां 77.82 प्रतिशत मतदान हुआ था।
भीतरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र में मतदान 17 अप्रैल को कराए जाएंगे।
कांग्रेस ने जहां अपने निवर्तमान सांसद थांगसो बैती को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गंगमुमेई कमेई को, तृणमूल कांग्रेस ने किम गांग्ते को और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने चुंगखोकई दौउंगेल को अपना उम्मीदवार बनाया है।
मेघालय में लोकसभा की दो सीटों शिलांग और तुरा के लिए बुधवार को हुए मतदान में 64 प्रतिशत मतदाताओं ने हिस्सा लिया।
तुरा संसदीय सीट के नोकची और हाचट्टी मतदान केंद्र के अधिकारियों को हाथियों के झुंड का सामना करना पड़ा। वन्य रक्षकों की मदद से सड़क को हाथियों के झुंड से खाली कराया गया।
सभी निगाहें तुरा संसदीय सीट पर हैं, जहां लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उम्मीदवार पी.ए.संगमा का मुकाबला कांग्रेस के डेरिल विलियम चेरन मोमिन से है।
पी.ए.संगमा ने मतदान के बाद कहा, "मुझे इस बार अपनी जीत का भरोसा है क्योंकि मतदाताओं ने मुझे वोट करने का भरोसा दिलाया है।"
हालांकि मुख्यमंत्री मुकुल संगमा कांग्रेस की दोबारा सरकार बनने को लेकर आश्वस्त दिखे। उन्होंने कहा, "मुझे जीत की आशा है। देश में कोई मोदी लहर नहीं है। यह सिर्फ प्रचार है।"
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