
बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के विवाह को लेकर कांग्रेस द्वारा की जा रही आलोचना पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने उस पर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की निजी जिंदगी में ताक-झांक करने का आरोप लगाया और कहा कि सबसे पुरानी पार्टी का इसे राष्ट्रीय प्रचार का मुद्दा बनाना उसके दिवालियेपन को दिखाता है।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया है, मोदी की शादी महज एक औपचारिकता थी। स्वामी समर्थ रामदास समाज को अपना जीवन समर्पित करने के लिए शादी की रस्मों के बीच ही निकल गए थे। वहीं, मोदी और उनकी पत्नी आपसी तालमेल से अलग हुए और मोदी संघ प्रचारक बनने गए। जसोदाबेन को जब कोई शिकायत ही नहीं है तो कांग्रेस क्यों बोल रही है।
संपादकीय में निजी मामलों पर मोदी पर निशाना साधने के लिए कुंआरे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का उपहास उड़ाया गया है और केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को भी इसमें शामिल करते हुए कहा गया है कि अगर कांग्रेस जसोदाबेन को लेकर उतनी ही चिंतित है तो उसे रहस्यमयी परिस्थियों में मारी गई सुनंदा पुष्कर के बारे में भी कुछ कहना चाहिए।
संपादकीय में कहा गया है, बेवकूफ लोग अपनी गलतियों पर आंख मूंदे रहते हैं और दूसरे की कमियां निकालने में गर्व महसूस करते हैं। संपादकीय में कहा गया है कि मोदी की शादी से आम आदमी और महंगाई, भ्रष्टाचार के मुद्दे का क्या लेना देना।
सामना में कहा गया है, हमारे पड़ोस में भारत विरोधी गतिविधि रुक जाएगी..क्या दाउद इब्राहिम को देश वापस लाया जाएगा। महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या रुक जाएगी? साथ ही कहा गया है कि मोदी के चुनावी हलफनामे में अपनी पत्नी के नाम का उल्लेख नहीं करने के कारण गुजरात का विकास नहीं रुक गया।
पिछले सप्ताह, डोडा में एक चुनावी रैली में राहुल ने मोदी पर अपनी वैवाहिक स्थिति छिपाने का आरोप लगाया और यह भी आरोप लगाया था कि गुजरात पुलिस ने भाजपा नेता के इशारे पर सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करते हुए एक युवती की निजता का उल्लंघन कर पीछा किया।
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