उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली तथा उनके बेटे राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र अमेठी से सपा का प्रत्याशी नहीं उतारने का ऐलान किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा इन क्षेत्रों से बाहरी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाए जाने को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रायबरेली और अमेठी में सपा ने पिछली बार भी प्रत्याशी नहीं उतारा था, इस बार भी तय किया है कि वहां कोई प्रत्याशी नहीं होगा।
उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'लोकसभा क्षेत्र के लोगों का अपने जनप्रतिनिधि से गहरा सम्बन्ध होता है। वह अच्छे बुरे समय पर जनता के साथ खड़ा होता है, लेकिन इस बार तो ऐसा लोकतंत्र कर दिया है। ..हो सकता है कि बाहर की कम्पनी ने कुछ सुझाव दिया होगा। आप भी जानते हैं कि प्रचार के लिए कितना खर्च किया जा रहा है। जिनका जनता से कोई सम्बन्ध नहीं उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है। यह लोकतंत्र के लिये खतरा है।'
गौरतलब है कि भाजपा ने अमेठी से अभिनेत्री एवं राज्यसभा सदस्य स्मृति ईरानी को जबकि रायबरेली क्षेत्र से उच्चतम न्यायालय में वकील अजय अग्रवाल को मैदान में उतारा है।
अखिलेश ने मुजफ्फरनगर दंगों के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा के प्रति जनता के रुझान से सम्बन्धित एक सवाल दावा करते हुए कहा 'इधर, पश्चिम के सभी लोकसभा क्षेत्रों में जाने का मौका मिला। वहां जबर्दस्त जनसमर्थन दिखायी दिया है। सपा अगर संगठन और बूथ पर अच्छा काम कर लेगी और जनसमर्थन वोट में तब्दील हुआ तो पार्टी को अच्छी सीटें मिल जाएंगी। सपा के काम की वजह से हर चरण में उसको अच्छी सीटें मिलती जाएंगी।'
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