
चुनाव आयोग और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के बीच उस समय एक बार फिर तनातनी की स्थिति बन गई है, जब मालदा जिले के मानिकचक में बाइकरों की रैली के दौरान चुनाव आयोग के अधिकारियों को तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर थप्पड़ मार दिए।
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने मालदा जिला प्रशासन से शाम पांच बजे तक रिपोर्ट देने को कहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों से कथित रूप से जिस वक्त बदसलूकी की गई, उस समय पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री सावित्री मित्रा और दक्षिण मालदा से पार्टी उम्मीदवार मुअज्जिन हुसैन वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया।
यह घटना दोपहर में हुई, जब तृणमूल के करीब 200 कार्यकर्ता हुसैन के समर्थन में मोटरसाइकिल रैली निकाल रहे थे। जैसे ही यह रैली मानिकचक पहुंची, वहां एक गाड़ी में सवार चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बाइकर्स से पूछा कि क्या उन्होंने रैली के लिए अनुमति ली है। इसके बाद दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई और तृणमूल कार्यकर्ताओं ने दो अफसरों को धक्का दे दिया और उन्हें थप्पड़ भी जड़ दिया।
चुनाव आयोग और तृणमूल कांग्रेस के बीच पिछले कुछ दिनों में तनातनी का यह दूसरा घटनाक्रम है। सोमवार को ममता बनर्जी ने निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा आठ अधिकारियों के तबादले को चुनौती दी थी। हालांकि बाद में ममता बनर्जी ने अपना रुख नरम करते हुए इन अधिकारियों के तबादले पर सहमति जता दी थी।
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