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This Article is From Apr 23, 2014

नरेंद्र मोदी के संबंधों के बारे में टिप्पणी से उत्साहित : पाक उच्चायुक्त

नरेंद्र मोदी के संबंधों के बारे में टिप्पणी से उत्साहित : पाक उच्चायुक्त
नई दिल्ली:

पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी द्वारा अन्य देशों के साथ संबंध के बारे में की गई टिप्पणी से उत्साहित है। उसने कहा कि वह यहां एक स्थायी सरकार की उम्मीद कर रहे हैं ताकि वह पाकिस्तान के साथ 'तेजी के साथ व्यापक एवं सार्थक' बातचीत कर सके।

पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने वार्ता प्रक्रिया की बहाली की जोरदार पैरवी करते हुए कहा कि लंबित मामलों के हल के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है तथा कोई भी देश बातचीत कर कोई 'पक्षपात' नहीं करता। उनका संकेत था कि भारत द्वारा बातचीत को रोका जाना द्विपक्षीय संबंधों के लिए अच्छा नहीं है।

महिला पत्रकारों से बातचीत करते हुए बासित ने कहा कि उनकी सरकार संघर्ष की द्विपक्षीय वार्ता को सहयोग एवं आपसी भरोसे की बातचीत में परिवर्तित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मोदी का समर्थन नहीं करने वाले सभी लोगों को पाकिस्तान चले जाने के लिए कहने वाले भाजपा के एक नेता के बयान के बारे में पूछे जाने पर उच्चायुक्त ने कहा, 'मैंने सभी बयान एवं टिप्पणियां (उनके और उनकी पार्टी के) देखी हैं, लेकिन सर्वोत्तम बयान प्रधानमंत्री प्रत्याशी की ओर से कल रात आया और मैं काफी उत्साहित हूं।'

उच्चायुक्त बासित ने कहा, 'पाकिस्तान के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उनकी (मोदी की) प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक रही तथा उससे हमें यह उम्मीद जगी कि सकारात्मक चीजें आएंगी, हम निश्चित तौर पर उत्साहित हैं।'

मोदी ने मंगलवार को एक साक्षात्कार में दावा किया कि वह विदेश नीति पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, 'मैं एक-दूसरे के आपसी सम्मान में भरोसा करता हूं तथा सहयोग अन्य देशों के साथ संबंधों का आधार होना चाहिए।'

बासित ने भाजपा नेता गिरिराज सिंह की उस टिप्पणी को अधिक तवज्जो नहीं दी कि मोदी का सम्मान नहीं करने वाले लोगों को पाकिस्तान चला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसे बयान दिए जाते रहे हैं।

पाक उच्चायुक्त ने कहा कि उनकी सरकार एक ऐसी सरकार को लेकर बेहद उत्सुक है जिसके साथ पाकिस्तान शीघ्रता, व्यापकता और सार्थक ढंग से बातचीत कर सके।

बातचीत को बहाल करने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि बासित ने कहा कि पाकिस्तान उम्मीद करता है कि लंबित मुद्दों का हल निकालने के लिए वार्ता को बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें पुराने समझौतों एवं संधियों को संरक्षित रखना चाहिए तथा उन पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने इस मामले में सिंधु जल संधि तथा सियाचिन क्षेत्र को सेना से मुक्त करने पर बनी कुछ समझ के उदाहरण दिए।

इस धारणा के बारे में पूछे जाने पर कि 'पाकिस्तान सबसे खतरनाक देश है', बासित ने कहा, 'पाकिस्तान सबसे खतरनाक देश नहीं बल्कि सबसे अधिक गलत समझा गया देश है।'

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