बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि नई लोकसभा में चाहे संख्या बल कुछ भी हो, अगर केंद्र में एनडीए की सरकार बनी, तो केवल नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे।
चार्टर्ड विमान पर पीटीआई को दिए गए साक्षात्कार में राजनाथ ने कहा, किसी भी परिस्थिति में मोदी एनडीए सरकार में प्रधानमंत्री बनेंगे। बीजेपी अध्यक्ष का यह बयान उस सवाल के जवाब में आया, जिसमें उनसे पूछा गया था कि अगर एनडीए बहुमत से पीछे रह गई और नए सहयोगियों ने मोदी से इतर दूसरे नेता पर जोर दिया, तब पार्टी का क्या रुख होगा।
राजनाथ ने कहा, देश केवल कानून के आधार पर ही नहीं, बल्कि ऐसे नेता से चलता है, जिनका नैतिक बल होता है। केवल वही व्यक्ति, जिसे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार या मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाता है, उसके पास ही वह नैतिक बल होता है।
उन्होंने मोदी के 'गोल टोपी' (स्कल कैप) पहनने से इनकार करने से जुड़े विषय को 'गैर जरूरी विवाद' बताकर खारिज कर दिया। राजनाथ ने कहा, यह गैर जरूरी विषय को राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वियों द्वारा अनावश्यक रूप से तूल देने का प्रयास है। मैं धोती-कुर्ता पहनता हूं, वह (मोदी) कुर्ता-पायजामा पहनते हैं, आप शर्ट पैंट पहनते हैं। क्या यह कोई मुद्दा है? वे (प्रतिद्वन्द्वी) देश का साम्प्रदायिकरण करना चाहते हैं।
उन्होंने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार द्वारा किसी भी विशेष समुदाय से वोट मांगने की अपील करने से इनकार करने के बयान का समर्थन किया। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, किसी भी जाति, धर्म या सम्प्रदाय से किसी विशेष रूप में वोट के लिए अपील नहीं की जानी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपने मताधिकार का उपयोग करने की स्वतंत्रता है और यह स्वतंत्र रूप से होना चाहिए। हम समाज के सभी वर्ग के लोगों से बिना किसी भेदभाव के अपील करते हैं।
मुसलमानों की चिंताओं के बारे में एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, हम धीरे-धीरे आशंकाओं को दूर कर रहे हैं... बातचीत के जरिये यह भय दूर होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी मुस्लिम नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, राजनाथ ने केवल इतना कहा, बातचीत चलती रहती है। मोदीजी भी उनसे बातचीत करते हैं। आपने देखा होगा कि मुसलमान अब मोदी का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि समुदाय के लोग (मुस्लिम) अब गुजरात में अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं और उनकी प्रति व्यक्ति आय देश में अन्य इलाकों से बेहतर हुई है। राजनाथ ने कहा, धीरे-धीरे मुसलमानों तक यह संदेश पहुंच रहा है कि यह कांग्रेस और अन्य तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों का सुनियोजित दुष्प्रचार था। वे मोदी और बीजेपी के करीब आना जारी रखेंगे और भय की भ्रांति समाप्त होगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी को साल 2002 के दंगों पर माफी मांगना चाहिए, राजनाथ ने सवाल किया, अधिकांश दंगे कांग्रेस के शासनकाल में हुए। क्या उन्होंने माफी मांगा? जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस को पहले माफी मांगना चाहिए, इसके बाद मोदी माफी मांगेंगे, उन्होंने कहा, मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं। अगर मोदी ने कोई गलती की होती, अगर उन्होंने दंगा रोकने के लिए प्रयास नहीं किया होता, तब वह माफी मांग सकते थे।
राजनाथ ने कहा, लेकिन मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने दंगों को रोकने के लिए अधिकतम प्रयास किया, पूरी कोशिश की। उन्होंने कभी भी जांच को बाधित करने का प्रयास नहीं किया। तब फिर अभी भी माफी की मांग क्यों? यह कांग्रेस की बदले की भावना वाली राजनीति है। मोदी को सबसे अधिक परेशान किए जाने वाला राजनीतिक बताते हुए राजनाथ ने कहा कि कांग्रेस मोदी पर निशाना साध रही है, क्योंकि वह उनकी लोकप्रियता से हताश है।
राजनाथ सिंह प्रतिदिन औसतन तीन से चार रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। उनसे पूछा गया था कि क्या मोदी अधिक स्वीकार्य होते, अगर 2002 के दंगे नहीं हुए होते। उन्होंने कहा, मोदी की स्वीकार्यता अभी भी है और यह बढ़ रही है। किसी भी जाति या धर्म से कोई भी उनसे नाखुश नहीं है। लोग समझते हैं कि कांग्रेस ने हमेशा साम्प्रदायिक कार्ड खेला है।
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