
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने उनकी सीट संबंधी किसी भी विवाद को नकारते हुए कहा कि उन्होंने अपनी परंपरागत गांधीनगर लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ने के बारे में कभी नहीं सोचा।
आडवाणी ने कहा, मध्य प्रदेश में मेरे मित्र चाहते थे कि मैं भोपाल से भी चुनाव लड़ूं, लेकिन मैंने गांधीनगर से चुनाव नहीं लड़ने की बात कभी नहीं की।
ऐसी खबरें थीं कि पूर्व उप प्रधानमंत्री ने अपना निर्वाचन क्षेत्र गांधीनगर से भोपाल स्थानांतरित करने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी के हस्तक्षेप के बाद उन्हें गुजरात की राजधानी से चुनाव लड़ने को वस्तुत: मजबूर होना पड़ा।
गांधीनगर सीट से नामांकन भरने के लिए पहुंचे आडवाणी ने कहा कि गांधीनगर से चुनाव लड़ना उनके लिए खुशी की बात है। उन्होंने राज्य के साथ अपने दशकों पुराने संबंध की बात की।
आडवाणी ने कहा, मेरे पिता कुछ समय के लिए आदिपुर (कच्छ का एक कस्बा, जहां आडवाणी और उनका परिवार विभाजन के बाद आए थे) में रहे। इसके बाद वह काशी (बनारस) गए, जहां मेरी दादी अपने जीवन के आखिरी दिन बिताना चाहती थीं। उन्होंने कहा, वह वहां 3-4 साल रहे और फिर आदिपुर चले गए। यह मेरे परिवार की पृष्ठभूमि और गुजरात के साथ मेरे परिवार के संबंध हैं।
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