बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वडोदरा चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल अपने हलफनामे में खुद को शादीशुदा बताकर यह खुलासा किया कि उनकी पत्नी का नाम जशोदाबेन है।
वडोदरा लोकसभा सीट के लिए अपने नामांकन पत्र के साथ दाखिल किए गए हलफनामे में मोदी ने पहली बार खुद के शादीशुदा होने की बात कही है। मोदी अभी तक पत्नी के बारे में जानकारी देने वाले कॉलम को खाली छोड़ देते थे।
मोदी ने 2012 के विधानसभा चुनाव में यह कॉलम खाली छोड़ दिया था। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने अपनी पत्नी के नाम से संपत्ति की घोषणा किए जाने वाले कॉलम में लिखा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वडोदरा जिला चुनाव अधिकारी ने इस हलफनामे को कलेक्टरेट के डिसप्ले बोर्ड पर रात में लगाया।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने कहा था कि मोदी को लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त अपनी वैवाहिक स्थिति पर रुख साफ करना चाहिए। मोदी ने फरवरी में एक रैली में कहा था, मैं अकेला हूं, मैं किसके लिए भ्रष्ट बनूंगा।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज सुबह ट्वीट किया, मोदी ने अपनी वैवाहिक स्थिति कबूल कर ली है। क्या देश की महिलाएं ऐसे किसी शख्स पर भरोसा कर सकती हैं, जो एक महिला का पीछा करवाता हो, अपनी पत्नी को उसके अधिकारों से वंचित रखता हो...
जैसे ही मोदी की वैवाहिक स्थिति को लेकर नई चर्चा ने जोर पकड़ना शुरू किया, उनके बड़े भाई सोमभाई दामोदर मोदी ने एक बयान जारी कर कहा कि उनके परिवार ने मोदी की बचपन में शादी कर दी थी, लेकिन नरेंद्र मोदी ने कभी इसे कबूल नहीं किया और वह इसके बजाय पूरे देश को अपना परिवार और अपनी जिम्मेदारी मानते रहे। सोमभाई मोदी ने कहा, जो 45-50 साल पहले हुआ, उसे एक गरीब और अंधविश्वासी परिवार की परिस्थितियों के संदर्भ में रखकर देखा जाना चाहिए।
हाल ही में एक समाचारपत्र को दिए साक्षात्कार में जशोदाबेन ने भी कहा था कि उनका नरेंद्र मोदी से विवाह तब हुआ था, जब वह 17 वर्ष की थीं, लेकिन दोनों शादी के तीन साल बाद अलग हो गए थे, और जब से वे अलग हुए हैं, वह कभी नरेंद्र मोदी से नहीं मिलीं। जशोदाबेन ने बताया कि वे दोनों, "अच्छे माहौल में एक-दूसरे से अलग हुए थे... कभी कोई झगड़े नहीं होते थे... वैसे, तीन साल के दौरान हम शायद कुल मिलाकर तीन महीने ही एक साथ रहे थे।"
62-वर्षीय जशोदाबेन ने इस साक्षात्कार में यह भी कहा था कि उन्हें 'बुरा महसूस' नहीं होता कि नरेंद्र मोदी ने कभी पत्नी के रूप में उन्हें स्वीकार नहीं किया, लेकिन वह साथ ही यह भी कहती हैं, "मैं जानती हूं कि वह (नरेंद्र मोदी) ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि यही मेरा भाग्य है, और वक्त बुरा चल रहा है... जब परिस्थितियां ऐसी होती हैं, तो उन्हें (नरेंद्र मोदी को) ऐसी बातें भी कहनी पड़ती हैं, और झूठ भी बोलना पड़ता है।" हालांकि उन्होंने पूरी उम्मीद जताई थी कि नरेंद्र मोदी एक दिन प्रधानमंत्री जरूर बनेंगे।
हाल ही में प्रकाशित नीलांजन मुखोपाध्याय द्वारा लिखी जीवनी के अनुसार, नरेंद्र मोदी ने इस शादी को गुप्त इसलिए रखा, क्योंकि ऐसा किए बिना वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में तरक्की की सीढ़ियां नहीं चढ़ पाते, क्योंकि यह हिन्दू संगठन अपने प्रमुख कार्यकर्ताओं के विवाहित होने पर आपत्ति जताता है।
वर्ष 2009 में भी एक पत्रिका ने जशोदाबेन को उस स्कूल में ढूंढ निकाला था, जहां वह पढ़ाती थीं, लेकिन उस वक्त उन्होंने साक्षात्कार से यह कहते हुए साफ इनकार कर दिया था कि वह अपने 'ताकतवर' पति से डरती हैं। पूर्व सरकारी अध्यापक के रूप में 14 हज़ार रुपये प्रतिमाह की पेंशन पाने वाली जशोदाबेन पश्चिमी गुजरात के एक गांव में अपने भाई के साथ लगभग एकांतवास में जी रही हैं।
साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी उन्हें ज़्यादा शिक्षा हासिल करने के लिए कहते रहते थे। उन्होंने कहा, जब मैं उनके घर गई, तो मैंने पढ़ाई छोड़ दी थी, और मुझे याद है कि वह मुझसे कहते रहते थे कि वह चाहते हैं कि मैं अपनी पढ़ाई पूरी करूं। वह अधिकतर मेरी पढ़ाई पूरी करने के बारे में ही बात किया करते थे।
गुजरात की 26 सीटों में से मोदी द्वारा चुनी गई वडोदरा लोकसभा सीट को सर्वाधिक सुरक्षित सीट के तौर पर देखा जा रहा है। मोदी वाराणसी से भी चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के स्थानीय विधायक अजय राय से है।
(इनपुट भाषा से भी)
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