पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए बुधवार को होने वाले मतदान से पहले चुनाव आयोग द्वारा 23 पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि ऐसे फैसले माकपा की मिली-भगत से कांग्रेस नेता अहमद पटेल के घर पर किए जा रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा, 'हालांकि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह सच है। दिल्ली में अहमद पटेल के घर पर कांग्रेस और माकपा के नेता यह सूची बना रहे हैं कि कहां के जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, ओसी और बीडीओ को बदलना है।'
पश्चिमी मिदनापुर जिले में चुनावी बैठक के दौरान उन्होंने कहा, 'फिर भी हम चुनाव आयोग द्वारा लिए गए सभी फैसलों को मानेंगे। हम संविधान का पालन करेंगे।'
चुनाव आयोग ने कल 13 ओसी, सात आईसी और तीन बीडीओ का तबादला किया था।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि अगर पार्टी अपनी जीत को लेकर इतनी ही आश्वस्त है तो सबांग और बेरहमपुर के ओसी क्यों बदले गए हैं।
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अधीर चौधरी बेरहमपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पार्टी विधायक मानस भुईयां सबांग से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले भी विपक्षी दलों की शिकायत पर एक जिलाधिकारी, दो एडीएम और पांच पुलिस अधीक्षकों के तबादले को लेकर ममता और चुनाव आयोग के बीच तनातनी हो गई थी, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री का रुख नरम हो गया।
ममता ने कहा, 'पुलिस अधीक्षकों और जिलाधिकारियों को बदलना ही पर्याप्त नहीं था। अब ओसी भी बदल दिए गए हैं। क्या पुलिस आपके लिए जाकर वोट डालेगी? क्या पुलिसकर्मी धांधली में शामिल हैं?'
उन्होंने कहा, 'हम माकपा की तरह नहीं हैं। हमें धांधली करके चुनाव जीतने की जरूरत नहीं है।' मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जमीनी समर्थन गंवा चुकी माकपा अब बूथों पर धांधली करने में जुटी है और अब चुनाव आयोग से शिकायत कर रही है।
उन्होंने दावा किया, 'कांग्रेस, भाजपा और माकपा पहले से फिक्स मैच खेल रही हैं।'
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