
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा चुनाव के लिए गांधीनगर सीट से नामांकन पत्र भरा। पर्चा भरते वक्त उनके साथ नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
सातवीं बार लोकसभा में प्रवेश के लिए चुनावी मैदान में उतरे 86-वर्षीय आडवाणी के साथ इस मौके पर मोदी के अलावा राज्य की राजस्व मंत्री आनंदीबेन पटेल और उनके सहयोगी दीपक चोपड़ा थे, जिन्होंने मोदी द्वारा नामांकन पत्र सौंपे जाने का सुझाव दिया। मोदी ने पहले आडवाणी से नामांकन पत्र देने की अपील की, लेकिन बाद में वह स्वयं पत्र देने के लिए राजी हो गए।
काफी लंबे समय से आडवाणी और मोदी के आपसी रिश्ते सहज नहीं रहे हैं। लेकिन आज बीजेपी ने मोदी और आडवाणी को एक साथ दिखाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी के सभी नेता एकजुट हैं। आडवाणी के पर्चा भरने के लिए निकलने से पहले नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि गांधीनगर से आडवाणी को भारी बहुमत से जिताएं।
आडवाणी के नामांकन भरने से पहले उनकी उपस्थिति में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने उनकी इस हालिया टिप्पणी को दोहराया कि 2014 का चुनाव मतदाताओं द्वारा लड़ा जाएगा, किसी पार्टी या उम्मीदवार द्वारा नहीं।
उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को गांधीनगर से आडवाणी की जीत भारी मतों के अंतर से सुनिश्चित करनी होगी। मोदी ने आडवाणी के शानदार राजनीतिक जीवन और देश को दिए गए उनके योगदान की भी चर्चा की।
वहीं, बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने से पहले आडवाणी ने नरेंद्र मोदी की भरपूर तारीफ की और कहा कि वह अच्छे पीएम साबित होंगे।
आडवाणी ने उनकी सीट संबंधी किसी भी विवाद को नकारते हुए कहा कि उन्होंने अपनी परंपरागत गांधीनगर लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ने के बारे में कभी नहीं सोचा। आडवाणी ने कहा, मध्य प्रदेश में मेरे मित्र चाहते थे कि मैं भोपाल से भी चुनाव लड़ूं, लेकिन मैंने गांधीनगर से चुनाव नहीं लड़ने की बात कभी नहीं की।
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