1. पहली बार बीजेपी ने जीतीं 35 से ज्यादा सीटें
2. झारखंड के 14 साल के इतिहास में यह पहली बार है कि प्री-पोल गठबंधन बहुमत के आंकड़े को पार कर पाया
3. यह पहला चुनाव है जब वर्तमान मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव हारे। दुमका सीट से हेमंत सोरेन चुनाव हार गए, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी दो सीटों से चुनाव हारे, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और मधु कोड़ा भी चुनाव हारे।
4 केवल पूर्व मुख्यमंत्री ही नहीं, लेकिन राजनीति के क्षेत्र में कद्दावर नेता भी चुनाव हार गए। अजसु नेता सुदेश महतो चुनाव हारे, कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह भी हारे।
5. आरजेडी और जनता दल युनाइटेड को चुनाव में अभी तक एक भी सीट नहीं मिली। साथ ही लेफ्ट दल सीपीआई और सीपीएम भी खाता नहीं खोल पाए।
6. 1990 से बागोदर सीट पर जीतती आ रही सीपीआई एम-एल भी यह सीट हार गई।
7. 1996 से यह पहला चुनाव है जब पूरी चुनावी प्रक्रिया में एक भी मौत नक्सली हमले में नहीं हुई। इस चुनाव में कोई हिंसक घटना नहीं घटी और न ही कोई लैंडमाइम धमाका हुआ।
8. यह पहला चुनाव है जब सरकार बनाने के लिए किसी निर्दलीय से संपर्क करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह पहली बार है कि किसी भी निर्दलीय के लिए जनता ने वोट नहीं किया।
9. इस चुनाव में पहली बार 12 हेलीकॉप्टरों को प्रयोग किया था। यह हेलीकॉप्टर चुनाव प्रचार के लिए प्रयोग किए गए।
10. चुनावी में जीत के बाद बीजेपी संसदीय दल बुधवार को बैठक कर मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करेगा, लेकिन यह पहली बार होगा कि गैर-आदिवासी के नाम पर भी चर्चा हो सकेगी।
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