एनडीए के घटक दल से जुड़े संजय सराफ ने इस बात की पुष्टि की है कि वह सैयद शाह गिलानी से मिले थे, लेकिन उन्होंने इस खबर का खंडन किया कि वह उनके पास नरेंद्र मोदी का कोई संदेश लेकर गए थे।
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की युवा शाखा के प्रमुख सराफ ने कहा कि इन अलगाववादी नेता के साथ उनका संबंध व्यक्तिगत है। उन्होंने कहा, 'मैं पिछले कई सालों से गिलानी से मिलता रहा हूं। लेकिन जो खबर आई है, उस संदर्भ में मैं उनसे नहीं मिला था।' उन्होंने कहा कि जब उन्हें पता चला कि गिलानी ने दावा किया है कि बीजेपी नेता मोदी के साथ वार्ता शुरू करने के वास्ते दो दूत उनसे मिले थे और उन दूतों में उनका भी नाम है तब वह बिहार से यहां आए।
सराफ ने कहा, 'यह बिल्कुल ही बेबुनियाद खबर है। इस साल मार्च के प्रारंभ में गिलानी को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया, तब से मैं उनसे नहीं मिला।' जब उनसे मीडिया की इस खबर के बारे में पूछा गया कि दो दूतों में एक के रूप में उनका नाम आया है तो उन्होंने कहा कि वह उस समाचार पत्र के खिलाफ कानूनी विकल्पों पर गौर रहे हैं, जिसने झूठ फैलाने के लिए यह खबर छापी और उनका नाम ऐसे प्रकरण में घसीटा जिसका हिस्सा वह थे ही नहीं।
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