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This Article is From Apr 25, 2014

चुनाव आयोग ने वोटिंग लिस्ट से वोटरों का नाम गायब होने को लेकर मांगी माफी

नई दिल्ली:

मुंबई में लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूची से बड़ी संख्या में लोगों का नाम गायब होने के मामले में चुनाव आयोग ने आज माफी मांगी है और स्वीकार किया है यह गलती उनकी ओर से हुई है।

मुंबई में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के दूसरे ही दिन मुंबई उत्तर-पूर्व संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी किरीट सोमैया ने पुलिस में 'आपराधिक लापरवाही और षड्यंत्र' का मामला दर्ज कराया है। जबकि दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि कम से कम मुंबई में पात्र मतदाताओं को वेबसाइट पर अपने नाम की जांच करने के मामले में 'लापरवाह' नहीं होना चाहिए।

चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, 'मुझे इस बात के लिए जरूर माफी मांगनी चाहिए और दुख जताना चाहिए कि इतनी बड़ी संख्या में हमारे मतदाताओं के नाम सूची में नहीं मिले हैं। यह बहुत बहुत गंभीर प्रक्रियागत गलती है जो नहीं होनी चाहिए थी।' उन्होंने कहा, 'यह हमारी ओर से कमी है। हमें इसे स्वीकार करना चाहिए और इसे सुधारने का प्रयास करना चाहिए।' महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में चुनाव आयोग ने कहा कि आयोग 20 मई से मतदाता सूची में नाम जोड़ने का काम शुरू करेगा। उस दौरान जिनके भी नाम सूची में नहीं है वह शामिल करा सकते हैं।

एचडीएमसी के अध्यक्ष दीपक पारेख, वकील राम जेठमलानी और बंबई स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष आशीषकुमार चौहाण आदि के नाम मतदाता सूची से गायब हैं। इस मामले में चव्हाण की प्रतिक्रिया है, 'यदि आप अंतरराष्ट्रीय उड़ान ले रहे हैं तो 24 घंटे पहले अपना आरक्षण चेक करते हैं। क्या आप अपने सहायक से कह कर एक सप्ताह या चार दिन पहले यह पता नहीं कर सकते थे, आपका नाम सूची में है या नहीं?' उनका कहना है, 'मैं समझ सकता हूं यदि कोई झुग्गी वाला शिकायत करे, लेकिन कॉरपोरेट अपना नाम नहीं होने की शिकायत क्यों कर रहे हैं। उन्होंने बस लापरवाही की है।'

इस पूरे घटनाक्रम के बाद भाजपा ने चुनाव प्राधिकार से कहा है कि वह मतदाता सूची की फिर से समीक्षा करे। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि ज्यादातर लोगों ने 2009 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान किया था और उनके पास वैध मतदाता पहचानपत्र भी हैं।

उन्होंने कहा, 'जिनके नाम हटाए गए हैं उनमें से 90 प्रतिशत को शिव सेना और भाजपा का पारंपरिक मतदाता माना जाता है।' फडनवीस ने पूछा, 'पहले भी मतदान करने वाले, पारेख जैसे व्यक्ति का नाम कैसे हटाया जा सकता है।' उन्होंने कहा, 'नाम हटाने से पहले समुचित प्रकिया का पालन नहीं किया गया और संबंधित लोगों को कोई सूचना नहीं दी गई।' फडनवीस ने कहा, 'महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और संसदीय क्षेत्रों के निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि मतदाता सूची में नाम मौजूद है या नहीं इसकी जांच करना मतदाता का काम है। यदि ऐसा ही है तो कृपया हमें बता दें कि आपकी (चुनाव आयोग) जिम्मेदारी क्या है।'

भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि उद्धव ठाकरे, गोपीनाथ मुंडे और रामदास अठावले सहित महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा नेतृत्व वाले विपक्ष के वरिष्ठ नेता मतदाताओं के नाम गायब होने के मामले पर ध्यान आकर्षित करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने की योजना बना रहे हैं।

मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रत्याशी बाला नंदगांवकर का कहना है कि मतदाता सूची से बड़ी संख्या में लोगों का नाम गायब होना 'कांग्रेस और राकांपा का किया गया षड्यंत्र' है।

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